नई दिल्ली : केंद्र की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के खिलाफ पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि मैं इस बारे में राजनीतिक बहस में नहीं पड़ना चाहता, इसका अर्थशास्त्र बहुत स्पष्ट है. सरकार के पास बड़ी संख्या में संपत्ति है, यदि उनके लिए मुद्रीकरण करना और संसाधन जुटाना संभव है जिससे हम नए बुनियादी ढांचे में निवेश कर सकें या अर्थव्यवस्था या समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान कर सकें, तो इसमें गलत क्या है?
उन्होंने आर्थक बहस को अनावश्यक बताया और कहा कि मुंबई और कोलकाता में कई जमीनें हैं जो परित्यक्त हैं और उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है. क्यों न हम उन जमीनों का इस्तेमाल करें और उनका मुद्रीकरण करें, जिससे नए उपयोगकर्ता उनका लाभ उठा सकें.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी संसाधनों के कुशल उपयोग के खिलाफ कोई सार्थक आर्थिक तर्क दे सकता है, लेकिन राजनीतिक तर्क संभव है.
उन्होंने पूंजी बाजार को मजबूत और प्रभावशाली संपत्ति को बताते हुए कहा कि इन दोनों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ने की स्थिति में है. वहीं, घरेलू और विदेशी निवेशकों ने उन बड़े सुधारों की सराहना करना शुरू कर दिया है जो हमने कई वर्षों में किए हैं.
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बता दें कि कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त पी चिदंबरम (Former Finance P Chidambaram) ने मुंबई में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) के उद्देश्य पर सवाल किया कि क्या इसका उद्देश्य चार साल की अवधि में राजस्व बढ़ाना है? उन्होंने इसे दिनदहाड़े लुट कहा है.
वहीं, इस पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने मुद्रीकरण से हर साल प्राप्त होने वाले जिन 1.5 लाख करोड़ रुपये को किराया कहा है. उसकी बदौलत देश में नई अवसंरचना के निर्माण में नए सिरे से कहीं ज्यादा सरकारी निवेश करने का मार्ग प्रशस्त होगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने भी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. नेशनल मोनेटाजेशन पाइपलाइन (NMP) को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मुद्रीकरण (Monetization) के जरिए देश को लूट रही है.