नई दिल्ली : तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेता जंतर-मंतर पहुंचे और इन कानूनों को निरस्त करने की मांग की.
किसानों संगठनों द्वारा आयोजित 'किसान संसद' में भाग लेने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने किसानों के प्रति अपना पूरा समर्थन जताया है और तीनों कानूनों को निरस्त करने पर जोर दिया है.
राहुल गांधी के साथ तृणमूल कांग्रेस का कोई सदस्य जंतर-मंतर नहीं पहुंचा, जबकि पिछले दिनों कांग्रेस नेता के बुलाने पर तृणमूल कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी और सौगत रॉय नाश्ते पर पहुंचे थे.
'किसान संसद' में शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, विपक्ष की पार्टियां यहां हिंदुस्तान के किसानों का समर्थन करने के लिए आई थीं. ये तीन कानून खत्म होने चाहिए. हम अपने पूरा समर्थन दिया है.
उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार सदन में विपक्ष को नहीं सुनना चाह रही और पेगासस के मामले पर चर्चा नहीं करा रही है.
कई नेताओं ने भी इस दौरान ईटीवी भारत से चर्चा की.
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने 'किसान बचाओ, भारत बचाओ' के नारे लगाकर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों को समर्थन दिया.
बता दें कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया. इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के संजय राउत और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए.
पढ़ें :- किसान आंदोलन के 100 दिन पर राहुल बोले- तीनों कानून वापस लेने ही होंगे
सूत्रों ने बताया कि खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विपक्षी नेता शुक्रवार को दोपहर में जंतर-मंतर पहुंचकर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताएंगे.
उल्लेखनीय है कि संसद सत्र के मद्देनजर किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर पिछले कुछ दिनों से सांकेतिक 'संसद' का आयोजन किए हुए हैं. किसान संगठनों की मांग तीनों कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाने की है.
सूत्रों के अनुसार, विपक्षी नेताओं की बैठक में यह भी तय किया गया कि पेगासस जासूसी मामला और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को आगे भी घेरा जाएगा.
पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर, संसद के मॉनसून सत्र में शुरू से ही दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से यह सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.
विपक्षी दल इस बात जोर देते आ रहे हैं कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए गत शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.