कोपेनहेगन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिक्सेन से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पारस्परिक हित के अनेक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. जर्मनी से यहां पहुंचे मोदी का हवाईअड्डे पर डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने स्वागत किया. फ्रेडेरिक्सेन ने डेनमार्क के प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास मारियनबोर्ग पहुंचने पर भी मोदी की अगवानी की.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि कोपनहेगन में मित्रता को मजबूत करने के उद्देश्य से बातचीत. प्रधानमंत्री फ्रेडेरिक्सेन ने मारियनबोर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली डेनमार्क यात्रा है, जहां वह मंगलवार और बुधवार को द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय वार्ताओं में भाग लेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी से डेनमार्क पहुंचे हैं. उन्होंने जर्मनी में चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ विस्तृत द्विपक्षीय वार्ता की और भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श की सह-अध्यक्षता की. यह प्रधानमंत्री की पहली डेनमार्क यात्रा है. उन्होंने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा था कि मैं कोपेनहेगन की यात्रा करुंगा जहां प्रधानमंत्री फ्रेडेरिक्सेन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करुंगा. इससे डेनमार्क के साथ हमारी विशिष्ट हरित रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा का तथा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के अन्य पहलुओं की भी समीक्षा का अवसर मिलेगा.
भारत-डेनमार्क: हरित रणनीतिक साझेदारी सितंबर 2020 में एक डिजिटल सम्मेलन के दौरान शुरू हुई थी. यह साझेदारी अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री फ्रेडेरिक्सेन की भारत यात्रा के दौरान एक परिणामोन्मुखी पंचवर्षीय कार्ययोजना में बदली थी. मोदी क्वीन मारग्रेथे द्वितीय से भी मिलेंगे. वे भारत-डेनमार्क बिजनेस राउंडटेबल में भाग लेंगे और डेनमार्क में रहने वाले भारतवंशी समुदाय के साथ भी चर्चा करेंगे. भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मेक इन इंडिया, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों को आगे बढ़ाने में सक्रिय हैं. डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को मजबूत कर रही हैं जिनमें मुख्य रूप से आईटी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं.
डेनमार्क में भारतीय मूल के करीब 16000 लोग रहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेनमार्क में द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे. जहां वे 2018 में हुए पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से हुए सहयोग की समीक्षा करेंगे. मोदी ने कहा था कि इस शिखर सम्मेलन में महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने, जलवायु परिवर्तन, नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा, उभरते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य तथा आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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सम्मेलन में आर्थिक साझेदारी, हरित साझेदारी और आर्कटिक क्षेत्र में गतिशीलता एवं सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. मोदी ने कहा था कि शिखर सम्मेलन से इतर मैं चार अन्य नॉर्डिक देशों के नेताओं से भी मुलाकात करुंगा और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करुंगा. उन्होंने कहा कि नॉर्डिक देश स्थिरता, अक्षय ऊर्जा, डिजिटलीकरण और नवोन्मेषिता के क्षेत्र में भारत के महत्वपूर्ण साझेदार हैं. यह यात्रा नॉर्डिक क्षेत्र के साथ हमारे बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाने में मदद करेगी. नॉर्डिक देशों के साथ भारत का व्यापार पांच अरब डॉलर से अधिक का है.
(एजेंसी)