ETV Bharat / bharat

रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम ने 'रोरो' सेवा के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया - पालनपुर और हरियाणा

डीएफसीसीआईएल ने मालगाड़ियों के लिए अलग से पश्चिमी गलियारे पर गुजरात के पालनपुर और हरियाणा के रेवाड़ी के बीच 'रोल-ऑफ, रोल-ऑन (रोरो) सेवा शुरू करने को लेकर निविदा जारी कर निजी कंपनियों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है.

डीएफसीसीआईएल
डीएफसीसीआईएल
author img

By

Published : Feb 22, 2021, 10:04 PM IST

नई दिल्ली : रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम डीएफसीसीआईएल ने मालगाड़ियों के लिए अलग से पश्चिमी गलियारे पर गुजरात के पालनपुर और हरियाणा के रेवाड़ी के बीच 'रोल-ऑफ, रोल-ऑन (रोरो) सेवा शुरू करने को लेकर निविदा जारी कर निजी कंपनियों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है.

रेलवे की रो-रो सेवा के तहत वैगन में सामान ले जाने के बजाय माल लदे ट्रकों और दूसरे वाहनों की ढुलाई की जाती है. उन्हें निश्चित जगह पर उतारा जाता है, जहां से संबंधित वाहन के चालक उसे गंतव्य तक पहुंचाते हैं.

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) ने 16 फरवरी को अनुरोध प्रस्ताव जारी किया. इसमें कहा गया है कि विजेता बोलीदाता को एक साल तक 714 किलोमीटर मार्ग पर माल से लदे ट्रकों की ढुलाई का अधिकार होगा.

दस्तावेज के अनुसार इसमें सामानों से लदे 45 ट्रकों के साथ पश्चिमी क्षेत्र में मालगाड़ियों के लिए अलग गलियारे में 900 फेरे यानी आवाजाही शामिल होगी.

इसमें कहा गया है कि अनुबंध का आधार मूल्य 81 करोड़ रुपये है. यह इस आकलन पर आधारित है कि प्रत्येक 'ट्रिप' से 9 लाख रुपये की कमाई होगी.

रो-रो सेवा से कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ 66,000 डीजल चालित ट्रकों की भीड़ कम होगी, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश जाते समय दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों से हर दिन गुजरते हैं.

पढ़ें- भारत ने किया एस्ट्रा प्रणाली पर आधारित मिसाइल का पहला परीक्षण

अधिकारियों ने कहा कि ट्रक परिचालकों के लिए यह व्यवस्था फायदेमंद है. सामानों का परिवहन सुरक्षित और तेजी से हो सकेगा. साथ ही डीजल और मानव घंटों की बचत होगी. इससे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा.

इस सेवा की शुरुआत 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की थी. हालांकि तकनीकी कारणों से यह सफल नहीं हुई थी.

नई दिल्ली : रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम डीएफसीसीआईएल ने मालगाड़ियों के लिए अलग से पश्चिमी गलियारे पर गुजरात के पालनपुर और हरियाणा के रेवाड़ी के बीच 'रोल-ऑफ, रोल-ऑन (रोरो) सेवा शुरू करने को लेकर निविदा जारी कर निजी कंपनियों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया है.

रेलवे की रो-रो सेवा के तहत वैगन में सामान ले जाने के बजाय माल लदे ट्रकों और दूसरे वाहनों की ढुलाई की जाती है. उन्हें निश्चित जगह पर उतारा जाता है, जहां से संबंधित वाहन के चालक उसे गंतव्य तक पहुंचाते हैं.

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) ने 16 फरवरी को अनुरोध प्रस्ताव जारी किया. इसमें कहा गया है कि विजेता बोलीदाता को एक साल तक 714 किलोमीटर मार्ग पर माल से लदे ट्रकों की ढुलाई का अधिकार होगा.

दस्तावेज के अनुसार इसमें सामानों से लदे 45 ट्रकों के साथ पश्चिमी क्षेत्र में मालगाड़ियों के लिए अलग गलियारे में 900 फेरे यानी आवाजाही शामिल होगी.

इसमें कहा गया है कि अनुबंध का आधार मूल्य 81 करोड़ रुपये है. यह इस आकलन पर आधारित है कि प्रत्येक 'ट्रिप' से 9 लाख रुपये की कमाई होगी.

रो-रो सेवा से कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ 66,000 डीजल चालित ट्रकों की भीड़ कम होगी, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश जाते समय दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों से हर दिन गुजरते हैं.

पढ़ें- भारत ने किया एस्ट्रा प्रणाली पर आधारित मिसाइल का पहला परीक्षण

अधिकारियों ने कहा कि ट्रक परिचालकों के लिए यह व्यवस्था फायदेमंद है. सामानों का परिवहन सुरक्षित और तेजी से हो सकेगा. साथ ही डीजल और मानव घंटों की बचत होगी. इससे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा.

इस सेवा की शुरुआत 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की थी. हालांकि तकनीकी कारणों से यह सफल नहीं हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.