शिमला: 12-13 सितंबर को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने आपदा प्रभावित हिमाचल का दौरा किया. जिसके बाद वो दिल्ली लौट गईं. हिमाचल से लौटने के बाद प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने आपदा से हिमाचल को हुए नुकसान को लेकर पीएम मोदी को अवगत कराया. साथ ही हिमाचल में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की. गौरतलब है कि पिछले ही दिनों प्रियंका कुल्लू, मंडी, सोलन और शिमला का दौरा करके वापस लौटी हैं.
प्रियंका गांधी ने हिमाचल में आई आपदा को लेकर पीएम मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने हिमाचल में आई आपदा को केदारनाथ की तर्ज पर राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की. पीएम मोदी को पत्र में उन्होंने लिखा देवभूमि हिमाचल प्रदेश में लोग अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. राज्य में आई बाढ़ और भूस्खलन से भीषण विनाश हुआ है. इस तबाही से निपटने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रही है. मैंने हिमाचल की जनता को राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संकट का सामना करते हुए देखा. कहीं कोई सड़क की मरम्मत के लिए श्रमदान में जुटा है तो कहीं आपदा प्रभावित लोग, स्कूली बच्चे, किसान आपस में चंदा जुटाकर राहत कार्यक्रमों में मदद कर रहे हैं. एकजुटता की इस भावना से मैं बहुत प्रभावित हुई. इसी भावना के साथ मैं आपको यह पत्र लिख रही हूं.
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा कि इस त्रासदी में जब हिमाचल की जनता मदद की उम्मीद में चारों ओर देख रही है, उसी समय केंद्र सरकार द्वारा विदेशी सेब पर आयात ड्यूटी घटाने से हिमाचल के सेब किसानों और बागबानों पर दोहरी आर्थिक मार पड़ेगी. इस मुश्किल वक्त में किसानों को ऐसी चोट नहीं देनी चाहिए, बल्कि केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के किसानों को किसी भी तरह की आर्थिक मदद मिल पाए तो, उन्हें सहूलियत मिलेगी.
प्रियंका गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि कि इस आपदा को 2013 की केदारनाथ त्रासदी की तरह राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. साथ ही पीड़ितों व राज्य को आर्थिक मदद पहुंचाई जाए. ताकि हिमाचल के लोगों को राहत मिले और राज्य का समुचित ढंग से पुनर्निर्माण किया जा सके. प्रियंका ने कहा आज पूरा देश आगे बढ़कर हिमाचल के साथ खड़ा हो रहा है. उम्मीद है कि आप हिमाचल की जनता के प्रति संवेदनशीलता रखते हुए मदद के उचित कदम उठाएंगे.
प्रियंका गांधी ने पत्र में हाल ही में अपने हिमाचल दौरे का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों वह शिमला, कुल्लू, मनाली और मंडी में आपदा पीड़ितों से मिली. हर तरफ हुई तबाही देखकर बहुत दुःख हुआ. अब तक इस आपदा में 428 लोगों ने जान गंवाई है. कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपने सभी परिजन इस आपदा में खो दिए. मृतकों में छोटे बच्चे भी शामिल हैं, जो अपनी माताओं के साथ सावन के अंतिम सोमवार को सुबह-सुबह शिव मंदिर में पूजा करने गए थे. राज्य में 16,000 से ज्यादा पशु-पक्षी मारे गये हैं. जिनमें 10,000 से अधिक पोल्ट्री बर्ड और 6,000 से अधिक गाय, भैंसे व अन्य पालतू जानवर हैं.
वहीं, 13,000 से ज्यादा घर और मकान पूरी तरह या आंशिक रूप क्षतिग्रस्त हुए हैं. शिमला से परवाणू राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल्लू-मनाली-लेह राजमार्ग के बड़े-बड़े हिस्से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. राज्य की अनेक सड़कें पूरी या आंशिक रूप से टूट चुकी हैं. प्रदेश को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है.