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एक बार फिर केंद्र पर बरसे राहुल गांधी, कही बड़ी बात - कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लेटेस्ट अपडेट

राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा है. उन्हाेंने बेराेजगारी और निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए केंद्र पर कटाक्ष किया है.

Rahul
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Published : Aug 29, 2021, 12:22 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा है. केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट कर हैशटैग #IndiaOnSale लिखा. इससे पहले भी राहुल ने कहा था कि देश में मित्रिकरण की सुनामी चल रही है.

रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'देश कर रहा है मित्र-मनॉपली की बात.'

राहुल गांधी का ट्वीट
राहुल गांधी का ट्वीट

इसे भी पढ़ें : भाजपा की संपत्ति में 50 फीसदी की इजाफा, राहुल का तंज-जनता की कितनी बढ़ी?

इससे पहले राहुल गांधी ने संपत्तियों की बिक्री पर भी केंद्र को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस नेता ने कहा था कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी, उसे बेचने का फैसला ले लिया है. मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया.

इसे भी पढ़ें : राहुल गांधी का ट्विटर वार, चल रही मित्रिकरण की सुनामी

उन्होंने कहा था कि हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का तर्क था. उन्होंने यह भी कहा था कि जब रोजगार ही नहीं रहेगा तो आरक्षण का क्या मतलब रह जाएगा.

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा है. केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट कर हैशटैग #IndiaOnSale लिखा. इससे पहले भी राहुल ने कहा था कि देश में मित्रिकरण की सुनामी चल रही है.

रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, 'देश कर रहा है मित्र-मनॉपली की बात.'

राहुल गांधी का ट्वीट
राहुल गांधी का ट्वीट

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इससे पहले राहुल गांधी ने संपत्तियों की बिक्री पर भी केंद्र को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस नेता ने कहा था कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी, उसे बेचने का फैसला ले लिया है. मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया.

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उन्होंने कहा था कि हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का तर्क था. उन्होंने यह भी कहा था कि जब रोजगार ही नहीं रहेगा तो आरक्षण का क्या मतलब रह जाएगा.

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