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डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 136वीं जयंती, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने किया याद

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी 136वीं जयंती पर याद किया. राजेंद्र प्रसाद 1950 से 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति थे.

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Published : Dec 3, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 4:09 PM IST

राजेंद्र प्रसाद
राजेंद्र प्रसाद

नई दिल्ली : भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 136वीं जयंती है. इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया.

राष्ट्रपति कोविंद और अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति भवन में राजेंद्र प्रसाद को पुष्पांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें मेरी सादर श्रद्धांजलि. स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में उन्होंने अतुलनीय भूमिका निभाई. सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर आधारित उनका जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.

  • President Kovind paid floral tributes to Dr Rajendra Prasad, the first President of India, on his birth anniversary at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/DHWcnOevYN

    — President of India (@rashtrapatibhvn) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें मेरी सादर श्रद्धांजलि। स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में उन्होंने अतुलनीय भूमिका निभाई। सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर आधारित उनका जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के ग्लोबल पार्क में राजंद्र बाबू को श्रद्धांजलि दी.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को याद किया.

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे.

पढ़ें :- डॉ. राजेंद्र प्रसाद : संविधान निर्माण को लेकर कभी नहीं मिला अपेक्षित सम्मान

राजेंद्र प्रसाद 1950 से 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति थे.

वे एक राजनेता और वकील थे, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और बिहार से एक प्रमुख नेता बने.

वह महात्मा गांधी के समर्थक थे और 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा जेल भी गए.

नई दिल्ली : भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 136वीं जयंती है. इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया.

राष्ट्रपति कोविंद और अन्य नेताओं ने राष्ट्रपति भवन में राजेंद्र प्रसाद को पुष्पांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें मेरी सादर श्रद्धांजलि. स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में उन्होंने अतुलनीय भूमिका निभाई. सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर आधारित उनका जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.

  • President Kovind paid floral tributes to Dr Rajendra Prasad, the first President of India, on his birth anniversary at Rashtrapati Bhavan. pic.twitter.com/DHWcnOevYN

    — President of India (@rashtrapatibhvn) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर उन्हें मेरी सादर श्रद्धांजलि। स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में उन्होंने अतुलनीय भूमिका निभाई। सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत पर आधारित उनका जीवन देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

    — Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के ग्लोबल पार्क में राजंद्र बाबू को श्रद्धांजलि दी.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को याद किया.

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे.

पढ़ें :- डॉ. राजेंद्र प्रसाद : संविधान निर्माण को लेकर कभी नहीं मिला अपेक्षित सम्मान

राजेंद्र प्रसाद 1950 से 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति थे.

वे एक राजनेता और वकील थे, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और बिहार से एक प्रमुख नेता बने.

वह महात्मा गांधी के समर्थक थे और 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा जेल भी गए.

Last Updated : Dec 3, 2020, 4:09 PM IST
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