कानपुर: अक्सर देखने और सुनने को मिलता है कि जेल में बंदियों व कैदियों के बीच मारपीट हो गई है. ऐसे में जेल के अंदर खुशनुमा माहौल रखने के लिए अधिकारियों ने नई तरकीब निकाली है. इसके लिए अफसर जेल में 15 अगस्त से रेडियो स्टेशन शुरू करने जा रहे हैं. इस अनूठी शुरुआत में कैदी ही रेडियो जॉकी की भूमिका में होंगे. बंदी लता मंगेश्कर, मो.रफी के नगमों को सुन सकेंगे. इससे जेल का माहौल बदलने के साथ ही बंदियों का मनोरंजन भी हो सकेगा.
जेल के आला अफसरों का कहना था कि बंदियों का मानसिक स्तर सुधारने और उन्हें अपराध की दुनिया से दूर ले जाने के लिए कई स्तरों पर कवायद हो रही है. इसमें एक योजना यह भी बनाई गई कि बंदियों का मनोरंजन हो सके. इसके लिए जेल में ही रेडियो स्टेशन शुरू करने की योजना तैयार की गई. इसके जरिए बंदी अपने मनपसंद गानों को सुन सकेंगे और गुनगुना सकेंगे.
सुबह छह बजे से शाम को बैरक बंद होने तक चलेगा रेडियो: जेल अधीक्षक डा.बीडी पांडेय ने बताया कि रेडियो स्टेशन की शुरुआत सुबह छह बजे से होगी और देर शाम तक रेडियो पर गानों का प्रसारण होता रहेगा. इस नई कवायद से जहां बंदियों के अंदर रचनात्मकता का विकास होगा, वहीं उम्मीद है कि उनकी प्रतिभा भी निखरेगी. अगर कोई बंदी खुद गीत गाना चाहता है, या कोई वाद्य यंत्र बजाकर दिखाना चाहता है तो उसे भी मौका दिया जाएगा.
पब्लिक एड्रेस सिस्टम की तरह हर बैरक तक गूंजेगी आवाज: जेल अधीक्षक डॉ.बीडी पांडेय ने बताया कि जेल में वैसे तो पब्लिक एड्रेस सिस्टम का संचालन किया जाता है. इसकी मदद से हम त्योहार या किसी विशेष परिस्थिति में बंदियों तक सूचना देते हैं. हालांकि, अब पब्लिक एड्रेस सिस्टम को रेडियो स्टेशन से जोड़ेंगे और फिर गानों की आवाज बंदियों की बैरकों तक गूंजेगी.
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