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तीन बार विधायक रहे रंधावा बने पंजाब के उप मुख्यमंत्री, जानिए सियासी सफर - सुखजिंदर सिंह रंधावा

सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) को पंजाब का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. रंधावा तीन बार विधायक रहे हैं. आइए जानते हैं पहली बार 2002 में विधायक बनने वाले रंधावा के राजनीतिक सफर के बारे में.

सुखजिंदर सिंह रंधावा
सुखजिंदर सिंह रंधावा
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Published : Sep 20, 2021, 3:58 PM IST

चंडीगढ़: सुखजिंदर सिंह रंधावा को पंजाब का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. सुखजिंदर सिंह रंधावा का जन्म 25 अप्रैल 1959 को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक तहसील के धरोवाली गांव में हुआ था.

रंधावा की शिक्षा चंडीगढ़ में हुई. रंधावा के पिता संतोख सिंह ने पंजाब कांग्रेस में अपनी सेवाएं दीं. उनका कांग्रेस पार्टी में अच्छा रसूख रहा है. सुखजिंदर सिंह ने अपने सियासी सफर की शुरुआत फतेहगढ़ चूड़ियां से की. 2002 में अकाली दल के निर्मल सिंह काहलों को हराकर पहली बार विधायक बने.

सतलुज-युमना लिंक पर फ़ैसले के बाद दिया था इस्तीफा

वह उन विधायकों में शामिल थे जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सतलुज-युमना लिंक पर फ़ैसला देने के बाद इस्तीफा दे दिया था. 2012 में उन्होंने नए निर्वाचन क्षेत्र डेरा बाबा नामक से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. उनको 66,294 वोट हासिल हुए. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के विधायक सुच्चा सिंह को हराया था. सुच्जा सिंह को 63,354 वोट मिले थे.

पढ़ें- पंजाब के पहले दलित सीएम बने चरणजीत सिंह चन्नी, पीएम मोदी ने दी बधाई

रंधावा ने डेरा बाबा नानक से 2017 के विधानसभा चुनाव में 60,385 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के सुच्चा सिंह लंगाह को 1194 मतों से हराया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनको कारागार और सहकारिता मंत्री बनाया. नवजोत सिंह सिद्धू के बेहद करीबी माने जाने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब में तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं.

पढ़ें- पहली प्रेस वार्ता में भावुक हुए सीएम चन्नी, किसानों के बिजली बिल माफ करने की घोषणा की

चंडीगढ़: सुखजिंदर सिंह रंधावा को पंजाब का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. सुखजिंदर सिंह रंधावा का जन्म 25 अप्रैल 1959 को गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक तहसील के धरोवाली गांव में हुआ था.

रंधावा की शिक्षा चंडीगढ़ में हुई. रंधावा के पिता संतोख सिंह ने पंजाब कांग्रेस में अपनी सेवाएं दीं. उनका कांग्रेस पार्टी में अच्छा रसूख रहा है. सुखजिंदर सिंह ने अपने सियासी सफर की शुरुआत फतेहगढ़ चूड़ियां से की. 2002 में अकाली दल के निर्मल सिंह काहलों को हराकर पहली बार विधायक बने.

सतलुज-युमना लिंक पर फ़ैसले के बाद दिया था इस्तीफा

वह उन विधायकों में शामिल थे जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सतलुज-युमना लिंक पर फ़ैसला देने के बाद इस्तीफा दे दिया था. 2012 में उन्होंने नए निर्वाचन क्षेत्र डेरा बाबा नामक से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. उनको 66,294 वोट हासिल हुए. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के विधायक सुच्चा सिंह को हराया था. सुच्जा सिंह को 63,354 वोट मिले थे.

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रंधावा ने डेरा बाबा नानक से 2017 के विधानसभा चुनाव में 60,385 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के सुच्चा सिंह लंगाह को 1194 मतों से हराया. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनको कारागार और सहकारिता मंत्री बनाया. नवजोत सिंह सिद्धू के बेहद करीबी माने जाने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब में तीन बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं.

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