रायपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में पार्टी डेलिगेट्स को संबोधित किया. राहुल गांधी ने इस दौरान बचपन का किस्सा सुनाया. राहुल गांधी ने बताया कि ''1977 में एक दिन घर में अजीब सा माहौल था. मां ने बताया कि हम घर छोड़ रहे हैं. मां से पूछने पर उन्होंने पहली बार बताया कि यह हमारा घर नहीं बल्कि सरकार का घर है.
"52 साल हो गए लेकिन मेरे पास घर नहीं है": राहुल गांधी ने भावुक होकर कहा कि ''52 साल हो गए लेकिन मेरे पास घर नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. यात्रा के दौरान मेरे साइड में 20-25 फुट जगह ही मेरा घर बन गई. मैंने सबसे कहा कि इस जगह में आकर मुझसे मिलने पर सभी सोचें कि मैं घर आया हूं.''
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पूर्व से पश्चिम तक कांग्रेस फिर निकालने जा रही यात्रा: भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से कांग्रेसी उत्साहित हैं. जिसके बाद फिर कांग्रेस पार्टी एक और यात्रा की प्लानिंग कर रही है. भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर यानी दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर यात्रा निकाली थी और अब यह यात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर होगी. बताया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से यह यात्रा निकलेगी, तो चलकर गुजरात के पोरबंदर तक पहुंचेगी.
कांग्रेस पासीघाट से पोरबंदर तक निकालेगी दूसरी यात्रा: AICC संचार प्रमुख जयराम रमेश ने जानकारी देते हुए बताया कि "यह यात्रा उत्तर से दक्षिण की यात्रा से कुछ अलग होगी. यात्रा के प्रारूप पर अभी अंतिम फैसला नहीं किया गया है. पासीघाट अरुणाचल प्रदेश में स्थित है, वहीं पोरबंदर गुजरात में है. हालांकि, पूर्व से लेकर पश्चिम की ओर यात्रा में उतने सारे लोग भाग नहीं लेंगे, जितने कि दक्षिण से उत्तर की यात्रा में शामिल हुए थे." जयराम रमेश ने बताया "क्योंकि रास्ते के बीच में कई नदियां और जंगल पड़ेंगे, इसलिए इसमें पदयात्रा के साथ ही परिवहन के साधनों का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
भारत जोड़ो यात्रा का राहुल गांधी ने किया जिक्र: राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे इस यात्रा के जरिए उन्हें भारत को समझने का मौका मिला. राहुल गांधी ने बताया कि "इस यात्रा ने मेरे अंदर के अहंकार को खत्म को किया. राहुल गांधी ने कहा कि" मैं सोचता था कि फिट हूं, 20-25 KM चल लूंगा. लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया और 10 से 15 दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया. भारत माता ने मुझे संदेश दिया तुम अगर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से अहंकार मिटाओ, वर्ना मत चलो"