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प्रधानमंत्री मुख्य सचिवों के दूसरे सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. तीन दिवसीय सम्मेलन राज्यों के साथ साझेदारी में तेजी से और निरंतर आर्थिक विकास हासिल करने पर केंद्रित होगा. पीएमओ के अनुसार यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा. मुख्य सचिवों का ऐसा पहला सम्मेलन जून 2022 में धर्मशाला में आयोजित किया गया था.

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
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Published : Jan 5, 2023, 6:38 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 और 7 जनवरी को दिल्ली में होने वाले मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. पीएमओ ने कहा कि यह सम्मेलन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा. मुख्य सचिवों का पहला ऐसा सम्मेलन जून, 2022 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित किया गया था.

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इस वर्ष, मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन 5 से 7 जनवरी तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. तीन दिवसीय सम्मेलन राज्यों के साथ साझेदारी में तीव्र और निरंतर आर्थिक विकास को हासिल करने पर केंद्रित होगा. पीएमओ ने कहा कि इसमें 200 से अधिक लोग भाग लेंगे, जिनमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होंगे. पीएमओ के मुताबिक यह सम्मेलन विकास और रोजगार सृजन तथा समावेशी मानव विकास पर जोर देते हुए विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा.

पढ़ें: ललितपुर में सोने की खदान मिलने का दावा, जल्द ही शुरू होगी खुदाई

सम्मेलन के लिए पिछले तीन महीनों में नोडल मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और डोमेन विशेषज्ञों के बीच 150 से अधिक भौतिक और आभासी परामर्श बैठकों में व्यापक विचार-विमर्श के बाद सम्मेलन का एजेंडा तय किया गया है. सम्मेलन के दौरान चर्चा छह पहचाने गए विषयों पर आयोजित की जाएगी. इस बार एजेंडे में एमएसएमई पर जोर, अवसंरचना और निवेश, कम से कम अनुपालन, महिला अधिकारिता, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं.

पढ़ें: आंध्र प्रदेश: टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की रैली को पुलिस ने रोका, समर्थकों ने जताई नाराजगी

तीन विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे जिसमें विकसित भारत: अंतिम मील तक पहुंचना, माल और सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल, सीख और अनुभव और वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां और भारत की प्रतिक्रिया जैसे मुद्दों पर बात की जायेगी. इसके अलावा, चार विषयों पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा जिसमें वोकल फॉर लोकल, बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष, जी20: राज्यों की भूमिका और उभरती प्रौद्योगिकियां. सम्मेलन में प्रत्येक विषय के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख सकें.

प्रधान मंत्री के निर्देश के अनुसार, मुख्य सम्मेलन से पहले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ तीन ऑनलाइन सम्मेलन भी आयोजित किए गए थे. इन ऑनलाइन सम्मेलनों के परिणामों को मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा.

पढ़ें: न्यायमूर्ति नजीर अयोध्या भूमि विवाद, निजता के अधिकार पर न्यायालय के ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 और 7 जनवरी को दिल्ली में होने वाले मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी. पीएमओ ने कहा कि यह सम्मेलन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और बढ़ावा देने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम होगा. मुख्य सचिवों का पहला ऐसा सम्मेलन जून, 2022 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित किया गया था.

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इस वर्ष, मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन 5 से 7 जनवरी तक दिल्ली में आयोजित किया जाएगा. तीन दिवसीय सम्मेलन राज्यों के साथ साझेदारी में तीव्र और निरंतर आर्थिक विकास को हासिल करने पर केंद्रित होगा. पीएमओ ने कहा कि इसमें 200 से अधिक लोग भाग लेंगे, जिनमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होंगे. पीएमओ के मुताबिक यह सम्मेलन विकास और रोजगार सृजन तथा समावेशी मानव विकास पर जोर देते हुए विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा.

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सम्मेलन के लिए पिछले तीन महीनों में नोडल मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और डोमेन विशेषज्ञों के बीच 150 से अधिक भौतिक और आभासी परामर्श बैठकों में व्यापक विचार-विमर्श के बाद सम्मेलन का एजेंडा तय किया गया है. सम्मेलन के दौरान चर्चा छह पहचाने गए विषयों पर आयोजित की जाएगी. इस बार एजेंडे में एमएसएमई पर जोर, अवसंरचना और निवेश, कम से कम अनुपालन, महिला अधिकारिता, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं.

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तीन विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे जिसमें विकसित भारत: अंतिम मील तक पहुंचना, माल और सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल, सीख और अनुभव और वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां और भारत की प्रतिक्रिया जैसे मुद्दों पर बात की जायेगी. इसके अलावा, चार विषयों पर केंद्रित विचार-विमर्श किया जाएगा जिसमें वोकल फॉर लोकल, बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष, जी20: राज्यों की भूमिका और उभरती प्रौद्योगिकियां. सम्मेलन में प्रत्येक विषय के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख सकें.

प्रधान मंत्री के निर्देश के अनुसार, मुख्य सम्मेलन से पहले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ तीन ऑनलाइन सम्मेलन भी आयोजित किए गए थे. इन ऑनलाइन सम्मेलनों के परिणामों को मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया जाएगा.

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