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फॉरेस्ट अधिकारी की मौत से दुखी महिला प्रोफेसर ने की आत्महत्या - Corona

कोरबा में 18 साल पहले शुरू हुई एक प्रेम कहानी मातम में बदल गई. कोरोना ने इनकी खुशियों पर ऐसा ग्रहण लगाया कि आज इस प्रेम कहानी के दोनों ही किरदार दुनिया में नहीं हैं. पति पवन पवार की कोरोना से हुई मौत के बाद पत्नी नेहा ने भी खुदकुशी कर ली.

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Published : Apr 29, 2021, 3:09 PM IST

कोरबा : एक खूबसूरत प्रेम कहानी को कोरोना की नजर लग गई. अपने पति को आंखों के सामने दम तोड़ता देख पत्नी ने भी अपनी जान ले ली. इस तरह देखते ही देखते एक खुशहाल परिवार पूरी तरह से खत्म हो गया. कोराना ने ना जाने कितने ही ऐसे हंसते-खेलते परिवारों को बर्बाद कर दिया है. हालांकि, यह पूरी घटना इंदौर में घटी है, जहां रेंजर पति पवन पवार की मौत के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी नेहा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इन दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत 18 साल पहले कोरबा में हुई थी.

एक ही दिन में दो मौत, इंदौर से लेकर कोरबा तक मातम

पवन का हाल ही में PSC के जरिए रेंजर के लिए चयन हुआ था. वहीं नेहा एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी. पवन ट्रेनिंग के लिए देहरादून जाने वाले थे, लेकिन वो कोरोना से संक्रमित हो गए और उन्हें भंवरकुआं के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन पवन की हालत में सुधार होने के बजाय उनकी तबीयत और भी बिगड़ती गई और इलाज के दौरान बुधवार को 36 साल के पवन ने दम तोड़ दिया. पवन की मौत का सदमा नेहा को इस कदर लगा कि वो कुछ बोल तक नहीं पा रही थी.

अपने फ्लैट में नेहा ने लगाई फांसी

पवन की मौत के करीब ढाई घंटे बाद परिजन पवन का शव अस्पताल से बड़वानी ले जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच नेहा ने कहा कि उसे अपने फ्लैट से कुछ कपड़े लेने हैं. वह भाई अनुराग को लेकर अपने अपार्टमेंट पहुंची और भाई को नीचे ही रहने को कहा. नेहा लिफ्ट के जरिए अपने कमरे में पहुंची. इसके बाद उसने फांसी लगा ली. उसका भाई नेहा का इंतजार करता रहा. काफी वक्त बीत जाने के बाद नेहा का भाई अनुराग फ्लैट में गया, जहां नेहा फांसी के फंदे पर लटकी मिली. जिसके बाद अनुराग ने इसकी सूचना पुलिस को दी.

'पवन को बचा लो... नहीं तो मैं जान दे दूंगी'

नेहा और पवन के बीच प्यार इतना गहरा था कि वो अपने परिजनों से हमेशा कहती रहती थी कि कुछ भी करो, लेकिन पवन को बचा लो, नहीं तो मैं खुद को कुछ कर लूंगी. नेहा ने उस वक्त जैसा परिजनों से कहा था, वैसा ही किया. निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात नेहा ने भी आत्महत्या कर ली.

छत्तीसगढ़ के कोरबा से शुरू हुई प्रेम कहानी का इंदौर में दुखद अंत

पवन की मां राजश्री पवार बड़वानी के पाटी में खंड शिक्षा अधिकारी हैं, पिता भी शिक्षा विभाग में हैं. 18 साल पहले पवन और नेहा की पहली मुलाकात कोरबा में हुई थी. जब पवन अपनी मौसी के घर आए थे. दोनों में काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई और दोस्ती प्रेम में बदल गई. 13 साल के लंबे रिलेशनशिप के बाद 5 साल पहले दोनों का प्रेम विवाह हुआ था. पवन फिलहाल इंदौर में थे और उनका रेंजर के लिए चयन हुआ था. उसी दौरान नेहा भी इंदौर आ गई और वो एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई. तब से दोनों का जीवन अच्छा गुजर रहा था, लेकिन कोरोना ने परिवार की खुशियां छीन लीं. पवन की कोरोना से मौत के बाद ये सदमा नेहा नहीं झेल सकी और आखिरकार सुबह करीब 10:30 बजे नेहा ने अपने ही फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और इस तरह 18 साल पहले शुरू हुई प्रेम कहानी का अंत हो गया.

पढ़ेंः बेड नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने एंबुलेंस में किया कोरोना मरीज का इलाज

कोरबा : एक खूबसूरत प्रेम कहानी को कोरोना की नजर लग गई. अपने पति को आंखों के सामने दम तोड़ता देख पत्नी ने भी अपनी जान ले ली. इस तरह देखते ही देखते एक खुशहाल परिवार पूरी तरह से खत्म हो गया. कोराना ने ना जाने कितने ही ऐसे हंसते-खेलते परिवारों को बर्बाद कर दिया है. हालांकि, यह पूरी घटना इंदौर में घटी है, जहां रेंजर पति पवन पवार की मौत के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी नेहा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इन दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत 18 साल पहले कोरबा में हुई थी.

एक ही दिन में दो मौत, इंदौर से लेकर कोरबा तक मातम

पवन का हाल ही में PSC के जरिए रेंजर के लिए चयन हुआ था. वहीं नेहा एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी. पवन ट्रेनिंग के लिए देहरादून जाने वाले थे, लेकिन वो कोरोना से संक्रमित हो गए और उन्हें भंवरकुआं के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन पवन की हालत में सुधार होने के बजाय उनकी तबीयत और भी बिगड़ती गई और इलाज के दौरान बुधवार को 36 साल के पवन ने दम तोड़ दिया. पवन की मौत का सदमा नेहा को इस कदर लगा कि वो कुछ बोल तक नहीं पा रही थी.

अपने फ्लैट में नेहा ने लगाई फांसी

पवन की मौत के करीब ढाई घंटे बाद परिजन पवन का शव अस्पताल से बड़वानी ले जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच नेहा ने कहा कि उसे अपने फ्लैट से कुछ कपड़े लेने हैं. वह भाई अनुराग को लेकर अपने अपार्टमेंट पहुंची और भाई को नीचे ही रहने को कहा. नेहा लिफ्ट के जरिए अपने कमरे में पहुंची. इसके बाद उसने फांसी लगा ली. उसका भाई नेहा का इंतजार करता रहा. काफी वक्त बीत जाने के बाद नेहा का भाई अनुराग फ्लैट में गया, जहां नेहा फांसी के फंदे पर लटकी मिली. जिसके बाद अनुराग ने इसकी सूचना पुलिस को दी.

'पवन को बचा लो... नहीं तो मैं जान दे दूंगी'

नेहा और पवन के बीच प्यार इतना गहरा था कि वो अपने परिजनों से हमेशा कहती रहती थी कि कुछ भी करो, लेकिन पवन को बचा लो, नहीं तो मैं खुद को कुछ कर लूंगी. नेहा ने उस वक्त जैसा परिजनों से कहा था, वैसा ही किया. निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात नेहा ने भी आत्महत्या कर ली.

छत्तीसगढ़ के कोरबा से शुरू हुई प्रेम कहानी का इंदौर में दुखद अंत

पवन की मां राजश्री पवार बड़वानी के पाटी में खंड शिक्षा अधिकारी हैं, पिता भी शिक्षा विभाग में हैं. 18 साल पहले पवन और नेहा की पहली मुलाकात कोरबा में हुई थी. जब पवन अपनी मौसी के घर आए थे. दोनों में काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई और दोस्ती प्रेम में बदल गई. 13 साल के लंबे रिलेशनशिप के बाद 5 साल पहले दोनों का प्रेम विवाह हुआ था. पवन फिलहाल इंदौर में थे और उनका रेंजर के लिए चयन हुआ था. उसी दौरान नेहा भी इंदौर आ गई और वो एक निजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई. तब से दोनों का जीवन अच्छा गुजर रहा था, लेकिन कोरोना ने परिवार की खुशियां छीन लीं. पवन की कोरोना से मौत के बाद ये सदमा नेहा नहीं झेल सकी और आखिरकार सुबह करीब 10:30 बजे नेहा ने अपने ही फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और इस तरह 18 साल पहले शुरू हुई प्रेम कहानी का अंत हो गया.

पढ़ेंः बेड नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने एंबुलेंस में किया कोरोना मरीज का इलाज

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