ETV Bharat / bharat

लोक लेखा समिति के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करेंगे राष्ट्रपति

भारत की संसद की लोक लेखा समिति का शताब्दी वर्ष समारोह 4-5 दिसम्बर 2021 को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा. इस दौरान भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में लोक लेखा समिति के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करेंगे.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद
author img

By

Published : Dec 3, 2021, 6:52 PM IST

नई दिल्ली : भारत की संसद की लोक लेखा समिति का शताब्दी वर्ष समारोह 4-5 दिसम्बर 2021 को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा. इस संबंध में भारत की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति, अधीर रंजन चौधरी ने आज संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित किया.

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 4 दिसंबर, 2021 को पूर्वाह्न 1100 बजे संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में लोक लेखा समिति के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करेंगे. भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति, एम वेंकैया नायडु; लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला और भारत की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति, अधीर रंजन चौधरी इस समारोह में शामिल होंगे और विशिष्टजनों को संबोधित करेंगे.

चौधरी ने यह जानकारी दी कि भारत के राष्ट्रपति भारत की संसद की लोक लेखा समिति के शताब्दी स्मृति चिन्ह का विमोचन करेंगे. उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रपति समिति की एक शताब्दी की यात्रा को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे.

उन्होंने यह भी बताया कि समारोह के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी और अन्य विशिष्टजन भी शामिल होंगे.

सम्मेलन के दौरान आयोजित किए जा रहे सत्रों के बारे में जानकारी देते हुए लोक लेखा समिति के सभापति ने बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद लोक लेखा समिति नई दिल्ली स्थित संसदीय सौध के मुख्य समिति कक्ष में दो दिनों तक समिति के कार्यों से संबंधित चार एजेंडा विषयों पर विचार-विमर्श करेगी. इस सत्र में निम्नलिखित एजेंडा मदों पर चर्चा की जाएगी.

(i) वर्तमान समय में लोक लेखा समिति का कार्यकरण, चुनौतियां और भावी कार्य योजना : लोक लेखा समिति की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करना; गैर-सरकारी स्रोतों से जानकारी एकत्र करना; और कार्यक्रमों/योजनाओं/परियोजनाओं के परिणामों का आकलन करना.

(ii) लोक लेखा समिति की सिफारिशों का कार्यान्वयन: समय-सीमा का पालन और सिफ़ारिशों के कड़ाई से अनुपालन के लिए तंत्र.

(iii) लोक लेखा समिति विकास के भागीदार के रूप में: कार्यप्रणाली को मजबूत करने और सुशासन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना.

(iv) लोक लेखा समिति का प्रभाव: नागरिकों के उचित प्रक्रिया के अधिकार और करदाताओं के धन के सदुपयोग को सुनिश्चित करना.

पढ़ें - UPTET Paper Leak : आप सांसद संजय सिंह ने संसद में उठाया मुद्दा

चौधरी ने पांच दिसम्बर, 2021 के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए यह जानकारी दी कि लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन से संबंधित शताब्दी मोनोग्राफ (1921-2021) जारी करेंगे और रविवार, 5 दिसंबर 2021 को सम्मेलन में समापन भाषण देंगे. राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश और भारत की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति, अधीर रंजन चौधरी पांच दिसंबर, 2021 को विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे.

लोक लेखा समिति के सभापति ने बताया कि लोक लेखा समिति की संकल्पना पहली बार 1921 में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों को दृष्टिगत रखते हुए की गई थी. इसमें 22 से अधिक सदस्य नहीं होते हैं, जिनमें लोक सभा से 15 और राज्य सभा के 7 से अधिक सदस्य नहीं होते हैं. हर साल समिति का पुनर्गठन किया जाता है। 1967 से लोक सभा अध्यक्ष लोक सभा में विपक्षी दल के सदस्य को समिति का सभापति नियुक्त करते हैं.

नई दिल्ली : भारत की संसद की लोक लेखा समिति का शताब्दी वर्ष समारोह 4-5 दिसम्बर 2021 को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया जाएगा. इस संबंध में भारत की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति, अधीर रंजन चौधरी ने आज संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित किया.

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 4 दिसंबर, 2021 को पूर्वाह्न 1100 बजे संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में लोक लेखा समिति के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन करेंगे. भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति, एम वेंकैया नायडु; लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला और भारत की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति, अधीर रंजन चौधरी इस समारोह में शामिल होंगे और विशिष्टजनों को संबोधित करेंगे.

चौधरी ने यह जानकारी दी कि भारत के राष्ट्रपति भारत की संसद की लोक लेखा समिति के शताब्दी स्मृति चिन्ह का विमोचन करेंगे. उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रपति समिति की एक शताब्दी की यात्रा को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे.

उन्होंने यह भी बताया कि समारोह के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी और अन्य विशिष्टजन भी शामिल होंगे.

सम्मेलन के दौरान आयोजित किए जा रहे सत्रों के बारे में जानकारी देते हुए लोक लेखा समिति के सभापति ने बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद लोक लेखा समिति नई दिल्ली स्थित संसदीय सौध के मुख्य समिति कक्ष में दो दिनों तक समिति के कार्यों से संबंधित चार एजेंडा विषयों पर विचार-विमर्श करेगी. इस सत्र में निम्नलिखित एजेंडा मदों पर चर्चा की जाएगी.

(i) वर्तमान समय में लोक लेखा समिति का कार्यकरण, चुनौतियां और भावी कार्य योजना : लोक लेखा समिति की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करना; गैर-सरकारी स्रोतों से जानकारी एकत्र करना; और कार्यक्रमों/योजनाओं/परियोजनाओं के परिणामों का आकलन करना.

(ii) लोक लेखा समिति की सिफारिशों का कार्यान्वयन: समय-सीमा का पालन और सिफ़ारिशों के कड़ाई से अनुपालन के लिए तंत्र.

(iii) लोक लेखा समिति विकास के भागीदार के रूप में: कार्यप्रणाली को मजबूत करने और सुशासन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना.

(iv) लोक लेखा समिति का प्रभाव: नागरिकों के उचित प्रक्रिया के अधिकार और करदाताओं के धन के सदुपयोग को सुनिश्चित करना.

पढ़ें - UPTET Paper Leak : आप सांसद संजय सिंह ने संसद में उठाया मुद्दा

चौधरी ने पांच दिसम्बर, 2021 के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए यह जानकारी दी कि लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन से संबंधित शताब्दी मोनोग्राफ (1921-2021) जारी करेंगे और रविवार, 5 दिसंबर 2021 को सम्मेलन में समापन भाषण देंगे. राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश और भारत की संसद की लोक लेखा समिति के सभापति, अधीर रंजन चौधरी पांच दिसंबर, 2021 को विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे.

लोक लेखा समिति के सभापति ने बताया कि लोक लेखा समिति की संकल्पना पहली बार 1921 में मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों को दृष्टिगत रखते हुए की गई थी. इसमें 22 से अधिक सदस्य नहीं होते हैं, जिनमें लोक सभा से 15 और राज्य सभा के 7 से अधिक सदस्य नहीं होते हैं. हर साल समिति का पुनर्गठन किया जाता है। 1967 से लोक सभा अध्यक्ष लोक सभा में विपक्षी दल के सदस्य को समिति का सभापति नियुक्त करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.