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श्रीनगर में प्राइवेट एकेडमी के माध्यम से गैर-पारंपरिक खेलों को मिल रहा बढ़ावा

प्रौद्योगिकी, कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों के अलावा कश्मीर घाटी के युवा भी विभिन्न खेलों में गहरी रूचि दिखा रहे हैं.

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गैर-पारंपरिक खेलों को मिल रहा बढ़ावा
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Published : Sep 9, 2021, 8:38 PM IST

श्रीनगर: प्रौद्योगिकी, कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों के अलावा कश्मीर घाटी के युवा भी विभिन्न खेलों में गहरी रूचि दिखा रहे हैं. घाटी के युवाओं के अलावा अब स्कूली लड़के-लड़कियां भी पारंपरिक खेलों से हटकर गैर-पारंपरिक खेलों की ओर बढ़ रहे हैं.

स्कूली बच्चे अब युवाओं के अलावा मार्शल आर्ट, जूडो, कराटे, वुशु, केक बॉक्सिंग, बैडमिंटन और रग्बी जैसे पारंपरिक खेलों के अलावा अन्य खेल भी सीखते हैं. इन खेलों में बच्चों की बढ़ती रुचि को देखते हुए श्रीनगर में विभिन्न स्थानों पर निजी अकादमियां स्थापित की गई हैं, जिनमें एथलीटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

गैर-पारंपरिक खेलों को मिल रहा बढ़ावा

अल-जवाद स्पोर्ट्स अकादमी भी एक अकादमी है, जो विभिन्न उम्र के बच्चों को मार्शल आर्ट, ताइक्वांडो और कराटे प्रशिक्षण प्रदान करती है.

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अकादमी के विशेषज्ञ कोच कई जिलों में युवा लड़कों और लड़कियों के साथ-साथ नाबालिगों को मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो सिखाते हैं. जबकि अकादमी के कोच उन एथलीटों को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जो खेल में रूचि रखते हैं लेकिन गरीब हैं.

यह भी पढ़ें: Belfast ODI: जिम्बाब्वे ने आयरलैंड को हराया, सीरीज में ली 1-0 की बढ़त

इस अकादमी से प्रशिक्षित होने के बाद अब तक कई एथलीटों ने न केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया है, बल्कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पदक भी जीते हैं.

अलग-अलग कैटेगरी के ये खिलाड़ी एक्सपर्ट कोचों की देख-रेख में ट्रेनिंग ले रहे हैं. क्या आप कड़ी मेहनत करके इस खेल में अपना नाम बनाना चाहते हैं? वहां अभ्यास कर रहे इन नन्हे-मुन्नों का जुनून भी देखते ही बनता है. कई बच्चे जूडो में अपना नाम बनाना चाहते हैं, जबकि कई ताइक्वांडो में अपना नाम बनाना चाहते हैं.

यह भी पढ़ें: IPL 2021: दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग दुबई पहुंचे

हालांकि, प्रशिक्षुओं की शिकायत है कि जम्मू-कश्मीर खेल परिषद उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. बच्चों का कहना है कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने और बेहतर प्रशिक्षण के लिए आधुनिक उपकरणों की सख्त जरूरत है.

यह भी पढ़ें: IND VS ENG: ECB और BCCI के बीच मुलाकात, मैनचेस्टर टेस्ट हो सकता है रद्द

जम्मू-कश्मीर में खेल क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए अभिनव कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि नवीनतम खेल बुनियादी ढांचे के अलावा, युवाओं को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा सके.

वहीं अल-जवाद खेल अकादमी के महासचिव सैयद शुजात शाह का कहना है कि खिलाड़ियों को आधुनिक जरूरतों के हिसाब से कोचिंग की सुविधा मुहैया कराने के लिए भी जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के सहयोग की जरूरत है.

कश्मीर घाटी के खिलाड़ियों में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है. लेकिन उन्हें बेहतर सुविधाओं और प्लेटफॉर्म की सख्त जरूरत है.

श्रीनगर: प्रौद्योगिकी, कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों के अलावा कश्मीर घाटी के युवा भी विभिन्न खेलों में गहरी रूचि दिखा रहे हैं. घाटी के युवाओं के अलावा अब स्कूली लड़के-लड़कियां भी पारंपरिक खेलों से हटकर गैर-पारंपरिक खेलों की ओर बढ़ रहे हैं.

स्कूली बच्चे अब युवाओं के अलावा मार्शल आर्ट, जूडो, कराटे, वुशु, केक बॉक्सिंग, बैडमिंटन और रग्बी जैसे पारंपरिक खेलों के अलावा अन्य खेल भी सीखते हैं. इन खेलों में बच्चों की बढ़ती रुचि को देखते हुए श्रीनगर में विभिन्न स्थानों पर निजी अकादमियां स्थापित की गई हैं, जिनमें एथलीटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

गैर-पारंपरिक खेलों को मिल रहा बढ़ावा

अल-जवाद स्पोर्ट्स अकादमी भी एक अकादमी है, जो विभिन्न उम्र के बच्चों को मार्शल आर्ट, ताइक्वांडो और कराटे प्रशिक्षण प्रदान करती है.

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अकादमी के विशेषज्ञ कोच कई जिलों में युवा लड़कों और लड़कियों के साथ-साथ नाबालिगों को मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो सिखाते हैं. जबकि अकादमी के कोच उन एथलीटों को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जो खेल में रूचि रखते हैं लेकिन गरीब हैं.

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इस अकादमी से प्रशिक्षित होने के बाद अब तक कई एथलीटों ने न केवल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व किया है, बल्कि अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कई पदक भी जीते हैं.

अलग-अलग कैटेगरी के ये खिलाड़ी एक्सपर्ट कोचों की देख-रेख में ट्रेनिंग ले रहे हैं. क्या आप कड़ी मेहनत करके इस खेल में अपना नाम बनाना चाहते हैं? वहां अभ्यास कर रहे इन नन्हे-मुन्नों का जुनून भी देखते ही बनता है. कई बच्चे जूडो में अपना नाम बनाना चाहते हैं, जबकि कई ताइक्वांडो में अपना नाम बनाना चाहते हैं.

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हालांकि, प्रशिक्षुओं की शिकायत है कि जम्मू-कश्मीर खेल परिषद उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. बच्चों का कहना है कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने और बेहतर प्रशिक्षण के लिए आधुनिक उपकरणों की सख्त जरूरत है.

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जम्मू-कश्मीर में खेल क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए अभिनव कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि नवीनतम खेल बुनियादी ढांचे के अलावा, युवाओं को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा सके.

वहीं अल-जवाद खेल अकादमी के महासचिव सैयद शुजात शाह का कहना है कि खिलाड़ियों को आधुनिक जरूरतों के हिसाब से कोचिंग की सुविधा मुहैया कराने के लिए भी जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के सहयोग की जरूरत है.

कश्मीर घाटी के खिलाड़ियों में प्रतिभा और क्षमता की कोई कमी नहीं है. लेकिन उन्हें बेहतर सुविधाओं और प्लेटफॉर्म की सख्त जरूरत है.

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