नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक को मंजूरी दी. बता दें कि विधेयक को संसद के बजट सत्र में मंजूरी दी गई थी. इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल के अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है.
इससे पहले राज्यसभा ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को विपक्ष के भारी विरोध के बीच मंजूरी दी थी.
उच्च सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि संविधान के अनुसार सीमित अधिकारों वाली दिल्ली विधानसभा से युक्त एक केंद्रशासित राज्य है.
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उन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने फैसले में कहा है कि यह केंद्रशासित राज्य है. सभी संशोधन न्यायालय के निर्णय के अनुरूप हैं.
वहीं इस बिल को 22 मार्च को लोकसभा से पारित किया था.
बता दें कि विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, इस विधेयक में दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में सरकार का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा.
इसमें दिल्ली की स्थिति संघ राज्य क्षेत्र की होगी, जिससे विधायी उपबंधों के निर्वाचन में अस्पष्टताओं पर ध्यान दिया जा सके. इस संबंध में धारा 21 में एक उपधारा जोड़ी जाएगी.
इसमें कहा गया है कि विधेयक में यह भी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके.
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि उक्त विधेयक विधान मंडल और कार्यपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का संवर्द्धन करेगा तथा निर्वाचित सरकार एवं राज्यपालों के उत्तरदायित्वों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शासन की संवैधानिक योजना के अनुरूप परिभाषित करेगा.