नई दिल्ली : गुजरात में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है. यह कैविएट इस उम्मीद में दायर की गई है कि राहुल गांधी गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. इस महीने 7 जुलाई को, उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें उन्होंने अपने मोदी उपनाम को लेकर आपराधिक मानहानि के मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी.
शीर्ष अदालत की वेबसाइट के अनुसार, पूर्णेश मोदी की ओर से कैविएट 7 जुलाई को दायर की गई थी. कांग्रेस ने कहा था कि वे गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. कैविएट दायर किए जाने की स्थिति में कोई भी आदेश पारित करने से पहले अदालत को दोनों पक्षों को सुनना होता है.
इससे पहले सात जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने 'मोदी उपनाम' टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. न्यायाधीश ने पहले भी सुनवाई करते हुए राहुल गांधी को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था.
राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला उनकी 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी से जुड़ा है. सूरत पश्चिम का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी ने गांधी के उस बयान के खिलाफ मामला दायर किया जिसमें उन्होंने सवाल उठाया था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है. 23 मार्च, 2023 को, सूरत में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया, जो आपराधिक मानहानि से संबंधित थी. इस मामले में उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी.