नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के मतुआ समाज के धर्मगुरु हरिचंद ठाकुर की 211वीं जयंती (211th birth anniversary of Matua Samaj religious leader Harichand Thakur) के अवसर पर मंगलवार को अखिल भारतीय मतुआ महासंघ की ओर से आयोजित किए जाने वाले मतुआ धर्म महा मेला को संबोधित (PM Modi to address Matua Dharma Maha Mela) करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मार्च को शाम 4.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पश्चिम बंगाल के ठाकुरबाड़ी के श्रीधाम ठाकुरनगर में आयोजित मतुआ धर्म महा मेला-2022 को संबोधित करेंगे.
हरिचंद ठाकुर ने देश की आजादी से पहले के दौर में अविभाजित बंगाल में उत्पीड़ित, समाज के दबे-कुचले और बुनियादी सुविधाओं से वंचित लोगों की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. PMO ने कहा कि उन्होंने सामाजिक एवं धार्मिक आंदोलन वर्ष 1860 में ओरकांडी (अब बांग्लादेश में) से शुरू किया था और फिर इसकी परिणति 'मतुआ धर्म' की स्थापना के रूप में हुई थी. मतुआ धर्म महा मेला 2022 का आयोजन अखिल भारतीय मतुआ महासंघ द्वारा 29 मार्च से पांच अप्रैल, 2022 तक किया जाएगा.
बता दें कि मतुआ समाज के बारे में कहा जाता है कि पश्चिम बंगाल का सियासी गणित काफी हद तक मतुआ मतों पर टिकता है. बंगाल में मतुआ मतदाताओं की संख्या एक करोड़ से अधिक है. उत्तर 24 परगना का ठाकुर नगर इनका गढ़ है. मतुआ समाज पूर्वी बंगाल और अब बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थी हैं. जातियों की श्रेणी में इन्हें अनुसूचित जाति के तौर पर रखा गया है और बंगाल की जनसंख्या में इनकी भागीदारी 17 प्रतिशत के आसपास है.
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इनके पूर्वज हरिचंद ठाकुर ने समाज में इनको सम्मान दिलाने और छूत के तौर पर देखे जाने वाले मतुआ लोगों के सामाजिक उद्धार का बीड़ा उठाया था. हरिचंद ठाकुर के बेटे गुरुचंद ठाकुर ने इस काम को और आगे बढ़ाया. मतुआ संप्रदाय को समाज में स्थापित करने का उन्होंने काम किया. इनका धर्म हिंदू है, लेकिन इनके भगवान हरिचंद ठाकुर और गुरुचंद ठाकुर हैं. मंदिरों में इन्हीं की मूर्ति है और इन्हीं की पूजा होती है.