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Presidential Poll: उम्मीदवार बनने की क्या हैं योग्यताएं, कितने प्रस्तावकों की जरूरत, जानें सबकुछ

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Published : Jun 9, 2022, 8:27 PM IST

चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी और 29 जून नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी. 18 जुलाई को वोटिंग होगी और 21 जुलाई को मतों की गिनती होगी. आइए जानते हैं राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए क्या-क्या योग्यताएं चाहिए...

Presidential Poll
राष्ट्रपति चुनाव

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने 16वें राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को गति देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने की आकांक्षा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रस्तावक के तौर पर 50 सांसद, विधायक और अनुमोदक के तौर पर 50 अन्य की जरूरत होगी. इस कदम का उद्देश्य इस चुनाव से गैर गंभीर उम्मीदवारों को बाहर करना है, जिनमें से एक बार कुल 37 उम्मीदवारों में से 36 के नामांकन रद्द हो गए थे.

इसके अलावा उम्मीदवार को जमानत राशि के तौर पर 15,000 रुपये जमा करने होंगे. जमानत राशि 2,500 रुपये से बढ़ा कर 1997 में 15,000 रुपये कर दी गई, जब प्रस्तावकों और अनुमोदकों की कुल संख्या पहले से 10-10 बढ़ गई. साथ ही, उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए और वह 35 वर्ष का हो चुका हो, इसके अलावा संसद के निचले सदन (लोकसभा) का चुनाव लड़ने की अर्हता रखता हो. राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, कोई व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं माना जाएगा, यदि वह भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के तहत या राज्य सरकारों के नियंत्रण में आने वाले किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकार में लाभ के पद पर हो. हालांकि, कोई व्यक्ति सिर्फ इस कारण से लाभ के पद पर नहीं माना जाएगा कि वह केंद्र में राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति है या किसी राज्य का राज्यपाल है या केंद्रीय या किसी राज्य सरकार में मंत्री पद पर है.

1977 में कुल 37 में से 36 नामांकन पत्र खारिज
भारत में 18 जुलाई को 16वां राष्ट्रपति चुनाव होगा, जबकि पहला चुनाव 1952 में हुआ था. प्रथम पांच चुनावों के अनुभव से यह प्रदर्शित होता है कि जीतने की दूर-दूर तक कोई गुंजाइश नहीं होने के बावजूद राष्ट्रपति पद के लिए कुछ लोगों ने खुद को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया. उल्लेखनीय है कि सातवें चुनाव में 1977 में कुल 37 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे. हालांकि, नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 36 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हो गये और सिर्फ एक नामांकन पत्र वैध पाया गया, जो नीलम संजीव रेड्डी का था.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान, 21 को मतगणना

चिंता का एक अन्य विषय वह तरीका है, जिसके तहत कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया. इसलिए, किसी सम्भावित उम्मीदवार के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उसके नामांकन पत्र के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक और कम से कम 50 अनुमोदक हों. आगामी चुनाव में 4,809 निर्वाचक होंगे, जिनमें 776 सांसद और 4,033 विधायक होंगे. इनमें 223 राज्यसभा सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल हैं.

यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा के साथ ही चर्चा में आ गए आरिफ मोहम्मद खान

किसी उम्मीदवार द्वारा या उसकी ओर से चार नामांकन पत्र से अधिक दाखिल नहीं किए जा सकते या चुनाव अधिकारी द्वारा प्राप्त नहीं किया जाएगा. चुनाव याचिका, नतीजे घोषित होने के 30 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय में दायर की जा सकती है. इसे कोई उम्मीदवार या 20 या इससे अधिक निर्वाचक मिल कर याचिकाकर्ता के तौर पर दायर कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने 16वें राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को गति देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव लड़ने की आकांक्षा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रस्तावक के तौर पर 50 सांसद, विधायक और अनुमोदक के तौर पर 50 अन्य की जरूरत होगी. इस कदम का उद्देश्य इस चुनाव से गैर गंभीर उम्मीदवारों को बाहर करना है, जिनमें से एक बार कुल 37 उम्मीदवारों में से 36 के नामांकन रद्द हो गए थे.

इसके अलावा उम्मीदवार को जमानत राशि के तौर पर 15,000 रुपये जमा करने होंगे. जमानत राशि 2,500 रुपये से बढ़ा कर 1997 में 15,000 रुपये कर दी गई, जब प्रस्तावकों और अनुमोदकों की कुल संख्या पहले से 10-10 बढ़ गई. साथ ही, उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए और वह 35 वर्ष का हो चुका हो, इसके अलावा संसद के निचले सदन (लोकसभा) का चुनाव लड़ने की अर्हता रखता हो. राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, कोई व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं माना जाएगा, यदि वह भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के तहत या राज्य सरकारों के नियंत्रण में आने वाले किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकार में लाभ के पद पर हो. हालांकि, कोई व्यक्ति सिर्फ इस कारण से लाभ के पद पर नहीं माना जाएगा कि वह केंद्र में राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति है या किसी राज्य का राज्यपाल है या केंद्रीय या किसी राज्य सरकार में मंत्री पद पर है.

1977 में कुल 37 में से 36 नामांकन पत्र खारिज
भारत में 18 जुलाई को 16वां राष्ट्रपति चुनाव होगा, जबकि पहला चुनाव 1952 में हुआ था. प्रथम पांच चुनावों के अनुभव से यह प्रदर्शित होता है कि जीतने की दूर-दूर तक कोई गुंजाइश नहीं होने के बावजूद राष्ट्रपति पद के लिए कुछ लोगों ने खुद को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया. उल्लेखनीय है कि सातवें चुनाव में 1977 में कुल 37 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे. हालांकि, नामांकन पत्रों की जांच के दौरान 36 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हो गये और सिर्फ एक नामांकन पत्र वैध पाया गया, जो नीलम संजीव रेड्डी का था.

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चिंता का एक अन्य विषय वह तरीका है, जिसके तहत कुछ लोगों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया. इसलिए, किसी सम्भावित उम्मीदवार के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि उसके नामांकन पत्र के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक और कम से कम 50 अनुमोदक हों. आगामी चुनाव में 4,809 निर्वाचक होंगे, जिनमें 776 सांसद और 4,033 विधायक होंगे. इनमें 223 राज्यसभा सदस्य और लोकसभा के 543 सदस्य शामिल हैं.

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किसी उम्मीदवार द्वारा या उसकी ओर से चार नामांकन पत्र से अधिक दाखिल नहीं किए जा सकते या चुनाव अधिकारी द्वारा प्राप्त नहीं किया जाएगा. चुनाव याचिका, नतीजे घोषित होने के 30 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय में दायर की जा सकती है. इसे कोई उम्मीदवार या 20 या इससे अधिक निर्वाचक मिल कर याचिकाकर्ता के तौर पर दायर कर सकते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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