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Andhra Pradesh: पति से झगड़े के बाद गर्भवती महिला 65 किमी तक पैदल चली, बच्चे को दिया जन्म

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में रहने वाली एक महिला पति के झगड़ों से तंग आकर उस हालत में घर छोड़ देती है, जिस हालत में उसे आराम करना चाहिए. 9 महीने की गर्भवती महिला ने न सिर्फ घर छोड़ा बल्कि वह 65 किमी तक पैदल चलती रही. हालांकि इसी बीच लेबर पेन शुरू हुआ और महिला ने बच्चे को जन्म दिया है.

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Published : May 15, 2022, 7:10 PM IST

Updated : May 15, 2022, 7:30 PM IST

नायडूपेट: वर्षिनी और उनके अपनी पति आजीविका के लिए तिरुपति में रहते हैं. उसका पति दिहाड़ी मजदूरी करता है. वह 9 माह की गर्भवती है. वे हमेशा आपस में झगड़ते रहते हैं. इससे वार्षिनी थक गई और अपने पति से दूर जाना चाहती थी.

इसी उहापोह में अपने पति से झगड़े के बाद वह बाहर निकली और 65 किमी तक चलती रही. तिरुपति से शुरू हुई वर्षिनी की यह यात्रा शुक्रवार आधी रात को नायडूपेट आरटीसी बस स्टैंड पहुंची. वहां उसे लेबर पेन होने लगा. उसने आने-जाने वाले वाहनों को मदद के लिए रोकने की कोशिश की. लेकिन कोई नहीं रुका और उसकी मदद नहीं की गई. कुछ देर बाद एक युवक पहुंचा और उसने तुरंत 108 पर सूचना दी.

फिर उसने बच्ची को जन्म दिया. वर्षिनी की स्थिति देखकर कर्मचारी हतप्रभ रह गए. वे अपने घरों से कपड़े लाए और मां और बच्चे को दिए. दो दिनों तक बिना उचित भोजन या आश्रय के रहने के बाद उन्हें दूध और रोटी खिलाई गई और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. कम वजन होने के कारण बच्ची को बेहतर इलाज के लिए नेल्लोर भेजा गया है.

यह भी पढ़ें- सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र से गर्भाशय कैंसर रोधी स्वदेशी टीका 'क्यूएचपीवी' बनाने की मंजूरी मांगी

महिला ने बताया कि उसका नाम कोथुरु वर्षिनी है और पूर्वी गोदावरी जिले के राजमुंदरी में वाईएसआर नगर की मूल निवासी है. वह अपने पति के साथ काम के लिए तिरुपति आई थी. पति के झगड़ों से तंग आकर दो दिन पहले वह तिरुपति से निकली और हाथ में एक रुपया लेकर पैदल ही नायडुपेट तक पहुंच गई. हालांकि उसने पति और माता-पिता का विवरण देने से इनकार कर दिया है. फिलहाल मेडिकल स्टाफ ने पुलिस को सूचित किया है और वे पूरी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

नायडूपेट: वर्षिनी और उनके अपनी पति आजीविका के लिए तिरुपति में रहते हैं. उसका पति दिहाड़ी मजदूरी करता है. वह 9 माह की गर्भवती है. वे हमेशा आपस में झगड़ते रहते हैं. इससे वार्षिनी थक गई और अपने पति से दूर जाना चाहती थी.

इसी उहापोह में अपने पति से झगड़े के बाद वह बाहर निकली और 65 किमी तक चलती रही. तिरुपति से शुरू हुई वर्षिनी की यह यात्रा शुक्रवार आधी रात को नायडूपेट आरटीसी बस स्टैंड पहुंची. वहां उसे लेबर पेन होने लगा. उसने आने-जाने वाले वाहनों को मदद के लिए रोकने की कोशिश की. लेकिन कोई नहीं रुका और उसकी मदद नहीं की गई. कुछ देर बाद एक युवक पहुंचा और उसने तुरंत 108 पर सूचना दी.

फिर उसने बच्ची को जन्म दिया. वर्षिनी की स्थिति देखकर कर्मचारी हतप्रभ रह गए. वे अपने घरों से कपड़े लाए और मां और बच्चे को दिए. दो दिनों तक बिना उचित भोजन या आश्रय के रहने के बाद उन्हें दूध और रोटी खिलाई गई और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. कम वजन होने के कारण बच्ची को बेहतर इलाज के लिए नेल्लोर भेजा गया है.

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महिला ने बताया कि उसका नाम कोथुरु वर्षिनी है और पूर्वी गोदावरी जिले के राजमुंदरी में वाईएसआर नगर की मूल निवासी है. वह अपने पति के साथ काम के लिए तिरुपति आई थी. पति के झगड़ों से तंग आकर दो दिन पहले वह तिरुपति से निकली और हाथ में एक रुपया लेकर पैदल ही नायडुपेट तक पहुंच गई. हालांकि उसने पति और माता-पिता का विवरण देने से इनकार कर दिया है. फिलहाल मेडिकल स्टाफ ने पुलिस को सूचित किया है और वे पूरी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

Last Updated : May 15, 2022, 7:30 PM IST
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