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ममता को सम्मानित किए जाने के विरोध में लेखिका ने पुरस्कार लौटाया - CM Mamata Banerjee

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को साहित्य के क्षेत्र में योगदान को लेकर विशेष पुरस्कार देने को लेकर बंगाल में घमासान मचा है. एक लेखिका ने पुरस्कार लौटा दिया है, वहीं भाजपा नेता भी निशाना साध रहे हैं.

Ratna Rashid Banerjee
रत्ना राशिद बनर्जी
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Published : May 11, 2022, 9:02 AM IST

कोलकाता : एक बंगाली लेखिका एवं लोक संस्कृति शोधकर्ता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर विशेष पुरस्कार देने के पश्चिमबंगा बांग्ला अकादमी के फैसले के विरोध में मंगलवार को अकादमी द्वारा दिया गया पुरस्कार लौटा दिया. रत्ना राशिद बनर्जी (Ratna Rashid Banerjee) ने 'अन्नद शंकर स्मारक सम्मान' (Annadashankar Roy Memorial Award) लौटाया है, जिससे अकादमी ने साल 2019 में उन्हें सम्मानित किया था.

अकादमी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को लिखे एक पत्र में राशिद बनर्जी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर एक नया साहित्य पुरस्कार प्रदान करने के अकादमी के फैसले के मद्देनजर यह पुरस्कार उनके लिए 'कांटों का ताज' बन गया है. राशिद बनर्जी ने कहा, 'पत्र में, मैंने उन्हें तत्काल प्रभाव से पुरस्कार वापस करने के अपने निर्णय के बारे में सूचित किया है. एक लेखक के रूप में, मैं मुख्यमंत्री को साहित्य पुरस्कार देने के कदम से अपमानित महसूस कर रही हूं. यह एक बुरी मिसाल कायम करेगा. अकादमी का वह बयान सत्य का उपहास है, जिसमें साहित्य के क्षेत्र में मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों की प्रशंसा की गई है.' रत्ना राशिद बंद्योपाध्याय ने एक बयान में कहा, मैं इस पत्र के साथ 26 जुलाई 2019 को दिया गया अन्नदा शंकर स्मृति पुरस्कार लौटा रही हूं.

दरअसल इस वर्ष शुरू किए गए इस पुरस्कार की घोषणा सोमवार को टैगोर की जयंती मनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की पुस्तक 'कविता बितान' के लिए की गई थी जो 900 से अधिक कविताओं का संग्रह है. इस बीच अनादि रंजन बंद्योपाध्याय (Anadi Ranjan Bandyopadhyay ने भी इस्तीफा दे दिया है. उनके अनुसार, राज्य की मुख्यमंत्री को सम्मानित करने का कारण स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी को पुरस्कार देने के मामले में सोशल मीडिया पर कई तरह की चीजें चल रही हैं. मंगलवार की सुबह, लोकप्रिय अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाते हुए ममता बनर्जी की कविताएं 'एपांग ओपंग झपांग' और 'हंबा' का पाठ किया. विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर रत्ना राशिद बनर्जी को साहसिक निर्णय के लिए सलाम किया है.

पढ़ें- टीएमसी संगठन में सफाई के संकेत: पहली बार बूथ स्तर के नेताओं संग बैठक करेंगी ममता

कोलकाता : एक बंगाली लेखिका एवं लोक संस्कृति शोधकर्ता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर विशेष पुरस्कार देने के पश्चिमबंगा बांग्ला अकादमी के फैसले के विरोध में मंगलवार को अकादमी द्वारा दिया गया पुरस्कार लौटा दिया. रत्ना राशिद बनर्जी (Ratna Rashid Banerjee) ने 'अन्नद शंकर स्मारक सम्मान' (Annadashankar Roy Memorial Award) लौटाया है, जिससे अकादमी ने साल 2019 में उन्हें सम्मानित किया था.

अकादमी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को लिखे एक पत्र में राशिद बनर्जी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री को रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर एक नया साहित्य पुरस्कार प्रदान करने के अकादमी के फैसले के मद्देनजर यह पुरस्कार उनके लिए 'कांटों का ताज' बन गया है. राशिद बनर्जी ने कहा, 'पत्र में, मैंने उन्हें तत्काल प्रभाव से पुरस्कार वापस करने के अपने निर्णय के बारे में सूचित किया है. एक लेखक के रूप में, मैं मुख्यमंत्री को साहित्य पुरस्कार देने के कदम से अपमानित महसूस कर रही हूं. यह एक बुरी मिसाल कायम करेगा. अकादमी का वह बयान सत्य का उपहास है, जिसमें साहित्य के क्षेत्र में मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों की प्रशंसा की गई है.' रत्ना राशिद बंद्योपाध्याय ने एक बयान में कहा, मैं इस पत्र के साथ 26 जुलाई 2019 को दिया गया अन्नदा शंकर स्मृति पुरस्कार लौटा रही हूं.

दरअसल इस वर्ष शुरू किए गए इस पुरस्कार की घोषणा सोमवार को टैगोर की जयंती मनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की पुस्तक 'कविता बितान' के लिए की गई थी जो 900 से अधिक कविताओं का संग्रह है. इस बीच अनादि रंजन बंद्योपाध्याय (Anadi Ranjan Bandyopadhyay ने भी इस्तीफा दे दिया है. उनके अनुसार, राज्य की मुख्यमंत्री को सम्मानित करने का कारण स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी को पुरस्कार देने के मामले में सोशल मीडिया पर कई तरह की चीजें चल रही हैं. मंगलवार की सुबह, लोकप्रिय अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाते हुए ममता बनर्जी की कविताएं 'एपांग ओपंग झपांग' और 'हंबा' का पाठ किया. विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर रत्ना राशिद बनर्जी को साहसिक निर्णय के लिए सलाम किया है.

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