दमोह : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दमोह में जनजातीय कार्यक्रम को संबोधित किया. राष्ट्रपति सिंगौरगढ़ किले के रेनोवेशन और 26 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्यों की आधारशिला भी रखी.
राष्ट्रपति ने कहा कि जबतक देश के सभी पिछड़े लोगों का विकास नहीं होगा तबतक देश को समृद्धिशाली विकसित देश नहीं कहा जा सकता. केंद्र और राज्य सरकारें उनकी बेहतरी के लिए काम कर रही हैं.
रामनाथ कोविंद ने कहा कि मुझे पूर्व पीएम अटल बिहारी का आज स्मरण हो रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत सरकार में जनजातीय आयोग का गठन किया था.
राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय ट्राइबल मिनिस्ट्री बनी, अटल बिहारी की सोच सराहनीय थी.
राष्ट्रपति ने कहा कि हस्तशिल्प के क्षेत्र में हमारे जनजातीय भाई विशेष कला के धनी हैं. हस्तशिल्प को बढ़ावा देना चाहिए.
जनजातीय समुदायों ने दिया स्वाधीनता संग्राम में योगदान
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न जनजातीय समुदायों ने हमारे स्वाधीनता संग्राम में गौरवशाली योगदान दिया है. हमारे वे जनजातीय शहीद, केवल स्थानीय रूप से ही नहीं पूजे जाते हैं बल्कि पूरे देश में उन्हें सम्मान के साथ याद किया जाता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि आदिवासी समुदाय का कल्याण तथा विकास पूरे देश के कल्याण और विकास से जुड़ा हुआ है. इसी सोच के साथ केंद्र एवं राज्य की सरकारों द्वारा जनजातियों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं.'
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उन्होंने रानी दुर्गावती के बारे में कहा कि 'मुझे प्रसन्नता इस बात की है मैंने रानी दुर्गावती की मूर्ति पर फूल चढ़ाए. दमोह के हर घर-घर में वीरगाथा सुनाई जाती है.'
कार्यक्रम को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया.