ETV Bharat / bharat

सुखबीर बादल सहित शिअद-बसपा के 300 कार्यकर्ताओं पर एफआईआर

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सिसवान स्थित फार्महाउस के पास धरना-प्रदर्शन करने पर शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, उनकी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के 20 नेताओं और करीब 300 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

punjab
punjab
author img

By

Published : Jun 16, 2021, 1:26 AM IST

Updated : Jun 16, 2021, 1:46 AM IST

मोहाली (पंजाब) : मोहाली में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास का घेराव करने जा रहे शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार का उपयोग किया.

पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल समेत कई अकाली और बसपा नेताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि मोहाली पुलिस ने बादल के अलावा विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया, एनके शर्मा और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा, गुलजार सिंह राणिके, पंजाब बसपा के अध्यक्ष जसबीर सिंह गढी समेत 300 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह प्राथमिकी धारा 188 (लोक सेवक के आदेशों की अवहेलना) और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज की गई है.

इससे पहले शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने ‘फतेह’ किट की खरीद में अनियमितताओं और कोविड-19 के टीके कथित रूप से निजी अस्पतालों को देने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य की कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए गठबंधन करने के बाद यह शिअद-बसपा का पहला संयुक्त प्रदर्शन था. पंजाब बसपा के अध्यक्ष जसबीर सिंह गढी भी प्रदर्शन में मौजूद थे.

शिअद के कई नेताओं सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और जसबीर सिंह गढ़ी तथा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. इन सभी को कुराली थाने ले जाया गया, जहां से उन्हें बाद में छोड़ दिया गया. मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और कई स्तर पर अवरोधक लगाए गए थे. शिअद और बसपा ने मोहाली के सिसवान स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास के घेराव की योजना बनाई थी.

शुरुआत में बड़ी संख्या में शिअद और बसपा के प्रदर्शनकारी पहले स्तर के अवरोधक को जबरन पार कर गए. जब उन्होंने दूसरे स्तर के अवरोधक को पार करने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन पर पानी की बौछार की. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की पगड़ी पानी की बौछार से नीचे गिर गई. मोहाली के पुलिस अधीक्षक सतीन्दर सिंह भी मौके पर मौजूद थे.

इससे पहले शिअद के प्रमुख बादल ने धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ‘फतेह किट’ की खरीद में अनियमितता और कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों को निजी अस्पतालों को देने सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साधा था. ‘फतेह किट’ में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए एक पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, फेस मास्क, एक स्टीमर, सैनिटाइजर, विटामिन-सी तथा जिंक की गोलियां और कुछ अन्य दवाएं होती हैं.

बादल ने ‘फतेह किट’ खरीद में कथित अनियमितताओं और कोविड का टीका निजी अस्पतालों को देने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की गिरफ्तारी की मांग की. मुख्यमंत्री सिंह के संदर्भ में बादल ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से राज्य से लापता ‘अभिमानी राजा’ को उसकी कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए वे लोग यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-तीरथ सिंह रावत और ममता बनर्जी को छोड़नी पड़ सकती है सीएम की कुर्सी ? जानिए वजह

बादल ने कहा कि अगर 2022 में शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनती है तो ‘भ्रष्टाचार की गतिविधियों में लिप्त’ कांग्रेस के सभी मंत्रियों को न्याय की जद में लाया जाएगा. उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर उनकी सरकार के कथित भ्रष्ट मंत्रियों का बचाव करने का आरोप लगाया और पोस्ट-मैट्रिक (10वीं बाद) छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये के कथित घोटाले को लेकर मंत्री साधू सिंह धरमसोट पर भी निशाना साधा.

(पीटीआई-भाषा)

मोहाली (पंजाब) : मोहाली में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास का घेराव करने जा रहे शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार का उपयोग किया.

पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल समेत कई अकाली और बसपा नेताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है. पुलिस ने कहा कि मोहाली पुलिस ने बादल के अलावा विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया, एनके शर्मा और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा, गुलजार सिंह राणिके, पंजाब बसपा के अध्यक्ष जसबीर सिंह गढी समेत 300 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह प्राथमिकी धारा 188 (लोक सेवक के आदेशों की अवहेलना) और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दर्ज की गई है.

इससे पहले शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने ‘फतेह’ किट की खरीद में अनियमितताओं और कोविड-19 के टीके कथित रूप से निजी अस्पतालों को देने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य की कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए गठबंधन करने के बाद यह शिअद-बसपा का पहला संयुक्त प्रदर्शन था. पंजाब बसपा के अध्यक्ष जसबीर सिंह गढी भी प्रदर्शन में मौजूद थे.

शिअद के कई नेताओं सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और जसबीर सिंह गढ़ी तथा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. इन सभी को कुराली थाने ले जाया गया, जहां से उन्हें बाद में छोड़ दिया गया. मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और कई स्तर पर अवरोधक लगाए गए थे. शिअद और बसपा ने मोहाली के सिसवान स्थित मुख्यमंत्री के निजी आवास के घेराव की योजना बनाई थी.

शुरुआत में बड़ी संख्या में शिअद और बसपा के प्रदर्शनकारी पहले स्तर के अवरोधक को जबरन पार कर गए. जब उन्होंने दूसरे स्तर के अवरोधक को पार करने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन पर पानी की बौछार की. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की पगड़ी पानी की बौछार से नीचे गिर गई. मोहाली के पुलिस अधीक्षक सतीन्दर सिंह भी मौके पर मौजूद थे.

इससे पहले शिअद के प्रमुख बादल ने धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ‘फतेह किट’ की खरीद में अनियमितता और कोविड-19 रोधी टीके की खुराकों को निजी अस्पतालों को देने सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार पर निशाना साधा था. ‘फतेह किट’ में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए एक पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, फेस मास्क, एक स्टीमर, सैनिटाइजर, विटामिन-सी तथा जिंक की गोलियां और कुछ अन्य दवाएं होती हैं.

बादल ने ‘फतेह किट’ खरीद में कथित अनियमितताओं और कोविड का टीका निजी अस्पतालों को देने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की गिरफ्तारी की मांग की. मुख्यमंत्री सिंह के संदर्भ में बादल ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल से राज्य से लापता ‘अभिमानी राजा’ को उसकी कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए वे लोग यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-तीरथ सिंह रावत और ममता बनर्जी को छोड़नी पड़ सकती है सीएम की कुर्सी ? जानिए वजह

बादल ने कहा कि अगर 2022 में शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनती है तो ‘भ्रष्टाचार की गतिविधियों में लिप्त’ कांग्रेस के सभी मंत्रियों को न्याय की जद में लाया जाएगा. उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर उनकी सरकार के कथित भ्रष्ट मंत्रियों का बचाव करने का आरोप लगाया और पोस्ट-मैट्रिक (10वीं बाद) छात्रवृत्ति के करोड़ों रुपये के कथित घोटाले को लेकर मंत्री साधू सिंह धरमसोट पर भी निशाना साधा.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 16, 2021, 1:46 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.