नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी शुरू से ही तीन कृषि कानूनों के खिलाफ रही है. यही वजह है कि आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ट्रैक्टर चलाते हुए संसद पहुंचे. इस दौरान उनके साथ पंजाब के कांग्रेस सांसद मौजूद थे.
औजला ने कहा कि जब केरल के सांसद वहां धरना का समर्थन करने जाते हैं तो उनका स्वागत किया जाता है लेकिन जब पंजाब के सांसद प्रयास करते हैं तो उनका विरोध किया जाता है. ऐसा क्यों? ये गलत है. औजला का बयान तब आया है जब प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल केंद्र सरकार पर इन कानूनों को रद्द करने के लिए दबाव बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहे हैं.
ये भी पढ़ें - किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे राहुल गांधी
विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे को संसद में उठाते रहे हैं. जहां प्रदर्शनकारी किसान जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' का आयोजन कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने भी तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. औजला ने कहा, कांग्रेस लगातार किसानों का समर्थन कर रही है. राहुल गांधी ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर यात्रा का नेतृत्व किया. केंद्र सरकार को सिर्फ एक संदेश था कि उसे इन तीन काले कानूनों को वापस लेना होगा.
औजला ने कहा, कांग्रेस लगातार किसानों का समर्थन कर रही है. राहुल गांधी ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर यात्रा का नेतृत्व किया. केंद्र सरकार को सिर्फ एक संदेश था कि उसे इन तीन काले कानूनों को वापस लेना होगा. हालांकि, केंद्र सरकार अभी भी दावा कर रही है कि तीन कृषि कानूनों से किसानों को लाभ होगा और यह कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. साथ ही केंद्र सरकार किसानों की इस मांग को छोड़कर बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन उसका कहना है कि इन कानूनों का निरस्त नहीं किया जाएगा.
इस मामले पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि ये कानून 3-4 पूंजीपतियों के लाभ के लिए हैं. सरकार केवल उनके लिए बोलेगी, इसलिए, उनके बयान से कोई फर्क नहीं पड़ता. हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक कि केंद्र इन तीनों कानून को रद्द नहीं कर देता.