नई दिल्ली : कृषि कानून (farm laws) और उसके खिलाफ हुए आंदोलन को एक साल से अधिक हो गया है. गुरुपर्व के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानून (three farm laws repealed) वापस ले लिए हैं. वहीं, पंजाब के कांग्रेस सांसद (Punjab Congress MPs) रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला और जसबीर सिंह गिल ने भी कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध बंद करने की घोषणा कर दी है.
गौरतलब है कि तीनों सांसद 372 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना (protest at jantar-mantar) दे रहे थे.
आंखों में खुशी के आंसूओं के साथ, कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल (MP Jasbir Singh Gill) ने ईटीवी भारत को बताया कि इस जगह पर उनके विरोध की कई सारी यादें हैं. जैसे कि उन्हें इसी स्थान पर अपनी मां की मृत्यु की खबर मिली थी, जब वह भी किसानों के आंदोलन को समर्थन करते हुए धरने पर बैठी थीं.
गिल ने बताया कि एक सर्द रात में पुलिस ने हमारे तंबू हमसे छीन लिए और हमें गीले गद्दे पर ही सोना पड़ा था. हमने बारिश के दिनों में भी अपना धरना जारी रखा, लेकिन उन दिनों में भी किसानों के समर्थन में हम साथ खड़े रहे.
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला (MP Gurjit Singh Aujla) ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों की मौत पर दुख व्यक्त किया. लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी इस दिन जंतर मंतर का दौरा किया.
अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी इच्छा थी जिसने केंद्र सरकार को झुकने के लिए मजबूर किया.
बता दें कि किसानों के साल भर से चल रहे आंदोलन को स्थगित किये जाने के बाद, कांग्रेस सांसदों ने भी अपना धरना खत्म करने का फैसला किया है. देशभर से सैकड़ों की तादाद में किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे.