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मणिपुर की हिंसा के बारे में झूठ बोल रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पूर्व सांसद बृंदा करात

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Published : Aug 16, 2023, 9:40 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 10:11 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से मणिपुर को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) की पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने बुधवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से तत्काल इस्तीफे की मांग की. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Former MP Brinda Karat
पूर्व सांसद बृंदा करात
पूर्व सांसद बृंदा करात से खास बातचीत

नई दिल्ली: पूर्व सांसद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) की पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत से एक विशेष बातचीत में कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा के हालात सामान्य हो रहे हैं. यह बात भी पूरी तरह ग़लत है. उन्होंने देश से झूठ बोला. वह (मोदी) मणिपुर में भाजपा सरकार की विफलता और जवाबदेही लेने को तैयार नहीं हैं.

करात ने कहा कि मणिपुर में स्थिति अभी भी अस्थिर है. करात ने कहा कि भाजपा द्वारा फैलाई गई यह कहानी कि मणिपुर हिंसा के पीड़ित सभी अवैध अप्रवासी हैं, उन्होंने भी मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया है. बीरेन सिंह सरकार की संवेदनहीन निष्क्रियता और अपने संवैधानिक कर्तव्य से विमुख होने से मणिपुर के लोगों में गुस्सा है. करात अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) के सदस्यों के साथ राज्य की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए 9 से 11 अगस्त तक मणिपुर में थीं.

उन्होंने संकीर्ण पहचान की राजनीति और नफरत की राजनीति के लिए भाजपा की तीखी आलोचना की. प्रतिनिधिमंडल ने पाया है कि पूरे मणिपुर में 350 राहत शिविरों में 55,000 से अधिक लोग हैं. करात ने कहा कि वे तीन महीने से अधिक समय से इन राहत शिविरों में रह रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. इन शिविरों में लोग बेहद ख़राब हालात में रह रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में बच्चे अभी भी स्कूल से बाहर हैं.

उन्होंने कहा कि इन शिविरों में कोई अच्छी सुविधाएं नहीं हैं. महिलाओं को राहत शिविरों में पुरुषों सहित सभी के साथ अपना स्थान साझा करने में बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है. भोजन और पोषण एक दुर्घटना है. लोग तीन महीने से सिर्फ दाल-चावल खा रहे हैं. AIDWA टीम ने मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों से बातचीत की. उन्होंने चुराचांदपुर का दौरा किया, जिसे अब लम्का कहा जाता है. वहां लगभग 250 राहत शिविर हैं, जिनमें 15,000 से अधिक लोग आश्रय ले रहे हैं.

AIDWA टीम ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में लिखा कि उस युवा लड़की और वृद्ध महिला से मिलना हृदय विदारक था, जिनकी आपबीती ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इन महिलाओं को पुलिस ने दंगाई भीड़ को सौंप दिया था. जब हमें इसका वर्णन किया गया, तो उस युवा लड़की के किशोर भाई और पिता की उसे बचाने की हताशा महसूस की जा सकती थी. भाई को बेरहमी से पीटा गया और सिर फोड़ दिया गया. पिता की भी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई.

AIDWA टीम ने अपनी रिपोर्ट में यौन हिंसा की शिकार महिला के हवाले से यह बात कही है. पीड़ित महिला कहना था कि हम अपना दुःख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते. कोई भी धनराशि हमारे नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती. हम इस सरकार से लड़ने के लिए मदद चाहते हैं और अपने लिए एक अलग प्रशासन चाहते हैं. मैं अपने बेटे और पति के शव देखना चाहती हूं. कृपया उन्हें देखने में मेरी मदद करें.

AIDWA टीम उन दो महिलाओं की आपबीती का जिक्र कर रही थी, जिन्हें 3 मई को नग्न अवस्था में घुमाया गया था और उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. घटना के वीडियो ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वैश्विक विवाद पैदा कर दिया. AIDWA टीम ने 15 मई को हुई एक अन्य सामूहिक बलात्कार घटना का भी जिक्र किया. 15 मई को एटीएम जाते समय जिस लड़की का अपहरण कर लिया गया था उसकी मां लिंगनेई ने अपने बच्चे के साथ जो हुआ उसके बारे में अपना दर्द बयां किया.

AIDWA टीम ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि पिता इंफाल में नगर परिषद में काम करते थे और मां शौचालय साफ करती थीं. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. लड़की, जो उनके चार बच्चों में से तीसरी संतान थी, आठवीं कक्षा तक पढ़ी और खराब स्वास्थ्य के कारण स्कूल छोड़ दिया. चूंकि माता-पिता दोनों कामकाजी हैं, इसलिए वह घर की देखभाल करती थी. उन्होंने 3 मई को इंफाल छोड़ दिया, जबकि लड़की अपने दोस्त के साथ वहीं रुक गई.

15 मई को वह एटीएम गई थी, जहां से उसका अपहरण कर लिया गया. उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और पहाड़ी की चोटी से फेंक दिया गया. इसके बाद भी वह जीवित है और अपने आघात से निपटने की कोशिश कर रही है. ऐसे कई अन्य उदाहरण हैं, जिन्हें उनकी रिपोर्ट पर संकलित किया गया है और AIDWA टीम अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने की कोशिश कर रही है. करात ने कहा कि अगर हमें अनुमति दी गई तो हम राष्ट्रपति से मिलेंगे और मणिपुर में देखी गई भयावह स्थिति के बारे में हमने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसे उन्हें सौंपेंगे.

पूर्व सांसद बृंदा करात से खास बातचीत

नई दिल्ली: पूर्व सांसद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) की पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत से एक विशेष बातचीत में कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा के हालात सामान्य हो रहे हैं. यह बात भी पूरी तरह ग़लत है. उन्होंने देश से झूठ बोला. वह (मोदी) मणिपुर में भाजपा सरकार की विफलता और जवाबदेही लेने को तैयार नहीं हैं.

करात ने कहा कि मणिपुर में स्थिति अभी भी अस्थिर है. करात ने कहा कि भाजपा द्वारा फैलाई गई यह कहानी कि मणिपुर हिंसा के पीड़ित सभी अवैध अप्रवासी हैं, उन्होंने भी मणिपुर में विभाजन को बढ़ावा दिया है. बीरेन सिंह सरकार की संवेदनहीन निष्क्रियता और अपने संवैधानिक कर्तव्य से विमुख होने से मणिपुर के लोगों में गुस्सा है. करात अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए) के सदस्यों के साथ राज्य की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए 9 से 11 अगस्त तक मणिपुर में थीं.

उन्होंने संकीर्ण पहचान की राजनीति और नफरत की राजनीति के लिए भाजपा की तीखी आलोचना की. प्रतिनिधिमंडल ने पाया है कि पूरे मणिपुर में 350 राहत शिविरों में 55,000 से अधिक लोग हैं. करात ने कहा कि वे तीन महीने से अधिक समय से इन राहत शिविरों में रह रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. इन शिविरों में लोग बेहद ख़राब हालात में रह रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में बच्चे अभी भी स्कूल से बाहर हैं.

उन्होंने कहा कि इन शिविरों में कोई अच्छी सुविधाएं नहीं हैं. महिलाओं को राहत शिविरों में पुरुषों सहित सभी के साथ अपना स्थान साझा करने में बहुत शर्मिंदगी महसूस होती है. भोजन और पोषण एक दुर्घटना है. लोग तीन महीने से सिर्फ दाल-चावल खा रहे हैं. AIDWA टीम ने मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों से बातचीत की. उन्होंने चुराचांदपुर का दौरा किया, जिसे अब लम्का कहा जाता है. वहां लगभग 250 राहत शिविर हैं, जिनमें 15,000 से अधिक लोग आश्रय ले रहे हैं.

AIDWA टीम ने अपनी ग्राउंड रिपोर्ट में लिखा कि उस युवा लड़की और वृद्ध महिला से मिलना हृदय विदारक था, जिनकी आपबीती ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इन महिलाओं को पुलिस ने दंगाई भीड़ को सौंप दिया था. जब हमें इसका वर्णन किया गया, तो उस युवा लड़की के किशोर भाई और पिता की उसे बचाने की हताशा महसूस की जा सकती थी. भाई को बेरहमी से पीटा गया और सिर फोड़ दिया गया. पिता की भी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई.

AIDWA टीम ने अपनी रिपोर्ट में यौन हिंसा की शिकार महिला के हवाले से यह बात कही है. पीड़ित महिला कहना था कि हम अपना दुःख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते. कोई भी धनराशि हमारे नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती. हम इस सरकार से लड़ने के लिए मदद चाहते हैं और अपने लिए एक अलग प्रशासन चाहते हैं. मैं अपने बेटे और पति के शव देखना चाहती हूं. कृपया उन्हें देखने में मेरी मदद करें.

AIDWA टीम उन दो महिलाओं की आपबीती का जिक्र कर रही थी, जिन्हें 3 मई को नग्न अवस्था में घुमाया गया था और उनमें से एक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. घटना के वीडियो ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वैश्विक विवाद पैदा कर दिया. AIDWA टीम ने 15 मई को हुई एक अन्य सामूहिक बलात्कार घटना का भी जिक्र किया. 15 मई को एटीएम जाते समय जिस लड़की का अपहरण कर लिया गया था उसकी मां लिंगनेई ने अपने बच्चे के साथ जो हुआ उसके बारे में अपना दर्द बयां किया.

AIDWA टीम ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि पिता इंफाल में नगर परिषद में काम करते थे और मां शौचालय साफ करती थीं. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. लड़की, जो उनके चार बच्चों में से तीसरी संतान थी, आठवीं कक्षा तक पढ़ी और खराब स्वास्थ्य के कारण स्कूल छोड़ दिया. चूंकि माता-पिता दोनों कामकाजी हैं, इसलिए वह घर की देखभाल करती थी. उन्होंने 3 मई को इंफाल छोड़ दिया, जबकि लड़की अपने दोस्त के साथ वहीं रुक गई.

15 मई को वह एटीएम गई थी, जहां से उसका अपहरण कर लिया गया. उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और पहाड़ी की चोटी से फेंक दिया गया. इसके बाद भी वह जीवित है और अपने आघात से निपटने की कोशिश कर रही है. ऐसे कई अन्य उदाहरण हैं, जिन्हें उनकी रिपोर्ट पर संकलित किया गया है और AIDWA टीम अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने की कोशिश कर रही है. करात ने कहा कि अगर हमें अनुमति दी गई तो हम राष्ट्रपति से मिलेंगे और मणिपुर में देखी गई भयावह स्थिति के बारे में हमने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसे उन्हें सौंपेंगे.

Last Updated : Aug 16, 2023, 10:11 PM IST
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