चेन्नई : तमिलनाडु में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में शराब बंदी का वादा फिर से सामने आ रहा है. सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक, विपक्षी द्रमुक और कांग्रेस समेत राजनीतिक पार्टियों ने छह अप्रैल को होने वाले चुनावों के लिए पूर्ण शराब बंदी के लिए आधार बनाया है.
राज्य में 1937 से 1971 तक पूर्ण शराबबंदी लागू थी जब एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली तत्कालीन द्रमुक सरकार ने इसे हटा लिया था. अन्नाद्रमुक और द्रमुक दोनों ने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में चरणबद्ध तरीके से फिर से शराब बंदी करने का आश्वासन दिया है.
अन्नाद्रमुक की एक सहयोगी पीएमके और द्रमुक के नेतृत्व वाले फ्रंट में एक साझेदार एमडीएमके ने शराब मुक्त तमिलनाडु सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है.
हालांकि द्रमुक ने नशामुक्ति केंद्रों का भी वादा किया है, लेकिन उसके सहयोगी कांग्रेस ने अपने अलग-अलग घोषणा पत्रों में शराबबंदी के कार्यान्वयन के लिए एक विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की है.
इस बीच गांधिया मक्कल इयक्कम के प्रमुख तमिझारुवी मनियन, जो वर्षों से शराब विरोधी अभियान में सबसे आगे हैं, इन वादों से बहुत प्रभावित नहीं हैं.
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उन्होंने मीडिया से कहा, 'अन्नाद्रमुक और द्रमुक के घोषणा पत्रों में शराब बंदी का उल्लेख केवल एक संदर्भ है जिससे संकेत मिलता है कि इसे लागू करने की कोई प्रतिबद्धता नहीं है.'