ETV Bharat / bharat

पंजाब चुनाव : कैप्टन अमरिंदर के साथ भाजपा की सीट शेयरिंग, 'बिग ब्रदर' बनने की अटकलें !

पंजाब विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. कांग्रेस से अलग होने के बाद पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा (Captain amarinder singh with BJP) की नजदीकी बढ़ती दिख रही है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा अमरिंदर के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव की रणनीति (punjab election bjp strategizing with amarinder) बना रही है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना का विश्लेषण

jp nadda amarinder singh
जेपी नड्डा अमरिंदर सिंह
author img

By

Published : Dec 23, 2021, 3:31 AM IST

Updated : Dec 23, 2021, 6:24 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी हर बार की तरह इस बार पंजाब में दूसरे नंबर की पार्टी बनकर रहना नहीं चाहती. यही वजह है कि कांग्रेस के पूर्व नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पार्टी के साथ हुए गठबंधन के बाद बीजेपी, खुद को बड़े भाई के रोल में एडजस्ट करना चाह रही है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नवगठित पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के बीच गठबंधन लगभग तय हो चुका है और इस संबंध में अमरिंदर सिंह और भाजपा दोनों ने ही हामी भर दी है. हालांकि, सीट बंटवारे जैसी चीज पर औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा पंजाब विधानसभा चुनाव में खुद को बड़े भाई के रोल में रखना चाहती है.

सूत्रों का मानना है कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly elections) में बीजेपी और अमरिंदर सिंह के गठबंधन के प्लेटफार्म पर जो मुद्दे होंगे वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां होंगी. केंद्र की उपलब्धियों के आधार पर भाजपा प्रचार-प्रसार करेगी. इसके अलावा एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और कांग्रेस में पंजाब के अंदर दिख रहा बिखराव मुख्य मुद्दा बन सकता है.

पंजाब के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यह लगता है कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों पर ही चुनावी मैदान में ताल ठोकना है तो क्यों न भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में शर्तों को तय करे.

जानकारी देतीं ईटीवी भारत संवाददाता

पार्टी सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी बनने और ढींडसा के भाजपा में आने के बाद भाजपा आलाकमान ने तय किया है कि इन दो नेताओं को ही पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचार का मुख्य चेहरा बनाया जाए.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेते हुए किसानों से माफी मांगी थी. भाजपा से जुड़े लोगों का मानना है कि किसानों से जुड़े कानूनों को निरस्त करने का फैसला जनसंपर्क अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.

गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों को निरस्त करन के फैसले की सराहना की थी.

यह भी पढ़ें- क्या कृषि कानूनों की वापसी के बाद भाजपा और अमरिंदर एक साथ ?

पार्टी सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है और चुनाव प्रचार का आगाज जनवरी में प्रधानमंत्री की एक बड़ी रैली से किया जाएगा. इस रैली को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम करेंगे.

सूत्रों की माने तो 117 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 70 सीटों पर और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी 35 सीटों पर चुनाव लड़ने पर चर्चा कर रही है. बता दें कि कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं.

amarinder amit shah
गृह मंत्री अमित शाह के साथ अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने की रणनीति बनाई जा रही है. सूत्रों की मानें तो जनवरी में प्रधानमंत्री की पंजाब रैली के दौरान मंच से केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र किया जाएगा. किसानों के लिए हुए फैसलों को रेखांकित किया जाएगा. इस पहल का मकसद किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश करना है.

यह भी पढ़ें- क्या है कैप्टन का गेम प्लान, जिसे पंजाब विधानसभा चुनाव में आजमाने वाले हैं ?

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा में किसान मोर्चा के सदस्यों को भी पहले से ही पंजाब के किसानों और ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों से जनसंपर्क करने जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों का कहना है कि किसानों को केंद्र की नीतियों से अवगत कराया जाएगा.

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पंजाब चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र (punjab election manifesto) में भी किसानों को केंद्र में रखा जाएगा. पार्टी मुखपत्र भी तैयार करने की योजना बना रही है.

इसके अलावा हाल ही में हुए बेअदबी के मामले में लिंचिंग की घटना, पंजाब के युवाओं के बीच ड्रग्स का मुद्दा, विपक्षी पार्टी की तरफ से दलित सिख और अगड़ी जाति के सिखों के बीच फूट डालने की कोशिश और पंजाब कांग्रेस का आपसी घमासान जैसे मुद्दों पर भी बात की जाएगी.

यह भी पढ़ें- Punjab Assembly Elections 2022 : अमरिंदर-बीजेपी साथ-साथ, शेखावत बोले- कैप्टन के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव

पड़ोसी देश पाकिस्तान से लगती पंजाब की सीमा और नेताओं की बयानबाजी की वजह से उपजी सुरक्षा चिंताओं और राज्य में असुरक्षा की भावना पर भी ध्यान दिया जाएगा. कुल मिलाकर भाजपा पंजाब के लिए आक्रामक कैंपेन तैयार कर रही है.

amarinder amit shah
कांग्रेस से अलग होने के बाद गृह मंत्री शाह से मिले अमरिंदर (फाइल फोटो)

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का यह भी दावा है कि जल्द ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के कई मौजूदा और पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं.

नवगठित पार्टी- पंजाब लोक कांग्रेस के साथ अमरिंदर सिंह चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं की पोल खोलने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान कई चौंकाने वाली चीजें भी सामने आ सकती हैं.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी हर बार की तरह इस बार पंजाब में दूसरे नंबर की पार्टी बनकर रहना नहीं चाहती. यही वजह है कि कांग्रेस के पूर्व नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पार्टी के साथ हुए गठबंधन के बाद बीजेपी, खुद को बड़े भाई के रोल में एडजस्ट करना चाह रही है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नवगठित पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के बीच गठबंधन लगभग तय हो चुका है और इस संबंध में अमरिंदर सिंह और भाजपा दोनों ने ही हामी भर दी है. हालांकि, सीट बंटवारे जैसी चीज पर औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा पंजाब विधानसभा चुनाव में खुद को बड़े भाई के रोल में रखना चाहती है.

सूत्रों का मानना है कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly elections) में बीजेपी और अमरिंदर सिंह के गठबंधन के प्लेटफार्म पर जो मुद्दे होंगे वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां होंगी. केंद्र की उपलब्धियों के आधार पर भाजपा प्रचार-प्रसार करेगी. इसके अलावा एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और कांग्रेस में पंजाब के अंदर दिख रहा बिखराव मुख्य मुद्दा बन सकता है.

पंजाब के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यह लगता है कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों पर ही चुनावी मैदान में ताल ठोकना है तो क्यों न भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में शर्तों को तय करे.

जानकारी देतीं ईटीवी भारत संवाददाता

पार्टी सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी बनने और ढींडसा के भाजपा में आने के बाद भाजपा आलाकमान ने तय किया है कि इन दो नेताओं को ही पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचार का मुख्य चेहरा बनाया जाए.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेते हुए किसानों से माफी मांगी थी. भाजपा से जुड़े लोगों का मानना है कि किसानों से जुड़े कानूनों को निरस्त करने का फैसला जनसंपर्क अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.

गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों को निरस्त करन के फैसले की सराहना की थी.

यह भी पढ़ें- क्या कृषि कानूनों की वापसी के बाद भाजपा और अमरिंदर एक साथ ?

पार्टी सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रही है और चुनाव प्रचार का आगाज जनवरी में प्रधानमंत्री की एक बड़ी रैली से किया जाएगा. इस रैली को सफल बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम करेंगे.

सूत्रों की माने तो 117 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 70 सीटों पर और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी 35 सीटों पर चुनाव लड़ने पर चर्चा कर रही है. बता दें कि कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं.

amarinder amit shah
गृह मंत्री अमित शाह के साथ अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)

सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने की रणनीति बनाई जा रही है. सूत्रों की मानें तो जनवरी में प्रधानमंत्री की पंजाब रैली के दौरान मंच से केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र किया जाएगा. किसानों के लिए हुए फैसलों को रेखांकित किया जाएगा. इस पहल का मकसद किसानों को भरोसे में लेने की कोशिश करना है.

यह भी पढ़ें- क्या है कैप्टन का गेम प्लान, जिसे पंजाब विधानसभा चुनाव में आजमाने वाले हैं ?

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा में किसान मोर्चा के सदस्यों को भी पहले से ही पंजाब के किसानों और ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों से जनसंपर्क करने जिम्मेदारी दी गई है. सूत्रों का कहना है कि किसानों को केंद्र की नीतियों से अवगत कराया जाएगा.

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पंजाब चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र (punjab election manifesto) में भी किसानों को केंद्र में रखा जाएगा. पार्टी मुखपत्र भी तैयार करने की योजना बना रही है.

इसके अलावा हाल ही में हुए बेअदबी के मामले में लिंचिंग की घटना, पंजाब के युवाओं के बीच ड्रग्स का मुद्दा, विपक्षी पार्टी की तरफ से दलित सिख और अगड़ी जाति के सिखों के बीच फूट डालने की कोशिश और पंजाब कांग्रेस का आपसी घमासान जैसे मुद्दों पर भी बात की जाएगी.

यह भी पढ़ें- Punjab Assembly Elections 2022 : अमरिंदर-बीजेपी साथ-साथ, शेखावत बोले- कैप्टन के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव

पड़ोसी देश पाकिस्तान से लगती पंजाब की सीमा और नेताओं की बयानबाजी की वजह से उपजी सुरक्षा चिंताओं और राज्य में असुरक्षा की भावना पर भी ध्यान दिया जाएगा. कुल मिलाकर भाजपा पंजाब के लिए आक्रामक कैंपेन तैयार कर रही है.

amarinder amit shah
कांग्रेस से अलग होने के बाद गृह मंत्री शाह से मिले अमरिंदर (फाइल फोटो)

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का यह भी दावा है कि जल्द ही कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के कई मौजूदा और पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं.

नवगठित पार्टी- पंजाब लोक कांग्रेस के साथ अमरिंदर सिंह चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं की पोल खोलने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान कई चौंकाने वाली चीजें भी सामने आ सकती हैं.

Last Updated : Dec 23, 2021, 6:24 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.