जयपुर : किसान आंदोलन के समर्थन में राहुल गांधी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर राजस्थान में हैं. शनिवार को वह किशनगढ़-सुरसुरा होते हुए रूपनगढ़ पहुंचे. रूपनगढ़ पहुंचने से पहले राहुल गांधी एक ट्रैक्टर पर सवार हुए और ट्रैक्टर चलाते हुए सभा स्थल पर पहुंचे. इससे पहले उन्होंने सुरसुरा में लोक देवता तेजाजी के दर्शन किए. राहुल गांधी अजमेर भी गए. मकराना में भी संबोधित किया.
रूपनगढ़ में किसान संवाद कार्यक्रम में ट्रैक्टर जैसे दिखने वाले मंच पर खड़े होकर राहुल गांधी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि इन कानूनों में से पहले कानून के जरिए उद्योगपति जितना भी अनाज, फल और सब्जी खरीदना चाहते हैं खरीद सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर देश के कोने-कोने में कोई भी अनाज खरीद सकता है, जितना भी चाहे खरीद सकता है तो फिर मंडी का क्या मतलब रहा. पहले कानून का लक्ष्य मंडी को खत्म करने का और मंडी की हत्या करने का है.
सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को ये तीनों काले कानून वापस लेने होंगे. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में खेती प्रमुख व्यवसाय है. इससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानून लागू किए हैं. वे कहते हैं कि इन तीन कानूनों से भारत के किसानों को जबरदस्त फायदा है, लेकिन यह अजीब बात है किसान ही इस कानून का विरोध कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि कानून में है कि उद्योगपति कितना भी अनाज खरीद सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो मंडी कौन जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को नुकसान होगा. देश में मोबाइल, वाहन, हवाई जहाज का व्यापार बड़ा नहीं है. रैली से पहले राहुल सुरसुरा स्थित वीर तेजा मंदिर पहुंचे जहां पूजा-अर्चना की.
नागौर में पीएम पर साधा निशाना
राजस्थान के नागौर में राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना के समय मजदूरों ने हाथ जोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी से रेल, बस की टिकट मांगी, मतलब 100-200 रुपये मांगे. नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं एक रुपया नहीं दूंगा, मगर उसी समय नरेंद्र मोदी ने 1,50,000 करोड़ का हिन्दुस्तान के सबसे अमीर लोगों का कर्जा माफ किया.
पढ़ें- 17 महीने में हिसाब मांगने वालों ने 70 सालों तक क्या किया : अमित शाह
राहुल गांधी ने कहा कि 200 किसान शहीद हुए लेकिन लोकसभा, राज्यसभा में सांसद दो मिनट के लिए मौन खड़े नहीं हुए इसलिए मैंने कहा कि मैं अपने भाषण के बाद अकेले दो मिनट के लिए शांत खड़ा हो जाऊंगा और जो साथ खड़ा होना चाहता है हो जाए. विपक्ष के सब लोग खड़े हुए लेकिन बीजेपी का एक आदमी खड़ा नहीं हुआ.