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पंजाब पुलिस बल में अनुसूचित जाति के लिए सबसे अधिक आरक्षण: गृह मंत्रालय

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Published : Jun 17, 2022, 7:21 AM IST

पंजाब पुलिस बल में अनुसूचित जाति (SC) के लिए सबसे अधिक आरक्षण है. वहीं, मणिपुर और गोवा में एससी वर्ग के लिए सबसे कम दो प्रतिशत आरक्षण है. गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है.

Highest Reservation for Scheduled Castes in Punjab Police Force
पंजाब पुलिस बल में अनुसूचित जाति के लिए सबसे अधिक आरक्षण

नई दिल्ली : पंजाब पुलिस में अनुसूचित जाति (एससी) कैटेगरी में सबसे अधिक आरक्षण है जबकि मणिपुर और गोवा पुलिस बलों में इस कैटेगरी के तहत सबसे कम आरक्षण है. यह तथ्य गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में सामने आया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अनुसूचित जाति कैटेगरी के तहत आरक्षण में सबसे अधिक पंजाब के बाद हिमाचल प्रदेश (22 प्रतिशत) फिर पश्चिम बंगाल (22 प्रतिशत) और उसके बाद उत्तर प्रदेश (21 प्रतिशत) है.

रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब पुलिस में एएसपी, डीएसपी, असिस्टेंट कमांडेंट रैंक के 129 अधिकारी इस कोटे के तहत हैं. इसी तरह 199 इंस्पेक्टर, 613 एसआई, 1,114 एएसआई, 3,229 हेड कांस्टेबल, और 1,6993 कांस्टेबल एससी श्रेणी के तहत हैं. वहीं, कुल 22,277 आरक्षण दिया गया. हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले पुलिस अधिकारियों की कुल संख्या 3912 (49 इंस्पेक्टर, 124 एसआई, 225 एएसआई, 520 हेड कांस्टेबल, 2,994 कांस्टेबल) है जबकि पश्चिम बंगाल में ऐसे अधिकारियों की कुल संख्या 24,371 (105 एएसपी, डीएसपी, एसिस्टेंट कमांडेंट) है.

वहीं, 153 इंस्पेक्टर, 2,105 एसआई, 2,665 एएसआई, और 19,343 कांस्टेबल) के लिए और उत्तर प्रदेश में 50,680 (123 एएसपी, डीएसपी, असिस्टेंट कमांडेंट) 631 इंस्पेक्टर, 3,605 एसआई, 178 एएसआई, 11,729 हेड कांस्टेबल और 34,414 कांस्टेबल हैं. रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में पुलिस की वास्तविक कुल संख्या 74,565 है जबकि स्वीकृत पद संख्या 85,042 है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में पुलिस बलों की संख्या 17,478 है जबकि स्वीकृत पद 18,921 हैं.

पश्चिम बंगाल में पुलिस बलों की स्वीकृत पद 1,57,452 के मुकाबले 97,159 पुलिस कर्मी हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में इस समय 116,619 पुलिसकर्मियों की कमी है. राज्य में पुलिस कर्मियों की वास्तविक संख्या 3,00,160 है जबकि स्वीकृत पद 4,16,779 हैं. रिपोर्ट के अनुसार राज्य पुलिस बल में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अधिकारियों की सबसे अधिक संख्या नागालैंड (100 प्रतिशत) में है, इसके बाद मेघालय में 85 प्रतिशत है.

ये भी पढ़ें- अग्निपथ योजना को लेकर मन में उठ रहे सवाल, तो यहां पाइए जवाब

दूसरी ओर बिहार और तमिलनाडु सरकार में एसटी वर्ग में केवल एक प्रतिशत आरक्षण है. इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण नागालैंड (100 प्रतिशत) में सबसे अधिक है. इसके बाद तमिलनाडु में 50 प्रतिशत आरक्षण है. ओबीसी श्रेणी के तहत सबसे कम संख्या (15 प्रतिशत से कम) में पुलिस अधिकारियों के आरक्षण वाले कुछ प्रमुख राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड हैं, जिनके पुलिस बलों में 14 प्रतिशत आरक्षण है और पंजाब में 12 प्रतिशत है.

नई दिल्ली : पंजाब पुलिस में अनुसूचित जाति (एससी) कैटेगरी में सबसे अधिक आरक्षण है जबकि मणिपुर और गोवा पुलिस बलों में इस कैटेगरी के तहत सबसे कम आरक्षण है. यह तथ्य गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट में सामने आया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अनुसूचित जाति कैटेगरी के तहत आरक्षण में सबसे अधिक पंजाब के बाद हिमाचल प्रदेश (22 प्रतिशत) फिर पश्चिम बंगाल (22 प्रतिशत) और उसके बाद उत्तर प्रदेश (21 प्रतिशत) है.

रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब पुलिस में एएसपी, डीएसपी, असिस्टेंट कमांडेंट रैंक के 129 अधिकारी इस कोटे के तहत हैं. इसी तरह 199 इंस्पेक्टर, 613 एसआई, 1,114 एएसआई, 3,229 हेड कांस्टेबल, और 1,6993 कांस्टेबल एससी श्रेणी के तहत हैं. वहीं, कुल 22,277 आरक्षण दिया गया. हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले पुलिस अधिकारियों की कुल संख्या 3912 (49 इंस्पेक्टर, 124 एसआई, 225 एएसआई, 520 हेड कांस्टेबल, 2,994 कांस्टेबल) है जबकि पश्चिम बंगाल में ऐसे अधिकारियों की कुल संख्या 24,371 (105 एएसपी, डीएसपी, एसिस्टेंट कमांडेंट) है.

वहीं, 153 इंस्पेक्टर, 2,105 एसआई, 2,665 एएसआई, और 19,343 कांस्टेबल) के लिए और उत्तर प्रदेश में 50,680 (123 एएसपी, डीएसपी, असिस्टेंट कमांडेंट) 631 इंस्पेक्टर, 3,605 एसआई, 178 एएसआई, 11,729 हेड कांस्टेबल और 34,414 कांस्टेबल हैं. रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में पुलिस की वास्तविक कुल संख्या 74,565 है जबकि स्वीकृत पद संख्या 85,042 है. इसी तरह हिमाचल प्रदेश में पुलिस बलों की संख्या 17,478 है जबकि स्वीकृत पद 18,921 हैं.

पश्चिम बंगाल में पुलिस बलों की स्वीकृत पद 1,57,452 के मुकाबले 97,159 पुलिस कर्मी हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में इस समय 116,619 पुलिसकर्मियों की कमी है. राज्य में पुलिस कर्मियों की वास्तविक संख्या 3,00,160 है जबकि स्वीकृत पद 4,16,779 हैं. रिपोर्ट के अनुसार राज्य पुलिस बल में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अधिकारियों की सबसे अधिक संख्या नागालैंड (100 प्रतिशत) में है, इसके बाद मेघालय में 85 प्रतिशत है.

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दूसरी ओर बिहार और तमिलनाडु सरकार में एसटी वर्ग में केवल एक प्रतिशत आरक्षण है. इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण नागालैंड (100 प्रतिशत) में सबसे अधिक है. इसके बाद तमिलनाडु में 50 प्रतिशत आरक्षण है. ओबीसी श्रेणी के तहत सबसे कम संख्या (15 प्रतिशत से कम) में पुलिस अधिकारियों के आरक्षण वाले कुछ प्रमुख राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड हैं, जिनके पुलिस बलों में 14 प्रतिशत आरक्षण है और पंजाब में 12 प्रतिशत है.

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