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पीएम मोदी कर रहे शांति की उम्मीद, पर शहबाज शरीफ ने अलापा 'कश्मीर राग'

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Published : Apr 18, 2022, 10:50 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ को पत्र लिखकर आतंक और हिंसा मुक्त वातावरण की उम्मीद जतायी है, जिससे दोनों देश अपना ध्यान राष्ट्र के विकास पर केंद्रित कर सकें. वहीं, पत्र के जवाब में पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 'कश्मीर राग' अलापने से बाज नहीं आए. पढ़ें, ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की विशेष रिपोर्ट...

पीएम मोदी
पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ को पत्र लिखकर आतंक और हिंसा मुक्त वातावरण की उम्मीद जतायी है, जिससे दोनों देश अपना ध्यान राष्ट्र के विकास पर केंद्रित कर सकें. वहीं, पत्र के जवाब में पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी कहा कि पाक, भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर समेत अन्य विवादों का शांतिपूर्ण समाधान भी जरूरी है.

उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को शहबाज के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने पत्र के जरिये बधाई दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में दोहराया कि भारत पाकिस्तान के साथ सकारात्मक संबंध चाहता है. राष्ट्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए वह प्रतिबद्ध है. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, 'मैं यह भी बताना चाहूंगा कि भारत शांति, सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. हमें अपने लोगों के विकास और प्रगति पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है.'

इस बीच, पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 16 अप्रैल को पीएम मोदी के पत्र का जवाब दिया था. अपने पत्र में, पीएम शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण और सहकारी संबंधों का आह्वान किया, लेकिन कश्मीर मुद्दे को उठाने का कोई मौका भी नहीं छोड़ा. इस पर पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने कहा कि इस्लामाबाद अब खुद को अलग-थलग महसूस करने लगा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पार्थसारथी ने कहा कि रूसी आर्थिक रूप से गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है और अब पाकिस्तान को सहायता देने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं, पाकिस्तान अफगान सीमा पर समस्याओं का सामना कर रहा है. इसलिए, भारत की सीमा पर अब स्थिति स्थिर है और आगे की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है. पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त के रूप में अपने अनुभव को याद करते हुए, पार्थसारथी ने कहा कि वह पीएम शरीफ को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, जबकि उस समय शरीफ को आर्थिक विकास, भारत में आईटी उद्योग में दिलचस्पी थी.

पार्थसारथी ने कहा कि पीएम शहबाज शरीफ के लिए भारत के साथ तनाव का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि नये पीएम एक ऐसा व्यक्ति है जो आर्थिक विकास में बहुत रुचि लेते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में और सुधार की उम्मीद की जा सकती है, पार्थसारथी ने कहा कि पाकिस्तान से निपटने के लिए सुधार की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन बुरे परिणामों के लिए भी तैयार रहना चाहिए, जबकि भारत को कश्मीर मुद्दे पर सावधान रहने की जरूरत है.

पढ़ें : पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ आज करेंगे नए मंत्रिमंडल का गठन

पत्र में शरीफ ने कहा, 'हम मानते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध हमारे जनता व देश के विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए जरूरी हैं. पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण व सहयोगी संबंध चाहता है. जम्मू-कश्मीर समेत अन्य विवादों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है. पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ते हुए काफी कुछ खोया है. आइए, हम अपने लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करें.'

बता दें कि पुलवामा आतंकवादी हमले और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, दक्षिण एशिया में तनाव पैदा करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध कम हो गए हैं. पाकिस्तान ने ट्रेन और सड़क संपर्क भी रद्द कर दिये थे. भारत ने बार-बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीमा पार आतंकवादके मुद्दे को उठाया है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ को पत्र लिखकर आतंक और हिंसा मुक्त वातावरण की उम्मीद जतायी है, जिससे दोनों देश अपना ध्यान राष्ट्र के विकास पर केंद्रित कर सकें. वहीं, पत्र के जवाब में पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी कहा कि पाक, भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर समेत अन्य विवादों का शांतिपूर्ण समाधान भी जरूरी है.

उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को शहबाज के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने पत्र के जरिये बधाई दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में दोहराया कि भारत पाकिस्तान के साथ सकारात्मक संबंध चाहता है. राष्ट्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए वह प्रतिबद्ध है. पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, 'मैं यह भी बताना चाहूंगा कि भारत शांति, सुरक्षा और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. हमें अपने लोगों के विकास और प्रगति पर अपना ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है.'

इस बीच, पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 16 अप्रैल को पीएम मोदी के पत्र का जवाब दिया था. अपने पत्र में, पीएम शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण और सहकारी संबंधों का आह्वान किया, लेकिन कश्मीर मुद्दे को उठाने का कोई मौका भी नहीं छोड़ा. इस पर पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त जी पार्थसारथी ने कहा कि इस्लामाबाद अब खुद को अलग-थलग महसूस करने लगा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए पार्थसारथी ने कहा कि रूसी आर्थिक रूप से गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है और अब पाकिस्तान को सहायता देने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं, पाकिस्तान अफगान सीमा पर समस्याओं का सामना कर रहा है. इसलिए, भारत की सीमा पर अब स्थिति स्थिर है और आगे की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है. पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त के रूप में अपने अनुभव को याद करते हुए, पार्थसारथी ने कहा कि वह पीएम शरीफ को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, जबकि उस समय शरीफ को आर्थिक विकास, भारत में आईटी उद्योग में दिलचस्पी थी.

पार्थसारथी ने कहा कि पीएम शहबाज शरीफ के लिए भारत के साथ तनाव का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि नये पीएम एक ऐसा व्यक्ति है जो आर्थिक विकास में बहुत रुचि लेते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में और सुधार की उम्मीद की जा सकती है, पार्थसारथी ने कहा कि पाकिस्तान से निपटने के लिए सुधार की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन बुरे परिणामों के लिए भी तैयार रहना चाहिए, जबकि भारत को कश्मीर मुद्दे पर सावधान रहने की जरूरत है.

पढ़ें : पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ आज करेंगे नए मंत्रिमंडल का गठन

पत्र में शरीफ ने कहा, 'हम मानते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध हमारे जनता व देश के विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए जरूरी हैं. पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण व सहयोगी संबंध चाहता है. जम्मू-कश्मीर समेत अन्य विवादों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है. पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ते हुए काफी कुछ खोया है. आइए, हम अपने लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करें.'

बता दें कि पुलवामा आतंकवादी हमले और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, दक्षिण एशिया में तनाव पैदा करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध कम हो गए हैं. पाकिस्तान ने ट्रेन और सड़क संपर्क भी रद्द कर दिये थे. भारत ने बार-बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीमा पार आतंकवादके मुद्दे को उठाया है.

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