नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार द्वारा पार्टी नेताओं को निशाना बनाए जाने से नाराज हैं और उन्होंने राज्य इकाई से इस कदम के खिलाफ आंदोलन करने को कहा है. केरल के एआईसीसी प्रभारी तारिक अनवर ने बताया कि राहुल गांधी ने हाल ही में राज्य के नेताओं के साथ राजनीतिक हालात पर चर्चा की. वह राज्य सरकार द्वारा पार्टी नेताओं को निशाना बनाए जाने से नाराज हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कांग्रेस पदाधिकारियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए हैं. पूर्व पार्टी प्रमुख ने राज्य के नेताओं से कहा है कि कांग्रेस डराने-धमकाने की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेगी और उनसे इस मुद्दे पर राज्य भर में आंदोलन करने को कहा है. कांग्रेस के दिग्गज नेता की यह टिप्पणी पार्टी द्वारा केरल के नेताओं वीडी सतीसन और के सुधाकरन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने और झूठे मामले दर्ज करने के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने के बाद आई है.
अनवर ने कहा कि हम लोगों को बता रहे हैं कि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन इस मामले में पीएम मोदी की तरह व्यवहार कर रहे हैं. प्रधानमंत्री राजनीतिक हिसाब बराबर करने के लिए झूठे मामलों के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर हमारे नेताओं को निशाना बनाते हैं, जबकि केरल के मुख्यमंत्री राज्य स्तर पर भी ऐसा ही कर रहे हैं. हम इसे चुपचाप स्वीकार नहीं करेंगे. हमने राज्य भर में आंदोलनात्मक कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं और वे आने वाले महीनों में भी जारी रहेंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य इकाई ने एक प्रस्ताव भी पारित किया है कि राजनीतिक विरोधियों को ठीक करने के लिए इस तरह का निशाना बनाना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. एआईसीसी महासचिव ने आगे कहा कि जहां कांग्रेस केरल में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार के खिलाफ खड़ी है, वहीं सबसे पुरानी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर वाम दल के साथ जुड़ना जारी रखेगी.
अनवर ने कहा कि हां, हम केरल में सीपीआई-एम से लड़ते हैं, लेकिन हम पश्चिम बंगाल और बिहार में उनके साथ काम करते हैं. दोनों दल 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता बनाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे. कांग्रेस नेता ने समान नागरिक संहिता के इर्द-गिर्द बहस शुरू करने के लिए भाजपा की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस पार्टी और सीपीआई-एम दोनों ने विवादास्पद मुद्दे पर एक समान दृष्टिकोण साझा किया.
अनवर ने कहा कि 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने और चुनावी लाभ पाने के लिए भाजपा द्वारा यूसीसी बहस शुरू की गई है. इस मुद्दे पर कांग्रेस और सीपीआई-एम दोनों एक ही पेज पर हैं. एआईसीसी प्रभारी ने स्वीकार किया कि केरल इकाई यूसीसी मुद्दे पर बहुत उत्तेजित थी और उसने केंद्रीय नेतृत्व से इस विवादास्पद मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया था.
उन्होंने कहा कि हां, राज्य इकाई ने यूसीसी मुद्दे पर पार्टी के रुख पर हमसे स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि मतदाताओं के बीच इसकी काफी प्रतिध्वनि है. लेकिन हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं और इसलिए हमें सोच-समझकर रुख अपनाना होगा. एआईसीसी का मानना है कि यूसीसी को लेकर यह सारी चर्चा बिना किसी आधार के है.
अनवर ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं है. 21वें विधि आयोग ने पहले इस मुद्दे की समीक्षा की थी और कहा था कि इस स्तर पर समान नागरिक संहिता बनाना न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है. अगर सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव या मसौदा आएगा तो ही हम प्रतिक्रिया देंगे.