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भारत की 'पड़ोसी पहले नीति' में बांग्लादेश का 'विशेष स्थान' : राष्ट्रपति कोविंद - अरिंदम बागची

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बुधवार को ढाका पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की (Prez Kovind meets Bangladesh PM Hasina) और दोनों नेताओं ने आपसी हित एवं द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की.

Prez Kovind meets Bangladesh PM Hasina
राष्ट्रपति कोविंद शेख हसीना (फोटो ट्वीटर))
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Published : Dec 16, 2021, 12:08 AM IST

नई दिल्ली/ ढाका : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति में बांग्लादेश का एक 'विशेष स्थान' है. उन्होंने यहां अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के पहले दिन देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और 'संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ आधारित द्विपक्षीय संबंधों का और विस्तार किया जो एक रणनीतिक साझेदारी से कहीं बढ़कर' है.

इससे पहले, दिन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बुधवार को ढाका पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेंगे.

कोविंद के आगमन पर 21 तोपों की सलामी दी गई. कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति कोविंद सहित एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ एयर इंडिया वन की विशेष उड़ान से ढाका पहुंचे. बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. अब्दुल हामिद ने अपनी पत्नी के साथ ढाका के हजरत शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोविंद की अगवानी की.

विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने राष्ट्रपति कोविंद की बांग्लादेश यात्रा को 'शानदार शुरुआत' करार दिया. बागची ने ट्विटर पर लिखा, 'एक शानदार शुरुआत. बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद और उनकी पत्नी रशिदा हामिद ने राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद का ढाका पहुंचने पर विशेष स्वागत किया. संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ आधारित द्विपक्षीय संबंधों का और विस्तार किया जा रहा है, जो एक रणनीतिक साझेदारी से कहीं बढ़कर है.'

भारत के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, हामिद के साथ बैठक के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने दोहराया कि भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति में बांग्लादेश का एक 'विशेष स्थान' है और कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत की विकास साझेदारी सबसे व्यापक साझेदारियों में से एक है.

व्यापार एवं संपर्क के बारे में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संपर्क, भारत-बांग्लादेश संबंधों के बीच एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. बांग्लादेश को भारत के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक करार देते हुए उन्होंने कहा कि नई दिल्ली दोनों देशों के बीच अधिक संगठित और निर्बाध व्यापार के लिए प्रतिबद्ध है.

कोविंद ने कहा कि अंतरिक्ष, परमाणु प्रौद्योगिकी, रक्षा, दवा और अन्य उन्नत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भागीदारी की बहुत गुंजाइश है.

द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा

इससे पहले, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को ढाका में राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी हित एवं द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की.

राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, 'बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के आपसी हित और द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की.'

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन अच्छी तरह से आगे बढ़ रही : श्रृंगला

विदेशी सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने ढाका में एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच व्यापक रूप से बहुआयामी संबंधों के कई क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिसमें बंगबंधु और 1971 के युद्ध की विरासत को संयुक्त रूप से संरक्षित करना शामिल है.

उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और हम अगले साल इसका उद्घाटन करने की स्थिति में होंगे. उन्होंने कहा कि हम (भारत और बांग्लादेश) आकांक्षी राष्ट्र हैं. आज, हमने कनेक्टिविटी, संयुक्त निर्माण और सहयोग के मामले में अविश्वसनीय मात्रा में तालमेल हासिल किया है. हमने संबंधों में तेजी से वृद्धि के लिए मंच तैयार किया है.

वहीं, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों देशों ने बहुआयामी और व्यापक द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. दोनों नेताओं ने 1971 के मुक्ति संग्राम की भावना को भी याद किया और छह दिसंबर को मैत्री दिवस के संयुक्त उत्सव पर संतोष व्यक्त किया.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में बताया कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमीन ने भी यहां राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और 'उन्हें द्विपक्षीय सहयोग और भविष्य की संयुक्त परियोजनाओं में शानदार प्रगति से अवगत कराया, जिसमें संपर्क क्षेत्र में प्रगति भी शामिल है.'

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'विदेश मंत्री डॉ. मोमीन ने भारत के माननीय राष्ट्रपति से मुलाकात की और द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की. गणमान्य व्यक्तियों ने दोनों देशों के बीच मौजूदा मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा दोहराई.'

राष्ट्रपति कोविंद के साथ प्रधानमंत्री हसीना की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए, विदेश मंत्री मोमीन ने कहा कि उन्होंने भारतीय नेता से कहा कि दोनों देशों ने अब तक कई लंबित द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझा लिया है और शेष मुद्दे भी चर्चा के माध्यम से सुलझाए जाने की उम्मीद है. हसीना ने कहा कि ढाका-नई दिल्ली के सहयोग से क्षेत्र में शांति सुनिश्चित हुई है. उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में शांति कायम है क्योंकि दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं.'

पढ़ें- बांग्लादेश ने राष्ट्रपति कोविंद का गर्मजोशी से किया स्वागत, 50वें ‘विजय दिवस’ समारोह में होंगे शामिल

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से राष्ट्रपति कोविंद की यह पहली विदेश यात्रा है. वह यहां बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. घनिष्ठ संबंधों को प्रदर्शित करते हुए भारत भी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ की याद में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था.

नई दिल्ली/ ढाका : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति में बांग्लादेश का एक 'विशेष स्थान' है. उन्होंने यहां अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के पहले दिन देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और 'संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ आधारित द्विपक्षीय संबंधों का और विस्तार किया जो एक रणनीतिक साझेदारी से कहीं बढ़कर' है.

इससे पहले, दिन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बुधवार को ढाका पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया. अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेंगे.

कोविंद के आगमन पर 21 तोपों की सलामी दी गई. कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति कोविंद सहित एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ एयर इंडिया वन की विशेष उड़ान से ढाका पहुंचे. बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. अब्दुल हामिद ने अपनी पत्नी के साथ ढाका के हजरत शाह जलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोविंद की अगवानी की.

विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने राष्ट्रपति कोविंद की बांग्लादेश यात्रा को 'शानदार शुरुआत' करार दिया. बागची ने ट्विटर पर लिखा, 'एक शानदार शुरुआत. बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद और उनकी पत्नी रशिदा हामिद ने राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद का ढाका पहुंचने पर विशेष स्वागत किया. संप्रभुता, समानता, विश्वास और समझ आधारित द्विपक्षीय संबंधों का और विस्तार किया जा रहा है, जो एक रणनीतिक साझेदारी से कहीं बढ़कर है.'

भारत के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, हामिद के साथ बैठक के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने दोहराया कि भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति में बांग्लादेश का एक 'विशेष स्थान' है और कहा कि बांग्लादेश के साथ भारत की विकास साझेदारी सबसे व्यापक साझेदारियों में से एक है.

व्यापार एवं संपर्क के बारे में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संपर्क, भारत-बांग्लादेश संबंधों के बीच एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. बांग्लादेश को भारत के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक करार देते हुए उन्होंने कहा कि नई दिल्ली दोनों देशों के बीच अधिक संगठित और निर्बाध व्यापार के लिए प्रतिबद्ध है.

कोविंद ने कहा कि अंतरिक्ष, परमाणु प्रौद्योगिकी, रक्षा, दवा और अन्य उन्नत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भागीदारी की बहुत गुंजाइश है.

द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा

इससे पहले, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को ढाका में राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी हित एवं द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की.

राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, 'बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के आपसी हित और द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर चर्चा की.'

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन अच्छी तरह से आगे बढ़ रही : श्रृंगला

विदेशी सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने ढाका में एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच व्यापक रूप से बहुआयामी संबंधों के कई क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिसमें बंगबंधु और 1971 के युद्ध की विरासत को संयुक्त रूप से संरक्षित करना शामिल है.

उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और हम अगले साल इसका उद्घाटन करने की स्थिति में होंगे. उन्होंने कहा कि हम (भारत और बांग्लादेश) आकांक्षी राष्ट्र हैं. आज, हमने कनेक्टिविटी, संयुक्त निर्माण और सहयोग के मामले में अविश्वसनीय मात्रा में तालमेल हासिल किया है. हमने संबंधों में तेजी से वृद्धि के लिए मंच तैयार किया है.

वहीं, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों देशों ने बहुआयामी और व्यापक द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. दोनों नेताओं ने 1971 के मुक्ति संग्राम की भावना को भी याद किया और छह दिसंबर को मैत्री दिवस के संयुक्त उत्सव पर संतोष व्यक्त किया.

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में बताया कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए के अब्दुल मोमीन ने भी यहां राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की और 'उन्हें द्विपक्षीय सहयोग और भविष्य की संयुक्त परियोजनाओं में शानदार प्रगति से अवगत कराया, जिसमें संपर्क क्षेत्र में प्रगति भी शामिल है.'

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'विदेश मंत्री डॉ. मोमीन ने भारत के माननीय राष्ट्रपति से मुलाकात की और द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की. गणमान्य व्यक्तियों ने दोनों देशों के बीच मौजूदा मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा दोहराई.'

राष्ट्रपति कोविंद के साथ प्रधानमंत्री हसीना की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए, विदेश मंत्री मोमीन ने कहा कि उन्होंने भारतीय नेता से कहा कि दोनों देशों ने अब तक कई लंबित द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझा लिया है और शेष मुद्दे भी चर्चा के माध्यम से सुलझाए जाने की उम्मीद है. हसीना ने कहा कि ढाका-नई दिल्ली के सहयोग से क्षेत्र में शांति सुनिश्चित हुई है. उन्होंने कहा, 'इस क्षेत्र में शांति कायम है क्योंकि दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं.'

पढ़ें- बांग्लादेश ने राष्ट्रपति कोविंद का गर्मजोशी से किया स्वागत, 50वें ‘विजय दिवस’ समारोह में होंगे शामिल

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से राष्ट्रपति कोविंद की यह पहली विदेश यात्रा है. वह यहां बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. घनिष्ठ संबंधों को प्रदर्शित करते हुए भारत भी 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की 50वीं वर्षगांठ की याद में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था.

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