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निजी क्षेत्र नहीं चला सकता रेलवे, हम करेंगे सवा लाख नई भर्तियां : रेल मंत्री

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि हम रेलवे में रिक्तियों के हिसाब से करीब सवा लाख भर्तियां करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में रेल विकास को लेकर उन्होंने कहा कि लखनऊ के गोमती नगर और चारबाग के अलावा प्रदेश के करीब 18 से 20 स्टेशनों को नए सिरे से तैयार किया जाएगा.

रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव
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Published : Jan 7, 2022, 9:19 AM IST

लखनऊ: केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव (Railways minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि रेलवे को निजी क्षेत्र नहीं चला सकता और इसका कोई निजीकरण नहीं होने जा रहा है (privatization of railways). उन्होंने कहा कि रेलवे की व्यवस्था बहुत जटिल है और निजीकरण करना संभव ही नहीं है. तेजस जैसी ट्रेन भी आईआरसीटीसी जैसी सरकारी एजेंसी ही चला रही है.

उन्होंने कहा कि हम रेलवे में रिक्तियों के हिसाब से करीब सवा लाख भर्तियां करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में रेल विकास को लेकर उन्होंने कहा कि लखनऊ के गोमती नगर और चारबाग के अलावा प्रदेश के करीब 18 से 20 स्टेशनों को नए सिरे से तैयार किया जाएगा.

वीडियो में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव

स्टेशन ऐसे होंगे जहां पर लोग न केवल ट्रेन पकड़ने जा सकेंगे बल्कि यहां सैर सपाटा भी किया जा सकेगा. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में रेलमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी रेल विकास योजनाओं में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी.

गोमती नगर और चारबाग रेलवे स्टेशनों के विकास का काम तेजी से किया जा रहा है. इसके अलावा भी स्टेशन को ट्रांसफॉर्म करने के लिए 18 से 20 स्टेशनों का विकास किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि ट्रेन का एक्सपीरियंस सुधरे. ट्रेन के लिए नई डिजाइन सोची जा रही है. इस सोच के साथ बोगियों को भी माॅडल बनाने की कोशिश की जा रही है. अप्रैल में इस बोगी का प्रोटोटाइप आ जाएगा. बताया कि हम एक लाख किमी टेस्टिंग करेंगे. ट्रेनों में एयर स्प्रिंग लगाएंगे. इससे यात्री के लिए ट्रेन और आरामदायक हो जाएगी.

उन्होंने कहा, 'रेलवे का निजीकरण संभव नहीं है. रेल पटरी, इंजन, स्टेशन, सिंग्नल सबकुछ अलग-अलग हैं. मगर फिर भी जुड़े हुए हैं. हमारी निजीकरण की कोई सोच ही नहीं है. ट्रेन को चलाना प्राइवेट सेक्टर के लिए संभव नहीं है. हम सवा लाख नौकरी देने जा रहे हैं. इसके लिए अब तक एक करोड़ 40 लाख एप्लिकेशन आ चुकी हैं'.

पढ़ें : WHO की चेतावनी, जानलेवा है ओमीक्रोन वैरिएंट, 'हल्का' मानने की गलती न करें

रेल मंत्री ने कहा कि विपक्ष केवल निजीकरण की हवा फैला रहा है. ऐसा होने कुछ नहीं जा रहा. हमारी तेजस जैसी ट्रेनों को भी आईआरसीटीसी चला रही है. आईआरसीटीसी भी एक सरकारी एजेंसी है.

लखनऊ: केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव (Railways minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि रेलवे को निजी क्षेत्र नहीं चला सकता और इसका कोई निजीकरण नहीं होने जा रहा है (privatization of railways). उन्होंने कहा कि रेलवे की व्यवस्था बहुत जटिल है और निजीकरण करना संभव ही नहीं है. तेजस जैसी ट्रेन भी आईआरसीटीसी जैसी सरकारी एजेंसी ही चला रही है.

उन्होंने कहा कि हम रेलवे में रिक्तियों के हिसाब से करीब सवा लाख भर्तियां करने जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में रेल विकास को लेकर उन्होंने कहा कि लखनऊ के गोमती नगर और चारबाग के अलावा प्रदेश के करीब 18 से 20 स्टेशनों को नए सिरे से तैयार किया जाएगा.

वीडियो में रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव

स्टेशन ऐसे होंगे जहां पर लोग न केवल ट्रेन पकड़ने जा सकेंगे बल्कि यहां सैर सपाटा भी किया जा सकेगा. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में रेलमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी रेल विकास योजनाओं में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी.

गोमती नगर और चारबाग रेलवे स्टेशनों के विकास का काम तेजी से किया जा रहा है. इसके अलावा भी स्टेशन को ट्रांसफॉर्म करने के लिए 18 से 20 स्टेशनों का विकास किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि ट्रेन का एक्सपीरियंस सुधरे. ट्रेन के लिए नई डिजाइन सोची जा रही है. इस सोच के साथ बोगियों को भी माॅडल बनाने की कोशिश की जा रही है. अप्रैल में इस बोगी का प्रोटोटाइप आ जाएगा. बताया कि हम एक लाख किमी टेस्टिंग करेंगे. ट्रेनों में एयर स्प्रिंग लगाएंगे. इससे यात्री के लिए ट्रेन और आरामदायक हो जाएगी.

उन्होंने कहा, 'रेलवे का निजीकरण संभव नहीं है. रेल पटरी, इंजन, स्टेशन, सिंग्नल सबकुछ अलग-अलग हैं. मगर फिर भी जुड़े हुए हैं. हमारी निजीकरण की कोई सोच ही नहीं है. ट्रेन को चलाना प्राइवेट सेक्टर के लिए संभव नहीं है. हम सवा लाख नौकरी देने जा रहे हैं. इसके लिए अब तक एक करोड़ 40 लाख एप्लिकेशन आ चुकी हैं'.

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रेल मंत्री ने कहा कि विपक्ष केवल निजीकरण की हवा फैला रहा है. ऐसा होने कुछ नहीं जा रहा. हमारी तेजस जैसी ट्रेनों को भी आईआरसीटीसी चला रही है. आईआरसीटीसी भी एक सरकारी एजेंसी है.

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