नई दिल्ली: 'मोदी उपनाम' को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में ऊपरी अदालत द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक न लगाए जाने की सूरत में वह शुक्रवार से आठ वर्षों के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे. निर्वाचन आयोग के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एवं चुनावी कानून के विशेषज्ञ ने शुक्रवार को यह बात कही.
पूर्व अधिकारी ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा आठ का हवाला देते हुए कहा कि राहुल की अयोग्यता आठ साल के लिए होगी, जिसमें दो साल के कारावास की अवधि और फिर रिहाई के बाद कानून में निर्धारित छह साल की अयोग्यता अवधि शामिल है. दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा आठ के तहत दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति 'दोषसिद्धि की तिथि' से अयोग्य हो जाता है और सजा पूरी होने के छह साल बाद तक अयोग्य रहता है.
चुनाव आयोग के पूर्व अधिकारी ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि ऊपरी अदालत के राहुल की दोषसिद्धि पर रोक न लगाने की सूरत में वह आठ वर्षों के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य हो जाएंगे. पूर्व अधिकारी ने यह भी कहा कि 'तकनीकी रूप से' चुनाव आयोग केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव करा सकता है, क्योंकि वर्तमान लोकसभा की अवधि समाप्त होने में अभी एक साल से अधिक समय बचा है.
उन्होंने बताया कि अगर सदन की अवधि समाप्त होने में एक साल से कम समय होता है, तो विधानसभा या लोकसभा उपचुनाव कराने से परहेज किया जाता है. पूर्व अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग के अदालत द्वारा राहुल गांधी को सजा के खिलाफ अपील दायर करने के लिए दी गई 30 दिन की अवधि तक इंतजार करने की संभावना है. राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
इससे पहले, गुरुवार को सूरत (गुजरात) की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में राहुल को दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि, सजा के ऐलान के बाद अदालत ने राहुल को जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन की रोक लगा दी थी, ताकि वह फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें.
लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना में राहुल की अयोग्यता की घोषणा करते हुए कहा कि यह (अयोग्यता) 23 मार्च को उनकी दोषसिद्धि की तारीख से प्रभावी होगी. अधिसूचना में कहा गया है कि सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में सजा सुनाए जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 को उनकी दोषसिद्धि की तिथि से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाता है.
राहुल लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद पीपी मोहम्मद फैज़ल के बाद हाल-फिलहाल में लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने वाले दूसरे सांसद हैं. लक्षद्वीप की कवारत्ती सत्र अदालत ने हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी पाए जाने के बाद मोहम्मद फैजल सहित चार लोगों को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी. सजा के ऐलान के बाद फैजल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
हालांकि, बाद में केरल उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया था. फैज़ल के अनुसार, लोकसभा सचिवालय ने अभी तक उनकी अयोग्यता को रद्द करने वाली अधिसूचना जारी नहीं की है. समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मोहम्मद आजम खां को नफरत भरे भाषण मामले में उनकी दोषसिद्धि के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
आजम खां के बेटे एवं सपा नेता अब्दुल्ला आजम को भी पुलिसकर्मियों पर हमले से जुड़े मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. भाजपा के विक्रम सैनी को पिछले साल मुजफ्फरनगर दंगा मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
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राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता को भी आपराधिक मामलों में उनकी दोषसिद्धि के बाद क्रमश: लोकसभा और विधानसभा की सदस्यता से अयोग्यता का सामना करना पड़ा था.
(पीटीआई-भाषा)