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बिलकिस बानो केस के 'सुप्रीम' फैसले पर राहुल गांधी बोले- पता चल गया 'अपराधियों का संरक्षक' कौन है

SC verdict on Bilkis case: बिलकिस बानो केस में फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया.

SC verdict on Bilkis case
बिलकिस बानो केस के 'सुप्रीम' फैसले पर राहुल गांधी
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By PTI

Published : Jan 8, 2024, 4:54 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिलकीस बानो मामले के दोषियों की सजा में छूट देने के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के बाद सोमवार को कहा कि इस निर्णय ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है. उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. आज उच्चतम न्यायालय के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि 'अपराधियों का संरक्षक' कौन है.'

  • चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है।

    आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है।

    बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है।

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बिलकीस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है. उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सोमवार को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि आदेश 'घिसा पिटा' था और इसे बिना सोचे-समझे पारित किया गया था.

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया.

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिलकीस बानो मामले के दोषियों की सजा में छूट देने के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के बाद सोमवार को कहा कि इस निर्णय ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है. उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. राहुल गांधी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. आज उच्चतम न्यायालय के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि 'अपराधियों का संरक्षक' कौन है.'

  • चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है।

    आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है।

    बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है।

    — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बिलकीस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है. उच्चतम न्यायालय ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा में छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सोमवार को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि आदेश 'घिसा पिटा' था और इसे बिना सोचे-समझे पारित किया गया था.

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया.

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