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लुधियाना के प्रोफेसर ने घर की छत पर बना डाला 1500 पेड़ों का बोनसाई गार्डन - हरी बागवानी का शौक

लुधियाना के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर गुरमुख सिंह को हरी बागवानी का काफी शौक है. पिछले 35 वर्षों से बागवान होने के कारण, उन्हें यह शौक विरासत में मिला है, और अब इसे अपने बेटे को दे रहे हैं.

प्रकृति प्रेमी
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Published : Feb 10, 2021, 11:02 PM IST

लुधियाना : पंजाब के लुधियाना के इंजीनियरिंग कॉलेज में टेक्निकल सुपरिटेंडेंट प्रो. गुरमुख सिंह को बागवानी का काफी शौक है. पिछले 35 वर्षों से बागवान होने के कारण, उन्हें यह शौक विरासत में मिला है और अब इसे अपने बेटे को दे रहे हैं.

बोनसाई तकनीक, जिसे जापानी तकनीक के रूप में भी जाना जाता है, उसे गुरमुख सिंह ने बड़े ही खास तरीके से अपने बागवान में संवारा है. एक ओर उन्होंने जहां छोटे गमलों में पेड़ लगाकर उन्हें और आकर्षित बनाया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने 130 गज की घर की छत पर इस तकनीक के माध्यम से 1,500 पौधे लगाए हैं.

घर की छत पर बना डाला 1500 पेड़ों का Bonsai गार्डन

वैसे तो प्रो. गुरमुख सिंह का बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हैं, लेकिन पिता की तरह उनके बेटे को भी पेड़-पौधों से काफी लगाव है. गुरमुख सिंह के पास पेड़-पौधों की कई प्रजातियां हैं, जो या तो विलुप्त हैं या विलुप्त होने के कगार पर हैं.

गुरमुख सिंह पिछले 35 वर्षों से बागवानी कर रहे हैं. सिंह की मानें तो पौधा रोपण के कई लाभ हैं.

  • पहला लाभ- सबसे बड़ी बात यह है कि यह हमें ऑक्सीजन देते हैं.
  • दूसरा लाभ- यह तनाव से राहत देने में यह काफी सहायक हैं.
  • तीसरा लाभ- पेड़-पौधे हमें बीमारियों से दूर रखते हैं.
  • चौथा लाभ- पेड़-पौधे को औषधी की तरह भी प्रयोग किया जाता है.

गुरमुख सिंह बताते हैं कि जब कोरोना महामारी के कारण कर्फ्यू लगाया गया, तो उन्हें समय का पता ही नहीं चला. उन्होंने जापानी तकनीक का उपयोग कर यह पौधे लगाए हैं, इनमें से कई पेड़ 30 साल पुराने हैं और जिन्हें एक विशेष तकनीक के साथ लगाया जाता है.

पढ़ें : मप्र में आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाएगा 'वैद्य आपके द्वार'

इन पौधों को विशेष पोषण दिया जाता है ताकि वे एक छोटी सी जगह में पनप सकें. उन्होंने कहा कि न केवल भारत बल्कि उनके पास दुनिया भर के विभिन्न पौधों और पेड़ों की दुर्लभ प्रजातियां हैं.

लुधियाना : पंजाब के लुधियाना के इंजीनियरिंग कॉलेज में टेक्निकल सुपरिटेंडेंट प्रो. गुरमुख सिंह को बागवानी का काफी शौक है. पिछले 35 वर्षों से बागवान होने के कारण, उन्हें यह शौक विरासत में मिला है और अब इसे अपने बेटे को दे रहे हैं.

बोनसाई तकनीक, जिसे जापानी तकनीक के रूप में भी जाना जाता है, उसे गुरमुख सिंह ने बड़े ही खास तरीके से अपने बागवान में संवारा है. एक ओर उन्होंने जहां छोटे गमलों में पेड़ लगाकर उन्हें और आकर्षित बनाया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने 130 गज की घर की छत पर इस तकनीक के माध्यम से 1,500 पौधे लगाए हैं.

घर की छत पर बना डाला 1500 पेड़ों का Bonsai गार्डन

वैसे तो प्रो. गुरमुख सिंह का बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हैं, लेकिन पिता की तरह उनके बेटे को भी पेड़-पौधों से काफी लगाव है. गुरमुख सिंह के पास पेड़-पौधों की कई प्रजातियां हैं, जो या तो विलुप्त हैं या विलुप्त होने के कगार पर हैं.

गुरमुख सिंह पिछले 35 वर्षों से बागवानी कर रहे हैं. सिंह की मानें तो पौधा रोपण के कई लाभ हैं.

  • पहला लाभ- सबसे बड़ी बात यह है कि यह हमें ऑक्सीजन देते हैं.
  • दूसरा लाभ- यह तनाव से राहत देने में यह काफी सहायक हैं.
  • तीसरा लाभ- पेड़-पौधे हमें बीमारियों से दूर रखते हैं.
  • चौथा लाभ- पेड़-पौधे को औषधी की तरह भी प्रयोग किया जाता है.

गुरमुख सिंह बताते हैं कि जब कोरोना महामारी के कारण कर्फ्यू लगाया गया, तो उन्हें समय का पता ही नहीं चला. उन्होंने जापानी तकनीक का उपयोग कर यह पौधे लगाए हैं, इनमें से कई पेड़ 30 साल पुराने हैं और जिन्हें एक विशेष तकनीक के साथ लगाया जाता है.

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इन पौधों को विशेष पोषण दिया जाता है ताकि वे एक छोटी सी जगह में पनप सकें. उन्होंने कहा कि न केवल भारत बल्कि उनके पास दुनिया भर के विभिन्न पौधों और पेड़ों की दुर्लभ प्रजातियां हैं.

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