चंडीगढ़ : पंजाबा के कैबिनेट मंत्री काका रणदीप सिंह नाभा ने कहा कि यदि काम करने की मंशा हो तो 3 महीने क्या 5 साल भी कम पड़ते हैं. हमने एक लोंग टर्म विजन डॉक्यूमेंट बनाया है क्योंकि इससे पहले यह महकमा हमेशा से मुख्यमंत्री के पास रहा है.
विजन डाक्यूमेंट में जोन वाइज पंजाब भर में किसान मार्गदर्शन देंगे ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके. ताकि पंजाब का किसान उत्साहित रहे. पानी की किल्लत का सामना किसानों को करना पड़ रहा है, उसके लिए हम विदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने जा रहे हैं.
काका रंदीप सिंह नाभा ने बताया कि जो भी धान की फसल काटी गई क्या जो मंडी तक पहुंची है. उसकी पूरी खरीद सरकार ने की है. सरकार की तरफ से कोई किल्लत नहीं आई और इसके तहत किसानों को किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ा.
जो फसल गीली हुई है उसे भी सुखा कर दुबारा से पैक कर खरीद की जा रही है. लेकिन बासमती को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, आने वाले समय में पंजाब सरकार की नीतियों के तहत उन्हें मुआवजा दिया जाएगा.
वही आई खेती पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण कराया जा रहा है. पराली को लेकर काका रंदीप सिंह नाभा ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि मशीनें भी महंगी है और सब्सिडी में भी काफी दिक्कतें आई हैं. सररकार ने ऑनलाइन पोर्टल खोला है ई खेती ताकि एक पारदर्शिता बनाई जाए और लोगों को विश्वास हो कि किसान किस मैन्युफैक्चरर से मशीन ले रहे हैं.
ऑनलाइन पोर्टल पर किसानों को पंजीकृत कराया जा रहा है. पंजाब के किसान हिम्मत वाले है लेकिन बदकिस्मती यह रही कि आज तक कोई ऐसी नीतियां नहीं बनी है जिससे किसानों में उत्साह बना रहे. स्वामीनाथन रिपोर्ट आई और कई रिपोर्ट आई लेकिन फायदा नहीं मिला.
हमारी कोशिश है कि पंजाब के अलग-अलग बेल्ट में किसानों को अलग-अलग फसलों के लिए प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएं ताकि किसान धान और कनक से आगे किसानों की अन्य फसलों के प्रति रुझान बढ़े. उन्हें एहसास दिलाना होगा कि आमदनी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा ₹60000 किसान की जेब में आता है और स्प्रे पेस्टिसाइड्स पर जो खर्चा होता है वह किसान की बचत होती है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले भी भाजपा के साथ रहे, पहले भी गृह मंत्री अमित शाह के साथ मिलते रहे, मीडिया के माध्यम से ही हमें जानकारी मिलती है कि वह किसानी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं. यह मुद्दा चाहे कोई भी हल करे, हम उसे धन्यवाद ही कहेंगे.
काका ने कहा कि सियासत से ऊपर उठकर सियासी दल करे पंजाब के भविष्य की चिंता करें. कैप्टन अमरिंदर सिंह का अपना फैसला है लेकिन उनका जो मान सम्मान सोनिया गांधी और उनके परिवार ने दिया है वह कैप्टन साहब खुद जानते हैं. चाहे डिप्टी लीडर लोकसभा के रहे हो या दो बार मुख्यमंत्री रहे.
नाराजगी हर घर में होती है लेकिन मैं यही समझता हूं कि यदि उस घर में हम छेद कर दें जिस घर में मान सत्कार मिला हो, उसका नुकसान शुरू करना शुरू कर दें तो सोच लोगों के सामने उजागर हो जाती है, कि वह किस सोच के मालिक हैं.
काका ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा किसानों की हिमायती रही है. जितनी हिमायत कांग्रेस पार्टी ने किसानों की है वह किसी ने नहीं की है. लेकिन आज किसानों को बचाने की जरूरत है, चाहे वह किसी भी पार्टी से संबंधित है. मैं चाहूंगा कि हर पार्टी का सहयोग लेकर तीन काले कानूनों को रद्द करवाया जाए.
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हमें किसानों को अपने पैरों पर खड़ा करने का काम करना है. जहां तक राजनीति की बात है तो काम पर वोट मिलते हैं. पंजाब में कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी बनके उभेरगी. जो चुनाव होने हैं वह व्यक्ति विशेष पर होने हैं कि किस व्यक्ति ने अपने हलके में काम किया है.