कसौली/सोलन: नाक से ली जाने वाली नेजल कोरोना वैक्सीन के छह बैच क्वालिटी और कंटोल परीक्षण के लिए सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेट्री पहुंचे हैं. जहां पर प्रयोगशाला में टेस्ट की जांच होगी. परीक्षण में निर्धारित मानकों पर वैक्सीन के खरे उतरने के बाद प्रयोगशाला की ओर से ग्रीन टिक दिया जाएगा. जिसके बाद ही नेजल वैक्सीन लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध होगी.
सीडीएल से मान्यता मिलने के बाद यह पहली ऐसी वैक्सीन होगी जिसे नाक के जरिए दिया जाएगा. इस वैक्सीन को हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जरनल ऑफ इंडिया (डीसीजीएआई) ने आपात प्रयोग की मंजूरी दी है. जिसके बाद वैक्सीन के बैच जांच के लिए लैब में आए हैं. इसके बाद वैक्सीन की गहणता से प्रयोगशाला में परीक्षण शुरू हो गया है. आगामी कुछ दिनों में परीक्षण रिपोर्ट आने पर इसका खुलासा हो जाएगा.
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करने के लिए सरकार की ओर से दिनरात कार्य किया जा रहा है. वहीं, कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही कंपनियां इस ओर लगातार प्रयास कर रही हैं. भारत में इंट्रा मस्कुलर कोरोना वैक्सीन के बाद अब नाक से ली जाने वाली वैक्सीन का उत्पादन भी शुरू हो गया है. तीन चरणों में क्लीनिकल ट्रायल होने के बाद नेजल वैक्सीन की खुराक को डीसीजीआई ने मान्यता दी है.
क्लीनिकल ट्रायल करने पर यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ कारगर साबित हुई है. खास बात यह है कि इस वैक्सीन से कोविड-19 के खिलाफ म्यूकोसल इम्यूनिटी मिलती है. गौर रहे कि भारत में निर्मित होने वाली प्रत्येक वैक्सीन को बाजार में उतरने से पहले सीडीएल कसौली में जांच के लिए भेजा जाता है. जहां से ग्रीन टिक मिलने के बाद ही वैक्सीन बाजार में लोगों को मिलती है.
बाजार में उतारी गई अब तक की कोरोना वैक्सीन को भी ग्रीन टिक कसौली से मिला है. वहीं, सीडीएल में भी वैक्सीन को लेकर दिन रात टेस्टिंग का कार्य चल रहा है, ताकि भारत की प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन के डोज लगाई जा सके. उधर, सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी के निदेशक सुशील साहू ने बताया कि इंट्रा नेजल वैक्सीन के छह बैच जांच के लिए संस्थान की प्रयोगशाला में आए हैं. जिन पर काम शुरू हो गया है. जल्द ही इसकी रिपोर्ट आ जाएगी.
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