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MSP पर सबसे ज्यादा पंजाब से केंद्र ने खरीदा धान, तेलंगाना दूसरे नंबर पर

किसान आंदोलन के दौरान पंजाब और हरियाणा के किसानों ने तगड़ा विरोध दर्ज कराया था. मगर एक सच यह भी है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने एमएसपी पर सबसे अधिक धान की खरीद पंजाब से की. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, यह केंद्र की ओर से खरीदे गए कुल धान का करीब 22 प्रतिशत है. दूसरे नंबर पर तेलंगाना है.

Punjab tops in paddy procurement
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Published : Mar 19, 2022, 11:50 AM IST

नई दिल्ली : न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार को धान बेचने के मामले में पंजाब पूरे देश में अव्वल है. नए आंकड़ों से यह सामने आया है कि केंद्र सरकार राज्यों से जितना धान खरीदती है, उसका 22 फीसदी हिस्सा पंजाब से आता है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में भी कुल खरीदे गए धान में पंजाब का शेयर करीब एक चौथाई रहा. यह जानकारी खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में दी.
केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के आधार पर केंद्रीय पूल के लिए किसानों से धान खरीदती है. पिछले खरीफ सीजन 2020-21 में केंद्र सरकार ने करीब 896 लाख टन धान की खरीदारी की, जबकि 2015-16 में 510 लाख टन की खरीदारी की गई थी. इस तरह पिछले पांच साल में केंद्र सरकार ने धान की खरीदी में 75 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय पूल के तहत धान की खरीदी की वजह से पंजाब को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. पंजाब के पास देश के 2 फीसदी कृषि योग्य जमीन है और इसके अनुपात में राज्य की आबादी भी देश का 2 फीसद ही है. मगर यह राज्य अपनी उपजाऊ जमीन और बेहतर खेती की बदौलत भारत के लिए भोजन का कटोरा बन गया है.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा को सूचित किया कि केंद्र सरकार केंद्रीय पूल के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान सहित 22 से अधिक कृषि फसलों की खरीद करती है. अभी तक सरकार को केंद्रीय खरीद एजेंसियों की ओर खरीदी में किसी भी राज्य के खिलाफ भेदभाव के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और चावल की सबसे अधिक खरीद पंजाब से की जाती है. अर्थव्यवस्था के लिए खाद्यान्न पर यह निर्भरता का असर था कि 2020 में कृषि कानून के विरोध में पंजाब और हरियाणा में सबसे अधिक प्रदर्शन हुए. 2015-16 के दौरान पंजाब से 139 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई थी, जो कि वर्ष में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कुल धान खरीद का 27 फीसदी से अधिक था. पांच साल पहले उस अवधि में केंद्रीय पूल के तहत 510 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई थी.2020-21 में केंद्रीय पूल के तहत पंजाब से लगभग 203 लाख टन धान की खरीद की गई. यह कुल खरीद का 22.54 फीसदी हो गया.

पंजाब के बाद दूसरा धान उत्पादक प्रमुख राज्य तेलंगाना है. पिछले साल तेलंगाना से 141 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई थी, जो केंद्रीय पूल के तहत कुल धान खरीद का लगभग 16 पर्सेंट है. तेलंगाना के बाद आंध्र प्रदेश (84.57 लाख टन), ओडिशा (77.33 लाख टन) और छत्तीसगढ़ (71.07 लाख टन) का स्थान है. अन्य प्रमुख धान उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश (66.84 लाख टन), हरियाणा (56.55 लाख टन), तमिलनाडु (66.84 लाख टन), मध्य प्रदेश (37.27 लाख टन), बिहार (35.59 लाख टन), पश्चिम बंगाल (27.79 लाख टन) और महाराष्ट्र (18.99 लाख टन) हैं.

नई दिल्ली : न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार को धान बेचने के मामले में पंजाब पूरे देश में अव्वल है. नए आंकड़ों से यह सामने आया है कि केंद्र सरकार राज्यों से जितना धान खरीदती है, उसका 22 फीसदी हिस्सा पंजाब से आता है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में भी कुल खरीदे गए धान में पंजाब का शेयर करीब एक चौथाई रहा. यह जानकारी खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में दी.
केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के आधार पर केंद्रीय पूल के लिए किसानों से धान खरीदती है. पिछले खरीफ सीजन 2020-21 में केंद्र सरकार ने करीब 896 लाख टन धान की खरीदारी की, जबकि 2015-16 में 510 लाख टन की खरीदारी की गई थी. इस तरह पिछले पांच साल में केंद्र सरकार ने धान की खरीदी में 75 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की है. केंद्रीय पूल के तहत धान की खरीदी की वजह से पंजाब को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. पंजाब के पास देश के 2 फीसदी कृषि योग्य जमीन है और इसके अनुपात में राज्य की आबादी भी देश का 2 फीसद ही है. मगर यह राज्य अपनी उपजाऊ जमीन और बेहतर खेती की बदौलत भारत के लिए भोजन का कटोरा बन गया है.
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा को सूचित किया कि केंद्र सरकार केंद्रीय पूल के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान सहित 22 से अधिक कृषि फसलों की खरीद करती है. अभी तक सरकार को केंद्रीय खरीद एजेंसियों की ओर खरीदी में किसी भी राज्य के खिलाफ भेदभाव के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और चावल की सबसे अधिक खरीद पंजाब से की जाती है. अर्थव्यवस्था के लिए खाद्यान्न पर यह निर्भरता का असर था कि 2020 में कृषि कानून के विरोध में पंजाब और हरियाणा में सबसे अधिक प्रदर्शन हुए. 2015-16 के दौरान पंजाब से 139 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई थी, जो कि वर्ष में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कुल धान खरीद का 27 फीसदी से अधिक था. पांच साल पहले उस अवधि में केंद्रीय पूल के तहत 510 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई थी.2020-21 में केंद्रीय पूल के तहत पंजाब से लगभग 203 लाख टन धान की खरीद की गई. यह कुल खरीद का 22.54 फीसदी हो गया.

पंजाब के बाद दूसरा धान उत्पादक प्रमुख राज्य तेलंगाना है. पिछले साल तेलंगाना से 141 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई थी, जो केंद्रीय पूल के तहत कुल धान खरीद का लगभग 16 पर्सेंट है. तेलंगाना के बाद आंध्र प्रदेश (84.57 लाख टन), ओडिशा (77.33 लाख टन) और छत्तीसगढ़ (71.07 लाख टन) का स्थान है. अन्य प्रमुख धान उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश (66.84 लाख टन), हरियाणा (56.55 लाख टन), तमिलनाडु (66.84 लाख टन), मध्य प्रदेश (37.27 लाख टन), बिहार (35.59 लाख टन), पश्चिम बंगाल (27.79 लाख टन) और महाराष्ट्र (18.99 लाख टन) हैं.

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