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इलाहाबाद HC ने उप्र सरकार को सही आईना दिखाया, जवाबदेही तय हो: प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ‘नरसंहार’ करार दिए जाने के बाद बुधवार को कहा कि अदालत ने राज्य की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया है.

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Published : May 5, 2021, 1:58 PM IST

प्रियंका गांधी वाद्रा
प्रियंका गांधी वाद्रा

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ‘नरसंहार’ करार दिए जाने के बाद बुधवार को कहा कि अदालत ने राज्य की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया है तथा अब जवाबदेही तय होनी चाहिए.

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, उच्च न्यायालय ने सरकार को सही आईना दिखाया है. उप्र सरकार ऑक्सीजन की कमी की बात को लगातार झुठलाती रही. कमी की बात बोलने वालों को धमकी देती रही. जबकि सच्चाई ये है कि ऑक्सीजन की कमी से लगातार मौतें हुई हैं और इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए दावा किया, सरकार कहती है कि कोई अभाव नहीं है. लेकिन जमीन पर लोग सरकार के इस बयान की सच्चाई बता रहे हैं. अभाव ही अभाव है. अभाव के चलते ब्लैक मार्केटिंग वाले आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. बस सरकार का कोई अता - पता नहीं है.

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ऑक्सीजन की कमी से हुई कोविड-19 मरीजों की मौत से जुड़ी खबरों पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इनकी 48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच करें. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने राज्य में संक्रमण के प्रसार और पृथक-वास केन्द्र की स्थिति संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

पढ़ें : फडणवीस का रेमडेसिविर की जमाखोरी मानवता के खिलाफ अपराध: प्रियंका

अदालत ने कहा,हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड मरीजों की जान जा रही है. यह एक आपराधिक कृत्य है और यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है जिन्हें तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की सतत खरीद एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है.

नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ‘नरसंहार’ करार दिए जाने के बाद बुधवार को कहा कि अदालत ने राज्य की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया है तथा अब जवाबदेही तय होनी चाहिए.

उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, उच्च न्यायालय ने सरकार को सही आईना दिखाया है. उप्र सरकार ऑक्सीजन की कमी की बात को लगातार झुठलाती रही. कमी की बात बोलने वालों को धमकी देती रही. जबकि सच्चाई ये है कि ऑक्सीजन की कमी से लगातार मौतें हुई हैं और इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए दावा किया, सरकार कहती है कि कोई अभाव नहीं है. लेकिन जमीन पर लोग सरकार के इस बयान की सच्चाई बता रहे हैं. अभाव ही अभाव है. अभाव के चलते ब्लैक मार्केटिंग वाले आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. बस सरकार का कोई अता - पता नहीं है.

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ऑक्सीजन की कमी से हुई कोविड-19 मरीजों की मौत से जुड़ी खबरों पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इनकी 48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच करें. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने राज्य में संक्रमण के प्रसार और पृथक-वास केन्द्र की स्थिति संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

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अदालत ने कहा,हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड मरीजों की जान जा रही है. यह एक आपराधिक कृत्य है और यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है जिन्हें तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की सतत खरीद एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है.

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