नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) ने भाजपा की गलतियों को उजागर करने के साथ पीएम मोदी पर दबाव डाला है. यही वजह है कि वह मिस्र में महत्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन सम्मेलन छोड़ कर हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने 'ईटीवी भारत' के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि ' इस यात्रा में पूरे देश के लोगों में अभूतपूर्व लामबंदी रही है, खासकर उन सड़कों से जिनसे राहुल गांधी गुजर रहे हैं. यात्रा के राजनीतिक निहितार्थों को देखा जा सकता है कि पीएम मिस्र में सीओपी सम्मेलन में नहीं गए. वह अतीत में ऐसे हर शिखर सम्मेलन में जाते रहे हैं. वह पेरिस गए... शेफील्ड गए. COP सम्मेलन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हम तीसरे सबसे बड़े प्रदूषक हैं. भारत हरित प्रौद्योगिकियों के लिए बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण की उम्मीद लगाए बैठा है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने वहां नहीं जाना चुना.'
उन्होंने कहा कि 'हर पीएम को घरेलू समस्याएं होती हैं. यूके के पीएम ऋषि सुनक की अपनी समस्याएं थीं और उन्होंने जाने से इनकार कर दिया लेकिन जनता के दबाव में वे मिस्र गए हैं. लेकिन हमारे पीएम हिमाचल प्रदेश और गुजरात में प्रचार कर रहे हैं. इसलिए इस बार कुछ अलग है.'
उन्होंने कहा कि 'अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ गुस्सा आम है. बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दे हैं. देश को जिस तरह से चलाया जा रहा है उससे कुल मिलाकर भारी असंतोष है. राजनीतिक अस्थिरता है, किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी जिस तरह से अपनी राजनीति कर रही है, खासकर महाराष्ट्र में और उससे पहले कर्नाटक, गोवा और मध्य प्रदेश में क्या हुआ, लोगों ने देखा है और महसूस किया है कि वे कुछ भी करने में विफल रहे हैं. गुजरात और हिमाचल में बीजेपी के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है. राहुल गांधी जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, वे लोगों में गूंज रहे हैं. पीएम इससे चिंतित हैं.'
कांग्रेस के दिग्गज नेता की टिप्पणी उस दिन आई जब राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से होकर सोमवार रात पश्चिमी राज्य में प्रवेश करेगी.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कनिष्ठ मंत्री के रूप में कार्य कर चुके कांग्रेस के दिग्गज नेता के अनुसार भारत जोड़ो यात्रा प्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक नहीं है, लेकिन कांग्रेस को अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा.
चव्हाण ने कहा, 'हम सभी राहुल गांधी के स्वागत के लिए नांदेड़ पहुंच रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, राज्य इकाई के प्रमुख नाना पटोले, पूर्व सीएलपी नेता बालासाहेब थोराट, मैं और राज्य के सभी शीर्ष नेता नांदेड़ में राहुल गांधी के स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे. यात्रा कल देगलुर से शुरू होगी.'
चव्हाण ने कहा,' एक तरफ यात्रा को तिरंगा यात्रा के रूप में पेश किया जा रहा है, कांग्रेस केवल इसका समन्वय कर रही है. भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के बारे में चिंतित सभी समान विचारधारा वाले लोग इसमें शामिल हो रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस का पूरा रैंक और फाइल पहले की तरह लामबंद हो गया है. महाराष्ट्र में सभी 16 कांग्रेस संगठनात्मक जिलों के कार्यकर्ता यात्रा में शामिल होंगे.'
उन्होंने कहा कि 'एनजीओ भी यात्रा में शामिल हो रहे हैं. यात्रा में महाराष्ट्र की कुछ प्रमुख हस्तियां भी शामिल होंगी. हमारे नेताओं ने सहयोगी राकांपा और शिवसेना को आमंत्रित किया है और उनके वरिष्ठ नेताओं के यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है.'
दिलचस्प बात यह है कि शिवसेना- उद्धव ठाकरे धड़े के कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के सत्ताधारी शिवसेना- एकनाथ शिंदे धड़े और भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार को अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में हराने के एक दिन बाद यात्रा महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी. सत्तारूढ़ गठबंधन ने मतदाताओं से उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) मतदान विकल्प के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया था, लेकिन इससे भी सत्तारूढ़ गठबंधन को मदद नहीं मिली.
उपचुनाव का किया जिक्र : चव्हाण के अनुसार, रविवार को अंधेरी पूर्व विधानसभा चुनाव में हार ने सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन को चिंतित कर दिया है क्योंकि लोगों को शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट में दलबदल करने का तरीका पसंद नहीं आया और भाजपा ने उनकी मदद से सरकार बनाई. नतीजतन, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस महा विकास अघाड़ी सरकार 2019 से सत्ता में रहने के बाद जुलाई 2022 में बाहर हो गई थी.
चव्हाण ने कहा, 'उन्होंने पैसे के दम पर एमवीए सरकार को गिरा दिया. ये लोगों को पसंद नहीं आया. उपचुनाव ने दिखाया है कि वे चिंतित हैं. वे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए हैं. करीब 20 मंत्री पद खाली हैं. वे विधान परिषद में 12 सदस्यों को मनोनीत भी नहीं कर पाए हैं. इसमें कुछ कानूनी मुद्दे शामिल हैं और उन्हें डर है कि शीर्ष अदालत द्वारा 16 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है.'
चव्हाण ने कहा, 'इसलिए, वे सभी जो भारतीय लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं, यात्रा का समर्थन कर रहे हैं. वे भले ही कांग्रेस पार्टी के समर्थक न हों, लेकिन यात्रा का केंद्रीय विषय भाजपा की नफरत की राजनीति के खिलाफ देश को फिर से एकजुट करना है. अच्छी बात यह है कि यात्रा का संदेश लोगों को एक साथ ला रहा है.'
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