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भाजपा ने किसानों का अपमान किया : प्रियंका गांधी

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Published : Mar 7, 2021, 10:39 PM IST

यूपी में कांग्रेस की किसान महापंचायत जारी है. रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मेरठ के कैली गांव में पांचवीं किसान महापंचायत को संबोधित किया. इस दौरान प्रियंका गांधी के निशाने पर बीजेपी सरकार रही. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद संसद में किसानों का अपमान किया है.

प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी

लखनऊ : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान कांग्रेस ने किसान आंदोलन को किसान महापंचायत का रूप दे दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसान महापंचायत कर रही हैं. रविवार को प्रियंका गांधी ने मेरठ के कैली गांव में किसान महापंचायत को संबोधित किया. इस दौरान प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को जारी रखने की सलाह दी. साथ ही नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने दो दोस्तों के बारे में सोचते हैं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद संसद में किसानों का अपमान किया है. पीएम मोदी किसानों को आंदोलनजीवी कहकर हंसे हैं, जिससे किसानों का अपमान हुआ है.

मेरठ में आयोजित महापंचायत में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी और अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि उनका एक ही नारा है 'हम दो, हमारे दो'. इस बात से उन्होंने अंबानी-अडानी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं. जब तक यह काले कानून वापस नहीं हो जाते, तब तक आपको आंदोलन करते रहना है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी आपके साथ हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने दो दोस्तों के लिए सोचते हैं, किसानों से उनका कोई वास्ता नहीं है, जबकि देश को आजादी दिलाने में किसानों का सबसे बड़ा योगदान रहा है.

प्रियंका गांधी का बयान
'कृषि कानूनों से पूंजीपत्तियों को होगा फायदा'

प्रियंका ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ये कृषि कानून इसलिए बनाए हैं, जिससे उनके दो साथियों अंबानी और अडानी को फायदा पंहुचाया जा सके. पहला कानून भाजपा नेताओं के अरबपति मित्रों के लिए बनाया गया है. यह कानून जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा, जबकि 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कानून बनाकर जमाखोरी बंद करवाई थी. बीजेपी सरकार में उसी कानून को बदला गया है. ये नया कानून बड़े-बड़े खरबपतियों को फायदा पहुंचाएगा. किसान को उनकी फसल का दाम क्या मिलना है? फसल को कब और कैसे खरीदा जाएगा ? ये व्यापारी तय करेंगे.

'जमाखोरी को मिलेगा बढ़ावा'

प्रियंका गांधी ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी, क्योंकि उस कानून के तहत बड़े पूंजीपति अपनी प्राइवेट मंडियां खोलेंगे. वहां किसान को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इससे साफ होता है कि टैक्स से बचने के लिए किसान प्राइवेट मंडियों में अपनी फसल बेचने जाएंगे, जिससे जमाखोर किसान की फसल की जमाखोरी करने लगेंगे. जब मन चाहेगा तब किसान से उसकी फसल को मनमाने दाम खरीदा जाएगा. उसके लिए कोई न्यूतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित नहीं किया जाएगा.

'नए कानून से सरकारी मंडियां बंद होंगी'

प्रियंका ने आगे कहा कि तीसरा कानून एक तरह से कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का कानून है. इसके तहत किसानों के साथ ठेके पर एक योजना बनाई जाएगी. इस योजना में कोई भी पूंजीपति किसान को अपनी मर्जी से फसल उगाने को कहेगा और उसे मनमानी कीमत पर खरीद लेगा. इस कानून के तहत पूंजीपति फसल तैयार होने के बाद तय मूल्य पर उसे खरीदेगा. सब उसी पर निर्भर करेगा. कुल मिलाकर तीनों कानून इस तरह से बनाए गए हैं कि सरकारी मंडियां बंद हो जाएं और आपको फसलों को न्यूतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाए.

पढ़ें- विदेशी छात्र पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर, अमेरिका में लगाएंगे टिकैत के नाम का पौधा


'16 हजार करोड़ से 2 हवाई जहाज खरीदे '

प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी सभाओं में कहा था कि गन्ना किसानों का बकाया है. खास तौर पर यह पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी समस्या है. इस समस्या को वे हल करेंगे. उन्होंने कहा था कि सत्ता में आते ही 15 दिन में गन्ने का 15 हजार करोड़ रुपये का भुगतान ब्याज समेत कराया जाएगा, लेकिन 15 दिन तो दूर साल भर में भी गन्ने का भुगतान नहीं हो पाया है. पीएम मोदी के लिए 16 हजार करोड़ रुपये से दो हवाई जहाज सरकारी खजाने से खरीदे गए हैं, लेकिन 15 हजार करोड़ का किसानों का बकाया देने की जरूरत नहीं समझी गई.

'किसानों का आंदोलनजीवी कहकर किया अपमान'

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद संसद में किसानों का अपमान किया है. पीएम मोदी किसानों को आंदोलनजीवी कहकर हंसे हैं, जिससे किसानों का अपमान हुआ है. उन्होंने कहा कि 100 दिन से किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है. पीएम मोदी अमेरिका और पाकिस्तान तक घूम आए, लेकिन दिल्ली में किसानों बीच जाकर उनकी सुनवाई नहीं की. जबकि 100 दिन से देश के लाखों किसान इसी आशा में आंदोलन कर रहे हैं कि पीएम मोदी उनकी सुनने वहां आएंगे, लेकिन वो नहीं आए. कांग्रेस इस आंदोलन में किसानों के साथ है.

लखनऊ : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान कांग्रेस ने किसान आंदोलन को किसान महापंचायत का रूप दे दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में किसान महापंचायत कर रही हैं. रविवार को प्रियंका गांधी ने मेरठ के कैली गांव में किसान महापंचायत को संबोधित किया. इस दौरान प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को जारी रखने की सलाह दी. साथ ही नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने दो दोस्तों के बारे में सोचते हैं. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद संसद में किसानों का अपमान किया है. पीएम मोदी किसानों को आंदोलनजीवी कहकर हंसे हैं, जिससे किसानों का अपमान हुआ है.

मेरठ में आयोजित महापंचायत में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी और अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि उनका एक ही नारा है 'हम दो, हमारे दो'. इस बात से उन्होंने अंबानी-अडानी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं. जब तक यह काले कानून वापस नहीं हो जाते, तब तक आपको आंदोलन करते रहना है. इसके लिए कांग्रेस पार्टी आपके साथ हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी केवल अपने दो दोस्तों के लिए सोचते हैं, किसानों से उनका कोई वास्ता नहीं है, जबकि देश को आजादी दिलाने में किसानों का सबसे बड़ा योगदान रहा है.

प्रियंका गांधी का बयान
'कृषि कानूनों से पूंजीपत्तियों को होगा फायदा'

प्रियंका ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ये कृषि कानून इसलिए बनाए हैं, जिससे उनके दो साथियों अंबानी और अडानी को फायदा पंहुचाया जा सके. पहला कानून भाजपा नेताओं के अरबपति मित्रों के लिए बनाया गया है. यह कानून जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा, जबकि 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कानून बनाकर जमाखोरी बंद करवाई थी. बीजेपी सरकार में उसी कानून को बदला गया है. ये नया कानून बड़े-बड़े खरबपतियों को फायदा पहुंचाएगा. किसान को उनकी फसल का दाम क्या मिलना है? फसल को कब और कैसे खरीदा जाएगा ? ये व्यापारी तय करेंगे.

'जमाखोरी को मिलेगा बढ़ावा'

प्रियंका गांधी ने कहा कि इन कानूनों के लागू होने से सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी, क्योंकि उस कानून के तहत बड़े पूंजीपति अपनी प्राइवेट मंडियां खोलेंगे. वहां किसान को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इससे साफ होता है कि टैक्स से बचने के लिए किसान प्राइवेट मंडियों में अपनी फसल बेचने जाएंगे, जिससे जमाखोर किसान की फसल की जमाखोरी करने लगेंगे. जब मन चाहेगा तब किसान से उसकी फसल को मनमाने दाम खरीदा जाएगा. उसके लिए कोई न्यूतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित नहीं किया जाएगा.

'नए कानून से सरकारी मंडियां बंद होंगी'

प्रियंका ने आगे कहा कि तीसरा कानून एक तरह से कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का कानून है. इसके तहत किसानों के साथ ठेके पर एक योजना बनाई जाएगी. इस योजना में कोई भी पूंजीपति किसान को अपनी मर्जी से फसल उगाने को कहेगा और उसे मनमानी कीमत पर खरीद लेगा. इस कानून के तहत पूंजीपति फसल तैयार होने के बाद तय मूल्य पर उसे खरीदेगा. सब उसी पर निर्भर करेगा. कुल मिलाकर तीनों कानून इस तरह से बनाए गए हैं कि सरकारी मंडियां बंद हो जाएं और आपको फसलों को न्यूतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाए.

पढ़ें- विदेशी छात्र पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर, अमेरिका में लगाएंगे टिकैत के नाम का पौधा


'16 हजार करोड़ से 2 हवाई जहाज खरीदे '

प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी सभाओं में कहा था कि गन्ना किसानों का बकाया है. खास तौर पर यह पश्चमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी समस्या है. इस समस्या को वे हल करेंगे. उन्होंने कहा था कि सत्ता में आते ही 15 दिन में गन्ने का 15 हजार करोड़ रुपये का भुगतान ब्याज समेत कराया जाएगा, लेकिन 15 दिन तो दूर साल भर में भी गन्ने का भुगतान नहीं हो पाया है. पीएम मोदी के लिए 16 हजार करोड़ रुपये से दो हवाई जहाज सरकारी खजाने से खरीदे गए हैं, लेकिन 15 हजार करोड़ का किसानों का बकाया देने की जरूरत नहीं समझी गई.

'किसानों का आंदोलनजीवी कहकर किया अपमान'

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद संसद में किसानों का अपमान किया है. पीएम मोदी किसानों को आंदोलनजीवी कहकर हंसे हैं, जिससे किसानों का अपमान हुआ है. उन्होंने कहा कि 100 दिन से किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है. पीएम मोदी अमेरिका और पाकिस्तान तक घूम आए, लेकिन दिल्ली में किसानों बीच जाकर उनकी सुनवाई नहीं की. जबकि 100 दिन से देश के लाखों किसान इसी आशा में आंदोलन कर रहे हैं कि पीएम मोदी उनकी सुनने वहां आएंगे, लेकिन वो नहीं आए. कांग्रेस इस आंदोलन में किसानों के साथ है.

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