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'कोरोना लहर कितनी बड़ी चुनौती', रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर ने ईटीवी भारत से साझा किए अनुभव - रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर

कोरोना महामारी के दौरान तेलंंगाना पुलिस सुरक्षा के साथ-साथ वायरस के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है. हैदराबाद में रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर महेश भागवत से 'ईटीवी भारत' ने कई मुद्दों पर बातचीत की.

रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर महेश भागवत
रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर महेश भागवत
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Published : Jun 11, 2021, 8:11 AM IST

हैदराबाद : रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत की. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पुलिस की चुनौतियों के साथ ही कोरोना की थर्ड वेब से मुकाबले की तैयारियों का भी जिक्र किया. पेश हैं साक्षात्कार के कुछ अंश.

  • कोरोना वायरस की दूसरी लहर से निपटने में किस तरह की चुनौतियां रहीं ?
    ईटीवी भारत से साझा किए अनुभव

पुलिस कमिश्नर : कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर से निपटने की चुनौती ज्यादा बड़ी थी, इस दौर में बहुत से पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए. हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कमी रही. पुलिसकर्मियों में सेकंड वेब में असुरक्षा की भावना ज्यादा दिखी, हालांकि अब हालात बेहतर हैं और हम तीसरी वेब से मुकाबले की तैयारी कर रहे हैं.

  • सेकंड वेब में जो पुलिसकर्मी संक्रमित हुए उनकी केयर आपने कैसे की ?

पुलिस कमिश्नर : हम जानते हैं कि पुलिस फोर्स के एक भी शख्स को भी अगर कुछ हो जाए तो फोर्स का मनोबल गिर जाता है. हमने अपनी फोर्स के लिए स्पेशल स्कीम शुरू की थी. जिसमें उन्हें क्वारंटीन करना, दवाओं की किट देना, एक किलो ड्राई फ्रूट्स का पैकेट, 5000 रुपये की आर्थिक मदद दी. इसके साथ ही जूम कॉल के जरिए संक्रमित पुलिसकर्मी का हालचाल जानने के साथ ही उसके मनोबल को बढ़ाने की कोशिश की. कोरोना महामारी की सेकंड वेब के दौरान हमारे कुछ पुलिसकर्मी वेंटिलेटर पर चले गए थे, वो भी स्वस्थ होकर लौटे हैं. हमारा रिकवरी रेट 100% रहा है.

फर्स्ट वेब से सेकेंड वेब के दौरान लोगों ने लापरवाही बरती जिस वजह से मामले बढ़े, तीसरी वेब की चुनौती से निपटने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : सेकंड वेब के दौरान हमने सख्ती बरती है, जिसमें मास्क ना पहनने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसका काफी असर देखने को मिला है. जो लोग नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, उनकी सीसीटीवी फुटेज के जरिए पहचान कर उन्हें ई-चालान भेजे जा रहे हैं.

  • लॉकडाउन के दौरान इंटर-स्टेट चेकपोस्ट पर किस तरह की निगरानी व्यवस्था की गई ?

पुलिस कमिश्नर : रचाकोंडा पुलिस कमिश्ननरेट है ये काफी बड़ा है. कई बॉर्डर से घिरा हुआ है, यहां 47 चेकपोस्ट काम कर रहे हैं. हम लगातार बड़े वाहनों को शहर में आने से रोक रहे हैं. उन्हें अलग-अलग रूट से डायवर्ट कर रहे हैं, ताकि कोरोना महामारी के दौरान व्यवस्था बनी रहे.

  • अनलॉक के दौरान वायरस स्प्रेड को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : माउंडेड हॉर्सेस, कल्चरल टीम्स, ऑडियो विजुअल वैन, रचाकोंडा एरिया के सिटिजन मार्शल लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इस महामारी के दौरान मास्क न पहनने पर 22 हजार लोगों के खिलाफ केस रजिस्टर्ड किए गए हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 6 हजार लोगों पर केस दर्ज किए गए हैं.

  • मानव तस्करी रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : हमने विदेश से ऑनलाइन प्रॉस्टिट्यूशन और ड्रग्स तस्करी के रैकेट को तोड़ने में कामयाबी हासिल की है, जिसमें यूगांडा की 5 महिलाओं और 3 इरानी सिटीजन को पकड़ा है. इसके अलावा भी कई मामले दर्ज किए हैं. हमारी पुलिस इस दिशा में लगातार काम कर रही है.

  • लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के किस तरह के मामले सामने आए ?

पुलिस कमिश्नर : हमने देखा कि घरेलू हिंसा के मामलों की चर्चा ज्यादा है, लेकिन केस उतने ज्यादा नहीं हैं. पुलिस विभाग ने लोगों की मदद के लिए एक 'साइको सोशल हेल्प लाइन' शुरू की, ताकि पुलिस थानों में आने के बजाय लोग अपनी शिकायत इस हेल्प लाइन के माध्यम से दर्ज करा सकें, और समय रहते पुलिस उनकी मदद कर सके.

सेकंड वेब के दौरान साइबर क्राइम के हालात कैसे रहे ?

पुलिस कमिश्नर : कोरोना की पहली लहर में साइबर क्राइम के केस ज्यादा थे. लेकिन दूसरी लहर में साइबर क्राइम के मामले कम आए हैं. साइबर सेल की टीम लगातार इस तरह के क्राइम को रोकने की कोशिश कर रही है और उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है.

  • लगातार ड्यूटी में व्यस्त रहने वाले पुलिस फोर्स के परिवारों की आपने चिंता कैसे की ?

पुलिस कमिश्नर : हमें अपनी टीम के साथ-साथ उनके परिवार की चिंता है. पुलिस कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के वैक्सीनेशन का काम भी लगातार चल रहा है. साथ ही, कोरोना महामारी के दौरान भी हमने हमारी पुलिस फोर्स और उनके परिवारों के लिए अलग से व्यवस्थाएं की थीं. चाहे बात हॉस्पिटल की हो या ऑक्सीजन सिलेंडर्स की.

  • पुलिस महकमे में टीकाकरण की क्या स्थिति है ?

पुलिस कमिश्नर : विभाग में करीब 95 प्रतिशत लोगों का पहले चरण का टीकाकरण किया जा चुका है. वहीं, दूसरा डोज भी 62 प्रतिशत लोगों को दिया जा चुका है. बाकी बचे लोगों का भी जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करा दिया जाएगा.

  • आप जनता दरबार लगाने के लिए जाने जाते हैं, अभी क्या व्यवस्था चल रही है ?

पुलिस कमिश्नर : लॉकडाउन के दौरान हमने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को कोरोना महामारी के खिलाफ जागरूक किया, साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान किया. अब कोई भी, कभी भी मेरे ऑफिस आकर अपनी बात रख सकता है.

  • लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : हमारी 'शी' टीम लगातार मॉनिटरिंग करती है, जिससे छेड़छाड़ की घटनाओं में काफी कमी आई है. हम कह सकते हैं कि तेलंगाना राज्य में बेटियां सुरक्षित हैं.

हैदराबाद : रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर महेश भागवत ने 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत की. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पुलिस की चुनौतियों के साथ ही कोरोना की थर्ड वेब से मुकाबले की तैयारियों का भी जिक्र किया. पेश हैं साक्षात्कार के कुछ अंश.

  • कोरोना वायरस की दूसरी लहर से निपटने में किस तरह की चुनौतियां रहीं ?
    ईटीवी भारत से साझा किए अनुभव

पुलिस कमिश्नर : कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर से निपटने की चुनौती ज्यादा बड़ी थी, इस दौर में बहुत से पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए. हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कमी रही. पुलिसकर्मियों में सेकंड वेब में असुरक्षा की भावना ज्यादा दिखी, हालांकि अब हालात बेहतर हैं और हम तीसरी वेब से मुकाबले की तैयारी कर रहे हैं.

  • सेकंड वेब में जो पुलिसकर्मी संक्रमित हुए उनकी केयर आपने कैसे की ?

पुलिस कमिश्नर : हम जानते हैं कि पुलिस फोर्स के एक भी शख्स को भी अगर कुछ हो जाए तो फोर्स का मनोबल गिर जाता है. हमने अपनी फोर्स के लिए स्पेशल स्कीम शुरू की थी. जिसमें उन्हें क्वारंटीन करना, दवाओं की किट देना, एक किलो ड्राई फ्रूट्स का पैकेट, 5000 रुपये की आर्थिक मदद दी. इसके साथ ही जूम कॉल के जरिए संक्रमित पुलिसकर्मी का हालचाल जानने के साथ ही उसके मनोबल को बढ़ाने की कोशिश की. कोरोना महामारी की सेकंड वेब के दौरान हमारे कुछ पुलिसकर्मी वेंटिलेटर पर चले गए थे, वो भी स्वस्थ होकर लौटे हैं. हमारा रिकवरी रेट 100% रहा है.

फर्स्ट वेब से सेकेंड वेब के दौरान लोगों ने लापरवाही बरती जिस वजह से मामले बढ़े, तीसरी वेब की चुनौती से निपटने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : सेकंड वेब के दौरान हमने सख्ती बरती है, जिसमें मास्क ना पहनने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इसका काफी असर देखने को मिला है. जो लोग नियम का पालन नहीं कर रहे हैं, उनकी सीसीटीवी फुटेज के जरिए पहचान कर उन्हें ई-चालान भेजे जा रहे हैं.

  • लॉकडाउन के दौरान इंटर-स्टेट चेकपोस्ट पर किस तरह की निगरानी व्यवस्था की गई ?

पुलिस कमिश्नर : रचाकोंडा पुलिस कमिश्ननरेट है ये काफी बड़ा है. कई बॉर्डर से घिरा हुआ है, यहां 47 चेकपोस्ट काम कर रहे हैं. हम लगातार बड़े वाहनों को शहर में आने से रोक रहे हैं. उन्हें अलग-अलग रूट से डायवर्ट कर रहे हैं, ताकि कोरोना महामारी के दौरान व्यवस्था बनी रहे.

  • अनलॉक के दौरान वायरस स्प्रेड को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : माउंडेड हॉर्सेस, कल्चरल टीम्स, ऑडियो विजुअल वैन, रचाकोंडा एरिया के सिटिजन मार्शल लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराया जा रहा है. इस महामारी के दौरान मास्क न पहनने पर 22 हजार लोगों के खिलाफ केस रजिस्टर्ड किए गए हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 6 हजार लोगों पर केस दर्ज किए गए हैं.

  • मानव तस्करी रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : हमने विदेश से ऑनलाइन प्रॉस्टिट्यूशन और ड्रग्स तस्करी के रैकेट को तोड़ने में कामयाबी हासिल की है, जिसमें यूगांडा की 5 महिलाओं और 3 इरानी सिटीजन को पकड़ा है. इसके अलावा भी कई मामले दर्ज किए हैं. हमारी पुलिस इस दिशा में लगातार काम कर रही है.

  • लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के किस तरह के मामले सामने आए ?

पुलिस कमिश्नर : हमने देखा कि घरेलू हिंसा के मामलों की चर्चा ज्यादा है, लेकिन केस उतने ज्यादा नहीं हैं. पुलिस विभाग ने लोगों की मदद के लिए एक 'साइको सोशल हेल्प लाइन' शुरू की, ताकि पुलिस थानों में आने के बजाय लोग अपनी शिकायत इस हेल्प लाइन के माध्यम से दर्ज करा सकें, और समय रहते पुलिस उनकी मदद कर सके.

सेकंड वेब के दौरान साइबर क्राइम के हालात कैसे रहे ?

पुलिस कमिश्नर : कोरोना की पहली लहर में साइबर क्राइम के केस ज्यादा थे. लेकिन दूसरी लहर में साइबर क्राइम के मामले कम आए हैं. साइबर सेल की टीम लगातार इस तरह के क्राइम को रोकने की कोशिश कर रही है और उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है.

  • लगातार ड्यूटी में व्यस्त रहने वाले पुलिस फोर्स के परिवारों की आपने चिंता कैसे की ?

पुलिस कमिश्नर : हमें अपनी टीम के साथ-साथ उनके परिवार की चिंता है. पुलिस कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के वैक्सीनेशन का काम भी लगातार चल रहा है. साथ ही, कोरोना महामारी के दौरान भी हमने हमारी पुलिस फोर्स और उनके परिवारों के लिए अलग से व्यवस्थाएं की थीं. चाहे बात हॉस्पिटल की हो या ऑक्सीजन सिलेंडर्स की.

  • पुलिस महकमे में टीकाकरण की क्या स्थिति है ?

पुलिस कमिश्नर : विभाग में करीब 95 प्रतिशत लोगों का पहले चरण का टीकाकरण किया जा चुका है. वहीं, दूसरा डोज भी 62 प्रतिशत लोगों को दिया जा चुका है. बाकी बचे लोगों का भी जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करा दिया जाएगा.

  • आप जनता दरबार लगाने के लिए जाने जाते हैं, अभी क्या व्यवस्था चल रही है ?

पुलिस कमिश्नर : लॉकडाउन के दौरान हमने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को कोरोना महामारी के खिलाफ जागरूक किया, साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान किया. अब कोई भी, कभी भी मेरे ऑफिस आकर अपनी बात रख सकता है.

  • लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ?

पुलिस कमिश्नर : हमारी 'शी' टीम लगातार मॉनिटरिंग करती है, जिससे छेड़छाड़ की घटनाओं में काफी कमी आई है. हम कह सकते हैं कि तेलंगाना राज्य में बेटियां सुरक्षित हैं.

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