रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Chhatishgarh Capital Raipur) के माना कैम्प स्थित इंटरनेशनल एनजीओ एसओएस (Austrias International NGO SOS) बालग्राम में एक नाबालिग तीन माह की गर्भवती होने का मामला सामने आया है. इस घटना को सामने लाने वाला ETV Bharat है, जिसके बाद एनजीओ को नोटिस (Notice to NGO) जारी किया गया है. ये बात निकलकर सामने आ रही है कि महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) इस मामले को दबाने की फिराक में था, लेकिन ETV Bharat में खबर प्रसारित होने के बाद आनन फानन में विभाग को बालग्राम की अधीक्षिका को नोटिस जारी करना पड़ा. वहीं, मामला उजागर होने के बाद माना टीआई शरद चंद्रा ने बताया कि संस्था द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने का मामला दर्ज कराया गया था. माना पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
एक घंटे के भीतर जारी हुआ नोटिस
बच्ची के गर्भवती होने के बाद संस्था ने माना थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि 26 नवंबर को एफआईआर दर्ज होने के बावजूद इस मामले का खुलासा नहीं हुआ था. पुलिस द्वारा जारी की जाने वाली डीएसआर में भी इस मामले का जिक्र नहीं है, जिसके चलते मीडिया में यह खबर नहीं आ पाई. ETV Bharat की टीम को इस मामले की भनक लगी और इस खबर के प्रसारित होने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी करना पड़ा.
मामले में जब ETV Bharat ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अशोक पांडेय से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने एक जांच कमेटी बनाई है. उसे मंगलवार को एसओएस बालग्राम भेजा था. उसकी रिपोर्ट आ गई है, जिसके बाद वहां की अधीक्षिका को नोटिस जारी किया गया है. उनकी सेवा भी खत्म कर दी है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने किसी तरह का नोटिस जारी नहीं किया था.
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ये है पूरा मामला
रायपुर के माना में एनजीओ द्वारा संचालित एसओएस बालग्राम (Mana Balgram Raipur) में अनाथ बच्चों की परवरिश के साथ-साथ उन्हें शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है. यह संस्था यहां पिछले कई वर्षों से संचालित है. इस संस्था में करीब 15 वर्षीय एक नाबालिग बच्ची तीन माह की गर्भवती हो चुकी है. ऐसे में गरीब और अनाथ बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देने और उनका लालन-पालन करने वाले एनजीओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ETV Bharat की टीम ने पता लगाया कि सुरक्षा के लिहाज से वहां की व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त है. किसी भी घटना पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं. बालग्राम में पुरुष स्टाफ का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है, बावजूद इसके हमारे कैमरे में पुरुष स्टाफ भी कैद हुए हैं. बताया जाता है कि माना के बालग्राम में जहां नाबालिग बच्चियां रहती हैं, उस कैंपस के करीब ही आरोपी भी रहता है. कैंपस की दीवार फांदकर वह बालग्राम के अंदर प्रवेश किया करता था और बच्ची से दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देकर वहां से दोबारा दीवार फांदकर बाहर निकल जाता था.
बालग्राम संस्था का संचालक ऑस्ट्रिया का एनजीओ
कई वर्षों से आस्ट्रिया का इनंटरनेशल एनजीओ एसओएस (Austrias International NGO SOS) बालग्राम का संचालन कर रहा है. यहां अनाथ और गरीब बच्चों की शिक्षा-दीक्षा और पालन-पोषण का काम किया जा रहा है. वर्तमान में इस बालग्राम में 122 नाबालिग बच्चियां रह रही हैं. उनका पूरा खर्चा एनजीओ एसओएस वहन कर रहा है. 26 नवंबर 2021 को माना थाने में बालग्राम संस्था में रहने वाली नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला संस्था के कर्मी ने दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस की डीएसआर में इसका उल्लेख नहीं है. ETV Bharat ने जब इसकी पड़ताल की तब जाकर मामला उजागर हुआ. इस मामले में जब माना टीआई शरद चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने का मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद माना पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.