ETV Bharat / bharat

चन्नी को पंजाब का CM बनाना राहुल का साहसिक फैसला : जाखड़ - Jakhar

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर के हटने के बाद शुरुआत में सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे रहे सुनील जाखड़ ने अब चन्नी के चयन को लेकर बयान दिया है. जाखड़ ने राहुल गांधी के इस फैसले के साहसिक बताया है. साथ ही इस पर सवाल उठाने वालों पर निशाना साधा है.

जाखड़ राहुल
जाखड़ राहुल
author img

By

Published : Sep 24, 2021, 3:37 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (ormer Punjab Congress president) सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने सीएम के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Chann) को चुनने के राहुल गांधी के फैसले को साहसिक करार दिया. शुरुआत में जाखड़ को मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह ( Amarinder Singh ) का उत्तराधिकारी माना जा रहा था.

जाखड़ ने मुख्यमंत्री चयन को लेकर पार्टी पर हमला करने के लिए कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि 'वे निर्णय के लिए राजनीतिक उद्देश्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए पेड़ों की गिनती करते समय जंगल को याद कर रहे हैं.'

जाखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए गए एक बयान में कहा, ' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री चुनकर एक तरह से 'कांच की छत' को तोड़ दिया है.'

चन्नी राज्य के पहले अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा, 'यह साहसिक निर्णय, हालांकि सिख धर्म के लोकाचार में निहित है, फिर भी न केवल राज्य की राजनीति के लिए बल्कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है.'

सीएम पद की दौड़ में थे जाखड़

जाखड़ का यह बयान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ दिल्ली जाने के दो दिन बाद आया है. अब वह पंजाब लौट चुके हैं. अमरिंदर सिंह के अचानक पद छोड़ने के बाद चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हिंदू चेहरा जाखड़ इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे. हालांकि, अंबिका सोनी सहित पार्टी के नेताओं ने सुझाव दिया था कि एक सिख को नियुक्त किया जाना चाहिए.

उपमुख्यमंत्री का पद ठुकराया!

बाद में यह पता चला कि 'नाराज' जाखड़ ने उपमुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने अटकलों के बीच ट्वीट किया था कि 'छोटे दिमाग के छोटे लोग जो ऊंचे पदों पर बैठे हैं वे पंजाब को जाति/पहचान के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं.' अब चर्चा है कि जाखड़ को कोई पद दिया जा सकता है.

जाखड़ ने शुक्रवार को कहा, 'ये ताना-बाना समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं और चिंताओं का एक जटिल परस्पर क्रिया है. इसे हर समय 'राज धर्म' के रूप में सम्मान, रखरखाव और पोषित किया जाना चाहिए.'

हालांकि, उन्होंने कहा, 'एक बार फिर पंजाबियत की परीक्षा होने का स्पष्ट और वर्तमान खतरा है क्योंकि सामान्य विभाजनकारी ताकतें पहले से ही समाज को खंडित करने के लिए इस परिवर्तनकारी पहल को हथियार बना रही हैं.'

उन्होंने कहा, 'इस खतरे को दूर नहीं किया जा सकता है और अगर इसे अयोग्य / या पक्षपातपूर्ण तरीके से संभाला जाता है तो प्रचलित मजबूत भाईचारा और मित्रता, जो हमेशा परीक्षण के समय में भी पंजाब का गौरव रहा है 'ग्लास हाउस' की तरह आसानी से बिखर सकता है.'

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद भावी मुख्यमंत्रियों की सूची में सबसे आगे जाखड़ का नाम ही चल रहा था. चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी द्वारा सीएम बनाए जाने के बाद सुनील जाखड़ ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी.

पढ़ें- जेट विवाद पर बोले सीएम चन्नी, गरीब का बेटा चढ़ जाए तो क्या दिक्कत

जाखड़ की नाराजगी के बाद शिमला से वापसी के दौरान बुधवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उन्हें चंडीगढ़ से अपने साथ दिल्ली ले गए थे. इस दौरान उन्होंने पंजाब में राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. माना जा रहा है कि जाखड़ को शांत कराने के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया था ताकि उनकी बयानबाजी से पार्टी को और नुकसान न हो.

पढ़ें- सिर्फ दलित कार्ड से पंजाब की सत्ता में वापसी कर पाएगी कांग्रेस ?

(पीटीआई)

चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष (ormer Punjab Congress president) सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने सीएम के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Chann) को चुनने के राहुल गांधी के फैसले को साहसिक करार दिया. शुरुआत में जाखड़ को मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह ( Amarinder Singh ) का उत्तराधिकारी माना जा रहा था.

जाखड़ ने मुख्यमंत्री चयन को लेकर पार्टी पर हमला करने के लिए कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि 'वे निर्णय के लिए राजनीतिक उद्देश्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए पेड़ों की गिनती करते समय जंगल को याद कर रहे हैं.'

जाखड़ ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए गए एक बयान में कहा, ' पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री चुनकर एक तरह से 'कांच की छत' को तोड़ दिया है.'

चन्नी राज्य के पहले अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने कहा, 'यह साहसिक निर्णय, हालांकि सिख धर्म के लोकाचार में निहित है, फिर भी न केवल राज्य की राजनीति के लिए बल्कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है.'

सीएम पद की दौड़ में थे जाखड़

जाखड़ का यह बयान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ दिल्ली जाने के दो दिन बाद आया है. अब वह पंजाब लौट चुके हैं. अमरिंदर सिंह के अचानक पद छोड़ने के बाद चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हिंदू चेहरा जाखड़ इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे. हालांकि, अंबिका सोनी सहित पार्टी के नेताओं ने सुझाव दिया था कि एक सिख को नियुक्त किया जाना चाहिए.

उपमुख्यमंत्री का पद ठुकराया!

बाद में यह पता चला कि 'नाराज' जाखड़ ने उपमुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने अटकलों के बीच ट्वीट किया था कि 'छोटे दिमाग के छोटे लोग जो ऊंचे पदों पर बैठे हैं वे पंजाब को जाति/पहचान के आधार पर बांटने की कोशिश कर रहे हैं.' अब चर्चा है कि जाखड़ को कोई पद दिया जा सकता है.

जाखड़ ने शुक्रवार को कहा, 'ये ताना-बाना समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं और चिंताओं का एक जटिल परस्पर क्रिया है. इसे हर समय 'राज धर्म' के रूप में सम्मान, रखरखाव और पोषित किया जाना चाहिए.'

हालांकि, उन्होंने कहा, 'एक बार फिर पंजाबियत की परीक्षा होने का स्पष्ट और वर्तमान खतरा है क्योंकि सामान्य विभाजनकारी ताकतें पहले से ही समाज को खंडित करने के लिए इस परिवर्तनकारी पहल को हथियार बना रही हैं.'

उन्होंने कहा, 'इस खतरे को दूर नहीं किया जा सकता है और अगर इसे अयोग्य / या पक्षपातपूर्ण तरीके से संभाला जाता है तो प्रचलित मजबूत भाईचारा और मित्रता, जो हमेशा परीक्षण के समय में भी पंजाब का गौरव रहा है 'ग्लास हाउस' की तरह आसानी से बिखर सकता है.'

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद भावी मुख्यमंत्रियों की सूची में सबसे आगे जाखड़ का नाम ही चल रहा था. चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी द्वारा सीएम बनाए जाने के बाद सुनील जाखड़ ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी.

पढ़ें- जेट विवाद पर बोले सीएम चन्नी, गरीब का बेटा चढ़ जाए तो क्या दिक्कत

जाखड़ की नाराजगी के बाद शिमला से वापसी के दौरान बुधवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उन्हें चंडीगढ़ से अपने साथ दिल्ली ले गए थे. इस दौरान उन्होंने पंजाब में राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी. माना जा रहा है कि जाखड़ को शांत कराने के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया था ताकि उनकी बयानबाजी से पार्टी को और नुकसान न हो.

पढ़ें- सिर्फ दलित कार्ड से पंजाब की सत्ता में वापसी कर पाएगी कांग्रेस ?

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.