मैसुमा: दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस दौरान यासीन मलिक की बहन ने कुरान पढ़ते हुए अदालत के फैसले का इंतजार किया. वहीं पड़ोसी और समर्थक मलिक की रिहाई की मांग करते नजर आए. स्थानीय लोगों ने विरोध में पथराव भी किया है. इसके अलावा श्रीनगर शहर की बात करें तो कई इलाकों में दुकानें बंद हैं. सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम दिखाई दे रही है और भारी पुलिस बल तैनात है.
खबर है कि श्रीनगर के मैसुमा में यासीन मलिक के घर के पास उनके समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है. वहीं, पत्थरबाजी कर रहे समर्थकों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. साथ ही मैसुमा में मलिक के घर के पास बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. इसके अलावा ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है.
कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित
वहीं, अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद कश्मीर में एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि घाटी में सभी नेटवर्क सेवा प्रदाताओं की मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, अधिकारियों के अनुसार फाइबर और ब्रॉडबैंड समेत फिक्स्ड लाइन पर इंटरनेट सेवाएं चालू हैं.
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को यासीन मलिक को दोषी पाया था. एनआईए को यासीन की वित्तीय स्थिति की जांच करने का निर्देश दिया था ताकि जुर्माने की राशि के संबंध में निर्णय लिया जा सके. जानकारों के मुताबिक इस मामले में मलिक को अधिकतम उम्रकैद की हो सकती थी. 10 मई को यासीन मलिक ने अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ आरोपों को खारिज नहीं किया.
क्या है आरोप: जेकेएलएफ अध्यक्ष यासीन मलिक पर यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि). धारा 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिए धन जुटाना). धारा 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश). धारा 20 (आतंकवादी समूह का सदस्य होना). आईपीसी की धारा 120बी. और देशद्रोह की धारा 124ए के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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