जमशेदपुरः सिविल कोर्ट गेट पर फायरिंग की घटना के बाद एक बार फिर पुलिस की सुरक्षा के दावे की कलई खुल गई है. अपराधियों ने पुलिस की सुरक्षा के तमाम दावे को धत्ता बताते हुए सोमवार की दोपहर जमशेदपुर कोर्ट के गेट के पास ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा गया था. वहीं लोग इतने संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थान में फायरिंग की घटना के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. बताते चलें कि फायरिंग की घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया था.
गोलमुरी के टीनप्लेट चौक के समीप भी हुई फायरिंगः वहीं कोर्ट के गेट के पास दिनदहाड़े फायरिंग करने के बाद अपराधियों ने दोपहर दो बजे के लगभग गोलमुरी थाना क्षेत्र के टीनप्लेट चौक के पास भी हवाई फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की थी. वहीं लगातार दो फायरिंग की घटना से जमशेदपुर पुलिस की नींद हराम हो गई है. पुलिस मामले की जानकारी मिलने के बाद अनुसंधान में जुट गई है.
मनप्रीत हत्याकांड के गवाह पर अपराधियों ने चलायी गोलीः बताते चलें कि सोमवार को पहली घटना जमशेदपुर कोर्ट के गेट नबंर तीन के पास उस वक्त हुई, जब मनप्रीत पाल हत्याकांड में नवीन सिंह कोर्ट में गवाही देने के लिए जा रहा था. हालांकि घटना में नवीन के साथ-साथ कोर्ट गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी और आम लोग बाल-बाल बच गए, लेकिन बाइक सवार बदमाश भी मौके से फरार होने में सफल रहे.
गोलीकांड की घटना के बाद पुलिस जुटी जांच मेंः वहीं गोलीकांड की घटना के बाद स्थानीय पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गई है. पुलिस कोर्ट के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाल रही है.
मनप्रीत की घर में घुस कर की गई थी हत्याः बता दें कि पिछले साल आठ जून को मनप्रीत पाल सिंह भी एक मामले में गवाही देने के लिए कोर्ट गया था. उसे भी गवाही नहीं देने की धमकी दी गई थी. कोर्ट में गवाही देने के बाद जब मनप्रीत घर लौट रहा था तो उस पर अपराधियों ने हमला कर दिया था, लेकिन वह वहां से जान बचा कर किसी तरह सिदगोड़ा स्थित शिवसिंह बगान अपने घर आ गया था. जहां अपराधियों ने घर में घुस कर उसकी मां के सामने उसकी हत्या कर दी थी.
मनप्रीत हत्याकांड में अब तक तीन आरोपियों की हुई है गिरफ्तारीः घटना के बाद इस मामले में पुलिस ने तत्परता पूर्वक कार्रवाई करते हुए घटना के चार दिनों के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं इस घटना का एक आरोपी पुरण सिंह अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.