नई दिल्ली : भारत की मिट्टी में बुलेट ट्रेन चल पाना संभव है या नहीं, इस सवाल को लेकर बुधवार को लोक सभा में जमकर हंगामा हुआ. तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता और वरिष्ठ सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच भारत में बुलेट ट्रेन चलने की संभावना को लेकर तीखी बहस हुई.
केंद्रीय बजट के तहत 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मां-माटी-मानुष की बात करने वाले लोगों को अपनी मां-माटी पर ही भरोसा नहीं है और ये कह रहे हैं कि भारत की मिट्टी में बुलेट ट्रेन चलाने की क्षमता ही नहीं है. रेल मंत्री के यह कहते ही तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, कल्याण बनर्जी सहित कई अन्य दलों के सांसदों ने भी खड़े होकर विरोध करना शुरू कर दिया. सत्ता पक्ष की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और भाजपा के कई सांसदों ने भी खड़े होकर तृणमूल कांग्रेस सांसदों के रवैये का विरोध करना शुरू कर दिया.
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सबको मर्यादा में रहने की हिदायत देते हुए हंगामा शांत किया. रेल मंत्री के जवाब के बाद अपनी पार्टी के सांसद नुसरत जहां के वक्तव्य का बचाव करते हुए सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि वो रेलवे कमेटी के चेयरमैन रह चुके हैं और उस दौरान उन्होंने दुनिया के कई देशों और भारत के रेलवे को गहराई से समझा है और इस आधार पर उनका मानना है कि भारत की मिट्टी में जापान की तरह बुलेट ट्रेन नहीं चल सकती है. उन्होंने कहा कि भारत में फास्ट स्पीड ट्रेन ही चल सकती है, बुलेट ट्रेन नहीं.
तृणमूल कांग्रेस सांसदों के हंगामे पर पलटवार करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह शर्म की बात है कि कुछ लोगों को भारत की मिट्टी, भारत की क्षमता और भारतीय इंजीनियरों की क्षमता पर भरोसा नहीं है. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक हम विदेशों पर निर्भर रहेंगे. वल्र्ड क्लास रेलवे स्टेशन को लेकर भी सुदीप बंदोपाध्याय और अश्विनी वैष्णव में बहस हुई. चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है.
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