चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के मामले में कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया. इसके कुछ ही समय बाद एंटी करप्शन ब्यूरो भी एक्शन में आ गया. मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर मामला दर्ज कर एसीबी ने विजय सिंगला को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें, विजय सिंगला पर अधिकारियों से ठेके पर एक फीसदी कमीशन की मांग करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायतें आ रही थीं.
जानकारी के मुताबिक मोहाली कोर्ट ने पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को 27 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. विजय सिंगला के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप को लेकर पुख्ता सबूत मिलने के बाद सीएम भगवंत मान ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया. विजय सिंगला पर कार्रवाई करते हुए भगवंत मान ने कहा, अरविंद केजरीवाल ने मुझे कहा था कि मैं एक पैसे की रिश्तखोरी, बेईमानी बर्दाश्त नहीं कर सकता. मैंने वचन दिया था ऐसा नहीं होगा. हम आंदोलन से निकले हुए लोग हैं और वो आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ था.
भगवंत मान ने आगे कहा, मेरे ध्यान में एक केस आया. इस केस में मेरी सरकार का मंत्री शामिल था. एक ठेके में मेरी सरकार का मंत्री एक फीसदी कमीशन मांग रहा था. इस केस का सिर्फ मुझे पता था. इस केस को दबाया जा सकता था. लेकिन ऐसा करना धोखा होता. इसलिए मैं उस मंत्री के खिलाफ एक्शन ले रहा हूं. तुरंत एक्शन लिया जा रहा है. मंत्री का नाम विजय सिंगला है और उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है.
विजय सिंगला ने माना अपना अपराध
विजय सिंगला ने अपना गुनाह कबूल किया है. सीएम ने कहा, विजय सिंगला ने स्वास्थ्य मंत्रालय में भ्रष्टाचार किया. विजय सिंगला ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. मैं आप सब को बताना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखेगी. आजादी के बाद दूसरी बार यह काम हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने 2015 में अपने मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया था.
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बता दें कि विजय सिंगला को दूसरी बार चुनाव जीतने वाले नेताओं पर तवज्जों देकर मंत्री बनाया गया था. इतना ही नहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल को प्रमोट करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने विजय सिंगला को अपने सबसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन मंत्री बनने के दो महीने के भीतर ही उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा है.