नई दिल्ली: राज्य विधानसभाओं में भाजपा की स्थिति को देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि पार्टी राज्यसभा की 57 सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनावों में 24 सीट में से केवल 20 सीट को ही बरकरार रख पाएगी, लेकिन शनिवार को चुनावी प्रक्रिया खत्म होने के साथ उसने 22 सीटों पर जीत हासिल कर ली. विपक्षी खेमे के अलग-अलग दलों के विधायकों के बीच आपसी खींचतान के कारण भाजपा एक निर्दलीय की जीत भी सुनिश्चित कराने में कामयाब रही.
भाजपा के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन की बदौलत राष्ट्रपति चुनाव से पहले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मजबूती मिली है और यह उसके प्रतिद्वंद्वियों के लिए एक झटका है क्योंकि राज्यसभा चुनावों ने फिर से महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक और हरियाणा तक विपक्षी दलों में व्याप्त असंतोष और एकजुटता की कमी को उजागर किया है. राजस्थान के अलावा इन राज्यों में निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करके या अपने स्वयं के उम्मीदवारों को उतारकर अपने प्रतिद्वंद्वियों के बीच मतभेद से भाजपा ने लाभ उठाया है क्योंकि पार्टी ने राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों में एक-एक अतिरिक्त सीट हासिल की.
हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न केवल अपने समर्थक विधायकों को एकजुट रखने में कामयाब रहे बल्कि निर्दलीय, निवर्तमान सांसद और मीडिया उद्यमी सुभाष चंद्रा के पक्ष में वोट जुटाने के भाजपा के अभियान को उन्होंने नाकाम कर दिया. भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पार्टी चुनाव के नतीजे से खुश है, खासकर महाराष्ट्र में जहां शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी को सत्ता में रहने के बावजूद झटका लगा, क्योंकि भाजपा छह में से तीन सीट जीत गई. भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी इस परिणाम से मजबूती मिली है.
भाजपा ने कर्नाटक में चार में से तीन सीट पर जीत दर्ज की क्योंकि प्रतिद्वंद्वी दल कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके और अलग-अलग लड़े तथा हार गए. हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पार्टी के उम्मीदवार अजय माकन के हारने से झटका लगा. कांग्रेस के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को वोट दिया और एक अन्य विधायक का वोट अमान्य हो गया.
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15 राज्यों की 57 सीट के लिए राज्यसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. कुल 11 राज्यों में 41 सदस्य निर्विरोध चुने गए, जबकि राज्य में रिक्तियों की तुलना में अधिक उम्मीदवारों की उपस्थिति के कारण शुक्रवार को चार राज्यों में 16 सीट के लिए चुनाव हुआ.
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होने वाला है. अगर मुकाबले में एक से अधिक उम्मीदवार होते हैं तो राज्यसभा के परिणाम सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए मनोबल बढ़ाने वाले हैं. लगभग 10.86 लाख मतों के निर्वाचक मंडल में, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 48 प्रतिशत से अधिक मत होने का अनुमान है और उम्मीद है कि वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल जैसे क्षेत्रीय दल उसका समर्थन करेंगे.
(पीटीआई-भाषा)